राजभवन के नियम ताख पर, VKSU भ्रष्टाचार की साख पर

VKSU में छात्रों से 500 रुपये हो रही है जबरन वसूली PHD में नियमों के उल्लंघन पर राज्यपाल को पत्र पैट नोटिस में गड़बड़ी और कोर्सवर्क में अतिरिक्त शुल्क का मुद्दा आरा, 13 मार्च(ओ पी पाण्डेय). वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा प्री-PHD सत्र 2022 में आवेदन लिए जा रहे हैं. मगर पैट प्रवेश परीक्षा में राजभवन द्वारा निर्देशित PHD अधिनियम के उल्लंघन को लेकर सवाल खड़े हुए हैं. पैट की अधिसूचना में नियमों को दरकिनार किये जाने को लेकर पूर्ववर्ती छात्र संघ और दिल्ली सरकार की मैथिली भोजपुरी अकादमी के सदस्य तथा शोधार्थी रवि प्रकाश सूरज ने कुलाधिपति सह राज्यपाल को अलग अलग पत्र भेजकर पैट परीक्षा की अधिसूचना को अविलंब रद्द करने तथा दोषी अधिकारियों को दण्डित करने की मांग की है. पूर्ववर्ती छात्र संघ के सह संयोजक अभिषेक कुमार ने कहा कि पैट सूचना में सीटों की जानकारी नहीं है. पिछली बार भी यह कहकर कि बाद में सीटों की संख्या जारी की जाएगी मगर नहीं की गयी जिसका नतीजा यह है कि गणित सहित कई विभागों में कोर्सवर्क के समय विवाद हुआ. न्यूनतम योग्यता में स्नातकोत्तर में 55% अंक से उत्तीर्ण छात्र अनिवार्य है मगर अपेयरिंग छात्र से भी आवेदन लिए जा रहे. रवि प्रकाश सूरज ने कहा कि राजभवन से निर्देशित और अकादमिक काउंसिल से अनुमोदित फीस ही कोर्सवर्क छात्रों से लिया जाना है मगर 500 रु कम्प्यूटर के नाम पर जबरन वसूले जा रहे. पूर्ववर्ती छात्र संघ ने पूरे मामले को दुःखद बताते हुए कहा कि कुलपति के समक्ष ही राजभवन के परिनियमों की धज्जियाँ

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मिल गया भकुस्टा को कार्यालय के लिए जगह

भकुस्टा के नये कार्यालय का हुआ उद्घाटन आरा,12 मार्च. आज वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय सेवा शिक्षक संघ के नये कार्यालय का उद्घाटन हर्षोल्लास के माहौल में संपन्न हुआ. विश्वविद्यालय परिसर स्थित फ्लैट नंबर पांच में भकुस्टा का नया कार्यालय खोला गया जिसका उद्घाटन भकुस्टा-अध्यक्ष डा.दिवाकर पाण्डेय और महासचिव डा.जमील अख्तर ने फीता काटकर संयुक्त रूप से किया.भकुस्टा के सदस्यों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भकुस्टा का नया कार्यालय हर तरह से सुसज्जित कर इसे उपयोगी बनाया जाएगा. अब दूर दराज से आनेवाले शिक्षक को आश्रय पाने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. वे आराम से उसमें विश्राम कर सकेंगे और विशेष परिस्थिति में दो चार दिन ठहर भी सकेंगे. साथ ही साथ समय-समय पर यहां बौद्धिक विमर्श भी होता रहेगा. भकुस्टा-अध्यक्ष डा दिवाकर पाण्डेय ने कहा कि आज एक नयी परम्परा की शुरुआत हुई। अब आपसी विचार-विमर्श के लिए एक स्थायी स्थान उपलब्ध हो गया. इतना ही नहीं दूर दराज से आए शिक्षकों को अपना विश्राम स्थल भी प्राप्त हो गया. इसके लिए भकुस्टा माननीय कुलपति के प्रति आभार प्रकट करता है. इस कार्य में भकुस्टा उपाध्यक्ष डा.अरविंद कुमार की महती भूमिका रही. उद्घाटन समारोह में जैन काॅलेज के कॉमर्स विभागाध्यक्ष डा जितेंद्र कुमार,राधागोविंद सिंह,डा नीरज कुमार वर्मा,पूनम शुक्ला, लक्ष्मी कुमारी,मालविका तिवारी,माधवी कुमारी,प्रशांत कुमार,कुमार निर्भय,अंकुर त्रिपाठी,पी जी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमित कुमार,डा दूधनाथ चौधरी,अल्ताफ मल्लिक,संजय कुमार चौबे आदि शिक्षक उपस्थित थे. सभी ने जगह उपलब्ध कराने के लिए कुलपति के प्रति ह्रदय से आभार प्रकट किया. आरा से रवि प्रकाश सूरज की रिपोर्ट PNCB

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किसके कन्ट्रोल में शिक्षा विभाग, उठ रहे गंभीर सवाल

पटना।। बिहार का शिक्षा विभाग गंभीर सवालों के दौर से गुजर रहा है. सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर शिक्षा विभाग किसके नियंत्रण में है. बुधवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक के हस्ताक्षर से जारी एक पत्र ने बवाल खड़ा कर दिया है. क्योंकि इस पत्र के जारी होने के कई घंटे बाद खुद माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इसे फर्जी बता दिया. जबकि दोनों पत्र बिल्कुल सही दिखाई दे रहे हैं. करीब 3 महीने से सरकारी स्कूलों का समय बदलने की मांग हो रही है. बिहार विधानसभा और विधान परिषद में भी ये मामला कई बार उठ चुका है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में घोषणा की थी कि स्कूलों का समय सुबह 9.45 से शाम 4.15 तक होगा. लेकिन शिक्षा विभाग ने उनकी भी बात नहीं मानी और सदन के नेता की घोषणा को अनसुना कर दिया. अब देखने वाली बात होगी कि बजट सत्र के बाकी बचे दो दिन में इस सवाल को लेकर शिक्षा मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री क्या जवाब देते हैं. pncb

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सक्षमता परीक्षा के लिए 2 लाख 32 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने किया आवेदन

पटना।। 26 फरवरी से राज्य भर के नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन हो रहा है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने अब 26 फरवरी से 6 मार्च के बीच सक्षमता परीक्षा के आयोजन का निर्णय लिया है. इस बीच विभिन्न जगहों पर जहां एक तरफ नियोजित शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा. कई जगहों पर एडमिट कार्ड जलाकर नियोजित शिक्षकों ने इसका विरोध किया. वहीं तमाम जिलों में सक्षमता परीक्षा के एडमिट कार्ड लेने के लिए शिक्षकों की भीड़ देखी गई. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा राज्य के स्थानीय निकाय के शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा, 2024 (प्रथम) का आयोजन दिनांक 26.02.2024 से 06.03.2024 तक राज्य के 9 जिलों में कुल 52 कंप्यूटर केंद्रों पर किया जाएगा. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि सक्षमता परीक्षा, 2024 (प्रथम) के लिए राज्य के स्थानीय निकाय के 2,32,190 शिक्षकों द्वारा परीक्षा फॉर्म भरा गया है. बिहार बोर्ड के अनुसार प्रतिदिन परीक्षा का आयोजन दो पालियों में होगा. शिक्षकों के लिए कंप्यूटर केंद्र पर प्रथम पाली में Reporting Time पूर्वाह्न 8:30 बजे तथा Gate Closing Time 09:30 बजे पूर्वाह्न है. प्रथम पाली में परीक्षा का समय 10:00 बजे पूर्वाह्न से 12:30 बजे अपराह्न तक निर्धारित है. इसी प्रकार, द्वितीय पाली में कंप्यूटर केंद्र पर Reporting Time 01:30 बजे पूर्वाह्न तथा Gate Closing Time 02:30 बजे अपराह्न है. इस पाली में परीक्षा का आयोजन अपराह्न 3:00 बजे से 05:30 बजे तक किया जाएगा. 9 जिलों में कुल 52 कंप्यूटर केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में सशत्र पुलिस बल के साथ स्टैटिक

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शिक्षकों की आपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर

दिल्ली/पटना ।। बिहार के लाखों नियोजित शिक्षकों की आपत्ति को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी पटना हाईकोर्ट के आदेश पर मुहर लगा दी है. मामला वर्ष 2016 का है जब शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने संयुक्त रूप से आदेश जारी कर स्कूलों की जांच में जीविका दीदियों को लगा दिया था और 75 प्रतिशत से कम छात्र की उपस्थिति पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के वेतन से 50 प्रतिशत तक कटौती करने का आदेश दे दिया था. इसे परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस बारे में वंशीधर ब्रजवासी ने बताया कि इसकी सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने दो अगस्त, 2018 को आदेश पारित करते हुए सरकार के इस आदेश को निरस्त कर दिया और स्पष्ट किया कि बच्चों की उपस्थिति के लिए शिक्षक जिम्मेदार नहीं हैं और यह भी कहा कि जीविका दीदियां गैरसरकारी संगठन की सदस्य मात्र हैं, जिन्हें स्कूलों के निरीक्षण का कोई अधिकार नहीं है. ब्रजवासी ने बताया कि उसके बाद पटना हाईकोर्ट के फैसले को सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा दायर एसएलपी को शुक्रवार 23 फरवरी को खारिज कर दिया. फैसले से शिक्षा विभाग के उस आदेश पर सवाल खड़े हो गए हैं जिसमें छात्रों की कम उपस्थिति के लिए शिक्षकों को दोषी ठहराया जाता है. यही नहीं अब जीविका दीदी या समकक्ष से विद्यालय निरीक्षण भी सरकार नहीं करवा सकेगी. pncb

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सदन में मुख्यमंत्री के बयान पर भी नहीं माना शिक्षा विभाग

पटना।। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आखिरकार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक को नहीं समझा पाए. सीधी बात करें तो सदन में मुख्यमंत्री ने विद्यालय का संचालन सुबह 10 से दोपहर 4:00 बजे तक करने का निर्देश दिया. उन्होंने घोषणा की कि आगे विद्यालय 10:00 से 4:00 तक ही चलेंगे और वह इस मामले में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से बात करेंगे. लेकिन शाम होते-होते जो पत्र शिक्षा विभाग ने जारी किया है उसमें मुख्यमंत्री के निर्देश की सीधे-सीधे अवहेलना की गई है. सदन में मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया उसे एक तरह से झुठला दिया गया और विद्यालय का संचालन समय पूर्ववत 9 से 5 ही रखा गया है. शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक के हस्ताक्षर से जो पत्र जारी किया है उसमें सिर्फ टाइम टेबल में मामूली बर्ताव किया गया है और पत्र के आखिर में यह लिखा गया है कि शेष बातें यथावत रहेगी यानी संचालन का समय 9 से 5 ही रहेगा और शिक्षकों को सुबह 9:00 से 5:00 बजे तक स्कूल में रहना होगा जाहिर तौर पर स्कूल में बच्चों को भी 9:30 बजे ही पहुंचना पड़ेगा जबकि मुख्यमंत्री ने विद्यालय का संचालन 10:00 बजे से 4:00 बजे तक करने का स्पष्ट निर्देश दिया और सदन में भी इस बात का आश्वासन दिया कि विद्यालय अब 10:00 बजे से 4:00 बजे तक ही चलेंगे लेकिन जिस तरह से शिक्षा विभाग ने अब मुख्यमंत्री के सदन में दिए बयान को भी नहीं माना है उससे बड़ा सवाल खड़ा हो गया है

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तो क्या सीएम की भी नहीं सुनते के के पाठक!

पटना।। बिहार विधान मंडल में आज शिक्षकों के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को बोलने पर मजबूर कर दिया. विपक्ष ने के के पाठक के खिलाफ कार्रवाई करने और उनके तमाम आदेशों को वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया, जिसके बाद आखिरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जवाब देना पड़ा. मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि सरकारी स्कूलों का समय 10:00 बजे से 4:00 बजे तक ही होना चाहिए और आज ही के के पाठक को बुलाकर बात करेंगे. आपको याद दिला दें कि सरकारी स्कूलों के संचालन समय में परिवर्तन 1 दिसंबर 2023 से किया गया जिसे लेकर शिक्षक संगठन और बिहार के विधायक और विधान पार्षद भी कई बार मुख्यमंत्री से मिलकर डिमांड कर चुके थे. मुख्यमंत्री ने तब भी ये आश्वासन दिया था कि स्कूलों का समय 10:00 बजे से 4:00 बजे तक होगा लेकिन अब तक मुख्यमंत्री का आदेश भी लागू नहीं हो सका. आज जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद सदन में इस बात को स्वीकार किया कि मैंने तो कहा था कि 9 से 5 का समय बिल्कुल सही नहीं, 10 से 4 होना चाहिए. इस बात से यह स्पष्ट है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी नहीं सुनते. आप भी सुनिए क्या बोले सीएम नीतीश कुमार शिक्षक संगठन लंबे समय से इस बात की भी मांग कर रहे हैं कि वर्ष 2024 के लिए जारी स्कूलों की अवकाश तालिका में परिवर्तन किया जाए और इसे पूर्ववत किया जाए. बता दें कि

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विश्व पुस्तक मेला में डॉ हरेराम पाठक एवं डॉ चंद्रेश्वर को सम्मान

चौधरी कन्हैया प्रसाद स्मृति संस्थान, आरा द्वारा सम्मान समारोह नई दिल्ली, 19 फरवरी.’ विश्व पुस्तक मेला , नई दिल्ली के आखिरी दिन ‘सर्वभाषा ट्रस्ट, नई दिल्ली’ और चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह स्मृति संस्थान, आरा द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें हिंदी – भोजपुरी के प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ हरेराम पाठक को हिंदी आलोचना कोश’ के लिए एवं डॉ चंद्रेश्वर को भोजपुरी कथेतर साहित्य’ के लिए को देश के सम्मानित शती साहित्यकार रामदरश मिश्र जी के हाथों सम्मानित किया गया. निश्चित राशि, उत्तरीय और सम्मान-पत्र द्वारा उक्त दोनों साहित्यकारों को सम्मानित किया गया. डॉ चंद्रेश्वर की हाल ही में आरा और अपने गाँव पर पुस्तकों की काफी चर्चा रही है. सम्मान समारोह में हिंदी और भोजपुरी के कई साहित्यकार और पाठक उपस्थित थे. दिल्ली से रवि प्रकाश सूरज की रिपोर्ट

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मैट्रिक परीक्षा में समय पर पहुंचना जरूरी, बाउंड्री फांदते पकड़े गए तो होगी एफआइआर

पटना।। बिहार में मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा 15 फरवरी से शुरू हो रही है. परीक्षा को लेकर बिहार बोर्ड ने हर साल की तरह इस बार भी बेहद पुख्ता इंतजाम किए हैं. परीक्षा से एक दिन पहले बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने परीक्षार्थियों के लिए गाइडलाइंस जारी की है. गाइडलाइंस में एक बात को लेकर स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा से पहले परीक्षा केंद्र पर समय पर पहुंचना बेहद जरूरी है अगर कोई परीक्षार्थी तय समय के बाद पहुंचता है और बाउंड्री फांदने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और उसे 2 साल तक परीक्षा से वंचित भी कर दिया जाएगा. Bseb की ओर से जारी निर्देश के अनुसार परीक्षा केन्द्र पर यदि निर्धारित प्रवेश के समय के बाद विलंब से आने वाले कोई परीक्षार्थी अवैध रूप से चहारदिवारी (Boundary) से कूदकर अथवा गेट पर जबरदस्ती एवं अवैध रूप से परीक्षा केन्द्र में प्रवेश करता हुआ पाया जाएगा, तो ऐसे मामले को Criminal Trespass मानते हुए परीक्षार्थी को 2 वर्ष के लिए परीक्षा से निष्कासित किया जाएगा तथा उसके विरूद्ध प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी. साथ ही ऐसे परीक्षार्थी को केन्द्राधीक्षक द्वारा यदि परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाती है, तो केन्द्राधीक्षक एवं अन्य चिन्हित व्यक्ति के विरूद्ध निलंबन एवं प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मैट्रिक वार्षिक परीक्षा, 2024 का आयोजन राज्य के 1,585 परीक्षा केन्द्रों पर 16,94,781 परीक्षार्थियों (8,22,587 छात्र एवं 8,72,194 छात्राओं) के लिए दिनांक 15.02.2024 से 23.02.2024 तक दो

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