गुजरात, बंगाल के बाद अब बिहार के कई शहर में बवाल

सासाराम और नालंदा में पत्थरबाजी .आगजनी, धारा-144 लागूनालंदा में बवाल के बीच बिजली बहाल, ड्रोन से निगरानीडीएम बोले- उपद्रवियों पर होगी सख्त कार्रवाईलोग अभी अपने घरों में रहे और अफवाहों पर ध्यान ना दें- डीएम रामनवमी पर जुलूस के दौरान गुजरात, बंगाल के बाद बिहार के सासाराम में दो पक्ष आमने-सामने आ गए. इस दौरान हुए विवाद में पत्थरबाजी, वाहनों में तोड़फोड़ और कई झोपड़ीनुमा दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया. शहर में गोला बाजार की ओर जाने वाली सड़कें ईंट-पत्थरों से पटी हुई हैं. इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है, जिसे देखते हुए धारा-144 लागू कर दी गई है. सासाराम की गोला बाजार, कादिरगंज, मुबारकगंज, चौखंडी और नवरत्न बाजार पूरी तरह से बंद हैं. डीएम धर्मेंद्र कुमार और एसपी विनीत कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे हैं. पुलिस-प्रशासन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन दोनों पक्षों में तनाव की स्थिति अभी भी बनी हुई है. उधर, नगर थाना क्षेत्र के सहजलाल पीर मोहल्ले में दो पक्षों में तनाव के बाद पथराव और बमबारी की घटना सामने आई है. पथराव में सदर एसडीओ मनोज कुमार का बॉडीगार्ड सुशांत कुमार मंडल घायल हो गया. उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बता दें कि ये घटना केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सासाराम दौरे से दो दिन पहले हुई है. शाह पार्टी एक अप्रैल को पटना और अगले दिन सासाराम पहुंचेंगे. बिहार के नालंदा में रामनवमी जुलूस के दौरान दो समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई.

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कहां गए बिहार के 99,178 करोड़ रुपये

कैग ने चेताया-चूक हुई तो गारंटी बनेगी बोझ सीएजी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा कई विभागों का उपयोगिता प्रमाण लंबित सबसे अधिक पंचायती राज विभाग का मामला लंबित अपव्यय या दुरुपयोग की बड़ी आशंका भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक  ने 99,178 करोड़ 89 लाख की राशि खर्च का हिसाब नहीं मिलने पर सवाल उठाया है. राज्य सरकार को पेंशन राशि, बजट प्रबंधन की कमियों और पीडी खाता की राशि मामले पर सरकार को ध्यान दिलाया है. कैग ने चेताया है कि राज्य सरकार की बकाया गारंटी राशि 25 हजार करोड़ से अधिक हो गई है, लेकिन राज्य द्वारा न तो गारंटी मोचन निधि का गठन किया है. न ही गारंटी की अधिकतम सीमा निर्धारण के लिए किसी तरह के नियम बनाए. यह चूक सरकार पर वित्तीय भार बढ़ा सकता है. पिछले पांच वर्षों 2017-18 से 2021-22 तक बकाया गारंटियों की अधिकतम राशि 20581.52 करोड़ से बढ़ा कर 37,631 करोड़ 92 लाख किया गया है. 31 मार्च 2022 तक कुल बकाया गारंटियों की रकम (ब्याज सहित) 25069 करोड़ 78 करोड़ थी. विधानमंडल में शुक्रवार को नियंत्रक महालेखापरीक्षक से प्राप्त 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष 2021-22 के वित्त लेखे और विनियोग लेखे में यह खुलासा हुआ है. भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू ने कहा है कि 2121-22 में 99178 करोड़ 89 करोड़ के 23188 उपयोगिता प्रमाण पत्र 31 अगस्त 2020 तक जमा नहीं किए. इसलिए इस बात का कोई आश्वासन नहीं है कि 99178.89 करोड़ की राशि का वास्तव में उसी मद में खर्च हुए जिसके लिए राशि स्वीकृत

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रामनवमी पर राज्यपाल, सीएम नीतीश और बिहार भाजपा के दिग्गज नेता एक मंच पर दिखे

रामनवमी पर राजधानी में  गूंजा ‘जय-जय सियाराम’ जय श्री राम फूलों और गुलाब जल की होती रही बारिश मीठापुर की झांकी रावण का दरबार को लोगों ने किया पसंद राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रामनवमी पर निकलने वाली शोभायात्रा की आरती उतारी. इस दौरान बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित भाजपा नेता मौजूद रहे जिन्होंने शोभायात्रा का अभिवादन किया. रामनवमी पर बिहार में खास बात देखने को मिली. भगवान राम की आस्था में बिहार के पक्ष-विपक्ष के नेता एक मंच पर साथ खड़े नजर आए. भगवान श्रीराम की आरती के दौरान राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी सहित कई नेता मौजूद रहे. डाकबंगला चौराहा और आसपास का क्षेत्र गुरुवार की शाम ‘जय जय सियाराम’, ‘जय श्रीराम, बजरंग बली की जय’ आदि के जयघोष से गूंजता रहा. राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शाम में विभिन्न मोहल्लों से निकली शोभायात्रा की आरती उतारी और अभिनंदन किया. राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने शोभायात्रा के नेतृत्वकर्ताओं को प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया. राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उपस्थित जन समुदाय का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. आयोजन समिति ने अतिथियों को अंगवस्त्र से सम्मानित किया. उन्होंने रामनवमी की शुभकामनाएं भी राज्यवासियों को दीं. मंच से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री मनसुख भाई दलसानिया, नेता प्रतिपक्ष बिहार विधानसभा विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष बिहार विधान

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रामनवमी पर पटना के महावीर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

रात के दो बजे खुले पट,लोगों में उत्साह , ड्रोन से होगी फूल की बारिश अयोध्या से बुलाये गए 12 पुजारी कराएंगे विशेष पूजा तीन लाख से अधिक लोग करेंगे पूजा अर्चना कंकड़बाग में स्वयं सेवक पिला रहे है शरबत और पानी बिहार में रामनवमी की धूम देखने को मिल रही है. शहर के सभी मंदिर में सुबह से भगवानश्री राम  की पूजा के लिए भक्तों की भीड़ जमा हो रही है.पटना के महावीर मंदिर मेंरात दो बजेसेभक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है शहर के सभी मंदिर में सुबह से भगवान की पूजा के लिए भक्तों की भीड़ जमा हो रही है. बताया जा रहा है कि पटना के महावीर मंदिर में रात दो बजे से भक्तों की भीड़ देखनेको मिल रही है.आज यहां कम से कम तीन लाख लोग श्रीराम और भगवान राम के दर्शन के लिए आने की संभावना है. भक्तों की भीड़ को देखतेहुए हनुमान मंदिर की तरफ से विशेष इंतजाम किया गया है. भक्तों के लिए महावीर मंदिर से लेकर वीर कुंवर सिंह पार्क तक बांस बल्ले से बैरिकेडिंग की गई है. इसके साथ ही, मंदिर के कलश पर ड्रोन से पुष्प की वर्षा की जानेवाली है. मंदिर प्रबंधन की तरफ से बताया गया है कि इस वर्ष मंदिर में पूजा विशेष होने वाली है. भगवान के दर्शन भक्तों को जल्द से जल्द हो इसके लिए अयोध्या से 12 पूजारियों को बुलाया गया है. अपनी गाड़ी से भगवान के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों के लिए पार्किंग की व्यवस्था वीर कुंवर सिंह पार्क

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1 अप्रैल से पेनकिलर, एंटी-बायोटिक, एंटी-इन्फेक्टिव और कार्डिएक की दवाएं महंगी

पेन किलर, बुखार, हार्ट डिजीज समेत 800 से ज्यादा दवाएं होंगी महंगीदवाओं की कीमतें 12 फीसदी तक बढ़ जाएंगी एक अप्रैल 2023. इस तारीख से जरूरी दवाओं की कीमत बढ़ जाएगी. पेनकिलर, एंटी-बायोटिक, एंटी-इन्फेक्टिव और कार्डिएक की दवाएं महंगी हो जाएंगी. इनकी कीमत एक अप्रैल से 12 फीसदी तक बढ़ जाएगी.दवाओं की कीमतें घटाने-बढ़ाने का काम ने नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी करती है. पिछली साल एनपीपीए ने दवाओं की कीमतों में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. हर साल होलसेल प्राइस इंडेक्सके आधार पर एनपीपीए दवाओं की कीमतों में बदलाव करती है. ये कीमतें लिस्टेड दवाओं की है, जिनकी कीमत एनपीपीएतय करती है. गैर-लिस्टेड दवाओं की कीमतें इससे बाहर होतीं हैं और उनमें हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती है. ये लगातार दूसरा साल है जब लिस्टेड दवाओं की कीमतें गैर-लिस्टेड दवाओं के मुकाबले ज्यादा बढ़ीं हैं. लिस्टेड दवाएं जरूरी दवाओं की लिस्ट में होतीं हैं. इस फैसले का असर 800 से ज्यादा जरूरी दवाओं और मेडिकल डिवाइसेस पर पड़ेगा. इससे दवाओं की कीमतें 12.12 फीसदी बढ़ जाएंगी. सूत्रों ने बताया कि कीमतें बढ़ने का असर सभी पर पड़ेगा. जो लोग ज्यादा दवाएं लेते हैं, उनपर इसका सबसे बुरा असर पड़ेगा. लेकिन अब लोगों के पास पहले से ज्यादा ऑप्शन हैं.’1 अप्रैल से इन दवाओं की कीमत कच्चे माल की कीमत बढ़ने की वजह से बढ़ाई गई हैं, क्योंकि ये विदेश से आता है. कच्चे माल की कीमत बढ़ रही है, इसलिए सरकार को भी मजबूरन कीमतें बढ़ानी पड़ीं. PNCDESK

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तेजस्वी बन गए डैड राज घर आई लक्ष्मी

लालू प्रसाद और राबड़ी देवी ने दी है बधाई राशेल गोडिन्हो उर्फ़ राजश्री ने आज पुत्री को जन्म दिया बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के घर आज लक्ष्मी ने जन्म लिया है. वो अब पिता बन गया है.तेजस्वी ने इस आशय की जानकारी ट्वीट कर के दी है,माँ और बेटी दोनों स्वस्थ हैं .ईश्वर ने आनंदित होकर पुत्री रत्न के रूप में उपहार भेजा है. बुआ रोहिणी आचार्या ने ट्वीट का लिखा है भाई-भाभी के चेहरे पर खिली मुस्कान रहे मेरे घर में खुशियों का सदा यूँही वास रहे मन सुख के सागर में गोते भरे पापा बनने की खुशी में भाई तेजस्वी के चेहरे पे ऐसी खुशियां झलके.. pncdesk

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बिहार के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था पर अलग से होगी सीनेट की बैठक : अर्लेकर

बिहार के लोग बोझ नहीं.. बोझ उठाने वाले.. फिर क्यों जाना पड़ता पढ़ने के लिए अन्य प्रदेश आनेवाली पीढ़ी का भविष्य संवारना हो परम दायित्व  के एस डी संस्कृत विश्वविद्यालय के साढ़े चार अरब से अधिक के घाटे के बजट पर सीनेट ने लगाई मुहर संजय मिश्र,दरभंगा बिहार की लचर शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए नए प्रयोग देखने को मिल सकते हैं. इसके संकेत बिहार के नए गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दरभंगा में दिए. रविवार को के एस डी एस यू यानि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में सीनेट की 46 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए अलग से सीनेट की बैठक बुलाई जाएगी. कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दरबार हॉल में आयोजित सीनेट की बैठक में कहा कि ये विद्वत सभा है. सीनेट का कार्य सिर्फ बजट पास करना नहीं है. बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि शिक्षण संस्थानों की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार कैसे हो? शिक्षा में सुधार के लिए अलग से सीनेट की बैठक होगी जिसमें सिर्फ और सिर्फ शैक्षणिक वातावरण की बेहतरी पर ही चर्चा होगी. उन्होंने उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि सीनेट की ऐसी विशेष सम्मिलन में वे स्वयं उपस्थित रहेंगे. उन्होंने कहा कि सूबे के 13 करोड़ आबादी पर हमें गर्व है. बिहार के लोगों के बारे में कहा जाता है कि वे बोझ नहीं हैं ,बल्कि बोझ उठाने वाले हैं. फिर भी यहां के बच्चे दूसरे प्रदेशों में जाकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. इस पर हमें चिंतन करने की

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विश्व रंगमंच दिवस के बहाने भारतीय रंगमंच और संस्कृत रंगमंच

संस्कृत रंगमंच की उत्पत्ति भारत में लगभग 3500 साल पहले हुई ओपी पाण्डेय भारत में रंगमंच का इतिहास बहुत पुराना है. ऐसा समझा जाता है कि नाट्यकला का विकास सर्वप्रथम भारत में ही हुआ. ऋग्वेद के कतिपय सूत्रों में यम और यमी, पुरुरवा और उर्वशी आदि के कुछ संवाद हैं. इन संवादों में लोग नाटक के विकास का चिह्न पाते हैं. अनुमान किया जाता है कि इन्हीं संवादों से प्रेरणा ग्रहण कर लागों ने नाटक की रचना की और नाट्यकला का विकास हुआ. यथासमय भरतमुनि ने उसे शास्त्रीय रूप दिया. भरत मुनि ने अपने नाट्यशास्त्र में नाटकों के विकास की प्रक्रिया को इस प्रकार व्यक्त किया है. नाट्यकला की उत्पत्ति दैवी है, अर्थात् दु:खरहित सत्ययुग बीत जाने पर त्रेतायुग के आरंभ में देवताओं ने स्रष्टा ब्रह्मा से मनोरंजन का कोई ऐसा साधन उत्पन्न करने की प्रार्थना की जिससे देवता लोग अपना दु:ख भूल सकें और आनंद प्राप्त कर सकें. फलत: उन्होंने ऋग्वेद से कथोपकथन, सामवेद से गायन, यजुर्वेद से अभिनय और अथर्ववेद से रस लेकर, नाटक का निर्माण किया. विश्वकर्मा ने रंगमंच बनाया आदि आदि. नाटकों का विकास चाहे जिस प्रकार हुआ हो, संस्कृत साहित्य में नाट्य ग्रंथ और तत्संबंधी अनेक शास्त्रीय ग्रंथ लिखे गए और साहित्य में नाटक लिखने की परिपाटी संस्कृत आदि से होती हुई हिंदी को भी प्राप्त हुई. संस्कृत नाटक उत्कृष्ट कोटि के हैं और वे अधिकतर अभिनय करने के उद्देश्य से लिखे जाते थे. अभिनीत भी होते थे, बल्कि नाट्यकला प्राचीन भारतीयों के जीवन का अभिन्न अंग थी, ऐसा संस्कृत तथा पानी ग्रंथों के अन्वेषण

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दुनिया भर से बिहार पहुँचे 21 लोग, हफ्ते भर बिताया

UWC से आये लोगों को भाया बिहार, कहा सत्कार करने वाला राज्य है बिहार सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सस्टेनेबिलिटी कार्यशाला आरा में संपन्न Patna Now Exclusive आरा, 26 मार्च (ओ पी पाण्डेय). कभी विश्व के ज्ञान का केंद्र रहने वाला बिहार आज अपने नाम को लेकर कई भ्रांतियों से घिरा हुआ है. बिहार का नाम आते ही एक पूर्वाग्रह सोच की मकड़जाल लोगों को जकड़े हुए है. अपने कई क्षेत्रों में विकास के बाद भी बिहार का नाम सुनकर कोई भी आज से 30 वर्ष पहले का ही बिहार समझता है चाहे वह किसी राजनायक का नाम हो, या किसी भी क्षेत्र के किसी भी मशहूर शख्सियत का नाम. इस बात की चर्चा पिछले दिनों राजधानी पटना में हुए GTRI-3 में भी बड़े व्यापक पैमाने पर हुई थी. चर्चा यही थी कि दुनिया भर में आज बिहारी अपने मेहनत के बदौलत दुनिया के कई कंपनियों से लेकर, ब्युरोकेट्स और कई ब्रांड के नाम में शुमार हैं फिर भी बिहार के नाम आते ही सामने वाला का परसेप्शन चेंज नही होता और इसकी वजह है कि कोई यहाँ आकर उन बदलाव को नही महसूस करता है. लेकिन बिहार के इस बदलाव को महसूस किया है देश नही बल्कि दुनिया भर से आये 21 लोगों ने, जिन्होंने एक हफ्ते तक यहाँ रहकर न सिर्फ यहाँ की पुरानी पद्धति को सीखा बल्कि बिहार के लोकल आबादी के बीच उनसे मिलने के बाद उनके रहन-सहन ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि वे बिहार के मुरीद बन सुनहरी यादों के साथ अपने देश वापस लौटे हैं.

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सात दिवसीय सस्टेनेबिलिटी वर्कशॉप दे गया कई नई योजनायें

भोजपुर के आरा में कई देशों के छात्रों ने किया शिरकत दुनिया भर से 19 विद्यार्थी 2 शिक्षकों ने लिया भाग बिहार के बारे में बने बुरे पूर्वग्रह को तोड़ना मुख्य मकसद: कुमार प्रशांत घाना से निक, नाइजीरिया से ख़लील , विक्टोरिया जर्मनी से एबिलगे, इंडोनेशिया से मारिया ,पेरू से एंड्रिया ,साउथ अमेरिका से साना इस कार्यशाला में भाग लिया आरा के गोढना रोड स्थित सेंटर ऑफ रेजिलिएंस में 7 दिवसीय अंतरास्त्रीय सस्टेनेबिलिटी वर्कशॉप कुमार प्रशांत की अगुवाई में संपन्न हुआ. वर्कशॉप में भाग लेने के लिए दुनिया भर से 19 विद्यार्थी 2 शिक्षक समान आरा भोजपुर में रहे और कई कार्य किये. वर्कशॉप के दौरों लोगों ने सेंटर ऑफ रेजिलिएशन के फ्लोटिंग हाउस प्रोजेक्ट पर काम किया. छात्रों  ने पुराने पद्धतियों  का उपयोग कर बांस का घर बनाना सीखा. उसे साथ- साथ गोबर मिट्टी तथा चुने से वैदिक ईंट का प्रोटोटाइप बनाना भी सीखा. प्रशांत के मुताबिक इस तरह के वर्कशॉप से ​​बिहार को लेकर देश के लोगों का नजारा बदलेगा. इस तरह के वर्कशॉप सब कराटे है कि बिहार एक शांति प्रिय, प्रोग्रेसिव तथा वेलकमिंग राज्य है. यूडब्ल्यूसी शिक्षक सानिध्य के मुताबिक यूडब्ल्यूसी के आने का मुख्य उद्देशय बिहार के बारे में बने बुरे पूर्वग्रह को तोड़ना था जिस तरह से काफी था तक हम सफल भी हुए. नीदरलैंड के रहने वाली लिसा के अनुसार बिहार के बहुत ही सुंदर और विविध वाला प्रदेश है, यहां पर लोग काफी मिलनसार और स्वागत है. वर्कशॉप का आयोजन करने वाले कुमार प्रशांत गोहाना रोड के निवासी हैं. प्रशांत ने 4

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