भूत गायब कर देते हैं जिला परिषद के फाइल!

अव्यवस्था औऱ भ्रष्टाचार के खिलाफ जिप दफ्तर में एमएसयू ने शुरू किया आमरण अनशन 22 फीसदी कमीशन के दवाब का लगाया आरोप मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा धरना अनुचित, योजनाओं के अमल पर है फोकस संजय मिश्र,दरभंगा मिथिला स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले कई पार्षद जिला परिषद दफ्तर में धरने पर बैठे हैं . आमरण अनशन की घोषणा करते हुए योजनाओं में 22 फीसदी कमीशन के आरोप लगाए.एमएसयू के प्रदेश अध्यक्ष और जिला परिषद सदस्य अमित ठाकुर की अध्यक्षता में 13 सूत्री मांगो को लेकर आमरण अनशन पर बैठे नेताओं ने कहा कि जिला परिषद द्वारा अनुशंसित मनरेगा योजना का अबिलम्ब प्रशासनिक स्वीकृति मिले, जिप सदस्यों को उनके गृह प्रखंड में स्थायी तकनीकी सहायक मिले, 15 वीं. एवं विभिन्न मद की योजना में घोटाला पर रोक लगे, पंचम राज्य वित्त मद में हुए घोटाले की निष्पक्ष जाँच हो, नवगठित स्थायी समिति के अध्यक्ष को अलग से कार्यालय आवंटित किया जाय, साढ़े सात लाख तक की योजना देने वाला तुगलकी फरमान वापस हो और 15 लाख तक की योजना को प्रशासनिक स्वकृति दी जाय. सदस्यों ने चिंता जताई कि आये दिन जिला परिषद सदस्यों द्वारा योजना की प्रशासनिक स्वीकृति के बाद अन्य एजेंसी से कार्य करा लिया जाता है. कहा गया कि जिला परिषद में भ्रष्टाचार चरम पर है, प्रशासनिक निरंकुशता है. साथ ही मौजूदा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा हो रही है. अब सब्र का बांध टूट चुका है. ये भी कहा गया कि मिथिलावादी जिला परिषद सदस्यों के साथ जिला परिषद प्रशासन उपेक्षात्मक सलूक करती है. वहीं अनशन पर बैठे एमएसयू
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