हाइटेक तकनीक के जरिये हुई 9वीं सदी की माता की पारम्परिक पूजा

माँ बरेजी के पूजनोत्सव में लगा मेडिकल कैंप, दूर-दूर से जुटे श्रद्धालु, 1500 लोगों की हुई जांच

वीडियो कॉलिंग से हुई पूजा की शुरुआत




वृन्दावन गोवर्धन, उत्तर प्रदेश से परमपूज्य जगतगुरु स्वामी राधामोहन शरण देवचार्ज महाराज ने श्रद्धांलूओ को दिया आशीर्वाद

आरा/जेठवार,14 मार्च. बदलते जमाने में हाई टेक्नोलॉजी के साथ ही लोगों के दैनिक जीवन से लेकर धार्मिक अनुष्ठानों में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है. यह बदलाव कभी तकनीक, तो कभी परिवेश और कभी ट्रेन्डिंग की मांग बन गयी गई है. इस बदलाव को सही या गलत मानने और इसका विरोध करने से कहीं ज्यादा इसे सकरात्मक रूप से देखने की जरूरत है क्योंकि तकनीक ने समय, मांग,संसाधनों को कहीं न कहीं से सदुपयोग के योग्य बना हमें अपने दिनचर्या से लेकर सँस्कृति से जोड़े रखा है. आप यह सोच रहे होंगे कि इतना डिस्कशन क्यों हो रहा है तो आपको बता दूँ कि इसी तकनीक का उपयोग कर पिछले दिनों भोजपुर के जेठवार में एक ऐसा ही आयोजन हुआ जिसमें गाँव ही नही बल्कि आस-पास के कई गांवों के लोग उसमें शामिल हुए. 12-13 मार्च को दो दिवसीय आयोजन में भक्तिमय वातावरण की धूम
जिला मुख्यालय से लेकर सोशल मीडिया तक देखने को मिला. आइए अब आपको यह बता दें कि यह कैसा और किस तरह का आयोजन था. जेठवार में भट्ट समुदाय की देवी हैं बरेजी देवी जिनका सलाना पूजा हर वर्ष श्रद्धा और उमंग से वहाँ के स्थानीय लोग मनाते हैं. यह पूजा माँ बरेजी मंदिर ट्रस्ट, जेठवार संचालित करता है.

माँ बरेजी की स्थापना 1969 में हुई थी और तब से यह सलाना जश्न हर वर्ष माँ की आराधना में आयोजित किया जाता है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि माँ बरेजी की महिमा अपरम्पार है. इनकी पूजा से सारे मनोरथ की सिद्धि होती है. यही नही इस मनोरथ सिद्धि मंदिर में इस बार पूजन भी हाइटेक ही हुआ. वीडियो कॉलिंग से पूजा की शुरुआत हुई और वृन्दावन गोवर्धन, उत्तर प्रदेश से परमपूज्य जगतगुरु स्वामी राधामोहन शरण देवचार्ज महाराज ने श्रद्धांलूओ को आशीर्वाद दिया.

इस पूजनोत्सव के साथ ही साथ इस दौरान माँ बरेजी ट्रस्ट के द्वारा मेगा मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया. ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रकाश कु राय ने बताया कि इस वर्ष की पूजा में लगभग 1500 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई. 12 मार्च से प्रारम्भ हुआ अखंड संकीर्तन दिनांक 13 मार्च को जलाभिषेक और भंडारे के साथ संपन्न हुआ. इस पूजनोत्सव में न सिर्फ आस-पास के क्षेत्र से बल्कि बिहार के लगभग 20 जिलों से लोग शामिल हुए. इस अवसर पर आय सैकड़ो सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों का सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया.

ट्रस्ट के संरक्षक व गाँव के वयोवृद्ध सुरेश राय ने बताया की गाँव के युवाओ ने मंदिर के जीर्णोद्धार की जिम्मेदारी ली है. ट्रस्ट के सचिव विजय राय ने कहा की आने वाले वर्षों में ट्रस्ट द्वारा इस क्षेत्र में आम जन के हितार्थ हॉस्पिटल, गरीब बच्चों के लिए स्कूल आदि की व्यवस्था किया जाएगा.

सम्मान समोरह का मंच संचालन करते डॉ पंकज भट्ट ने कहा कि लगभग 9वी सदी में राजा भोज ने पूर्वी विजय के दौरान भोजनगर की स्थापना की और तब से ही माना जाता है कि इस क्षेत्र में माँ की पूजा प्रारम्भ हुई.

सम्मान समारोह में राजेंद्र सिंह परिहार, वाल्मीकि शर्मा, मोजाम्बिक अफ्रीका में रह रहे गीतकार झून्ना बाबा, भूपेंद्र राय, रंजन राय, विनय कुमार समाजसेवी (पटना), उपेंद्र कुमार (जहानाबाद), पूर्व मुखिया विनोद कु राय (बक्सर), अरविन्द राय (मनोचिकित्सक), नेहरू राय (बक्सर), कमलेश राय छुलकार, भगवान राय, राधा कृष्ण राय, विपिन विहारी राय (कैमूर), संजीव कुमार(अरवल) आदि सैकड़ो लोगों को सम्मानित किया गया.

तकनीक के जरिये पूजा को अपने पारंपरिक अंदाज में आयोजित करने वालों में धीरज कुमार, राजू कुमार, रमेश राय, विक्रम राय, सुशील कुमार, पुरुषोत्तम राय, संतोष राय आदि की महत्वपूर्ण भागीदारी रही.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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