डालमिया भारत ने पूर्वी क्षेत्र के 162 अनुभवी कॉन्ट्रैक्टर्स को किया सम्मानित

‘आप हैं सच्चे विश्वकर्मा’ पहल के तहत कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में अपने बहुमूल्य योगदान के लिए 54 वृद्ध कॉन्ट्रैक्टर्स को सम्मानित किया गया बिहार में आयोजित हुए कंपनी के वार्षिक विश्वकर्मा पूजा समारोह में कॉन्ट्रैक्टर्स  में दिखी खुशी पटना,भारत के प्रमुख सीमेंट निर्माताओं में से एक, डालमिया भारत लिमिटेड ने विश्कर्मा पूजा के शुभ मौके पर आयोजित होने वाले अपने परंपरागत वार्षिक समारोह के दौरान, अपनी पहल ‘आप हैं सच्चे विश्वकर्मा’ के तहत, पूर्वी क्षेत्र के 162 अनुभवी कॉन्ट्रैक्टर्स को सम्मानित किया है. डालमिया भारत की ‘आप हैं सच्चे विश्वकर्मा’ पहल का उद्देश्य उन कॉन्ट्रैक्टर्स के अमूल्य योगदान को सराहना व प्रोत्साहित करना है, जिनके कुशल हाथों ने अनगिनत सपनों के घरों को हकीकत का रूप देने में सहयोग किया है, और इंडस्ट्री के अन्य कुशल पेशेवरों को बेहतर सलाह देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ‘आप हैं सच्चे विश्वकर्मा’ पहल के एक हिस्से के रूप में बिहार में आयोजित हुए इस समारोह में, डालमिया सीमेंट के प्रतिनिधियों द्वारा 54 वृद्ध कॉन्ट्रैक्टर्स को उनके परिजनों, डीलर्स और कॉन्ट्रैक्टर्स कम्युनिटी के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में सम्मानित किया गया. इस दौरान सम्मानित कॉन्ट्रैक्टर्स को एक ट्रॉफी, स्मृति चिन्ह और घरों के निर्माण में उनके शानदार सफर को प्रदर्शित करने वाला, एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया फोटो एलबम भेंट किया गया. वहीं इस साल को थोड़ा और ख़ास बनाते हुए, डालमिया सीमेंट्स ने डीलर पॉइंट्स पर स्थित रिटेल आर्क गेट्स, जहां से उन्हें नॉमिनेट किया गया था, पर उनकी तस्वीरें भी प्रदर्शित कीं. इसके माध्यम से उनके प्रति आभार व्यक्त

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खेल के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए सतीश राजू हुए सम्मानित

मानवाधिकार सहायता संघ बिहार प्रदेश ने किया सम्मानित पटना:मानवाधिकार सहायता संघ बिहार प्रदेश की ओर से भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के संयोजक सतीश राजू को खेल की दिशा में बेहतरीन कार्य करने के लिए पटना में सम्मानित किया गया. इस मौके पर मानवाधिकार सहायता संघ बिहार प्रदेश के अध्यक्ष अभय नाथ ने कहा कि भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ ने विगत कई वर्षों से बिहार में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन और खिलाड़ी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जो बिहार के खिलाड़ियों और नई प्रतिभाओं के लिए एक बढ़िया अवसर होता है. इस अवसर पर सतीश राजू ने कहा कि भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ ने प्रत्येक जिले में खेल कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें एक मंच देने का काम करती रही है जिससे गाँव गाँव में छिपे खिलाड़ी बाहर निकलते हैं और प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने बेहतरीन खेल से बिहार का नाम राष्ट्रीयस्तर पर रौशन करते हैं. इस अवसर कई वक्ताओं ने भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ और सतीश राजू के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी खेल को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्प है . इस अवसर पर जयबिन्द विद्यार्थी प्रदेश संयोजक, मनीष कुमार श्रीवास्तव प्रदेश उपाध्यक्ष, कुंदन कुमार  महासचिव युवा प्रकोष्ठ कौशल किशोर समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे. PNCDESK

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चंद्रेश्वर : जैसा मैंने समझा : पवन बख़्शी

 उन्होंने सुख-दुख, सपनों, चिंताओं, संघर्षों और आकांक्षाओं को रेखांकित किया चंद्रेश्वर महारानी लाल कुँवरि स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बलरामपुर में  प्रोफ़ेसर, हिन्दी रह चुके हैं . एम. एल.के,पी.जी. कालेज के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो दिनांक 1 नवम्बर 2021 को हिन्दी के  एसोसिएट प्रोफ़ेसर से प्रोफ़ेसर बने तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थ नगर, उत्तर प्रदेश के कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेन्द्र दुबे के आदेश पर आपको 11 जनवरी 2019 को विभागाध्यक्ष, हिन्दी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ .  यहाँ से आपने 30 जून 2022 को अवकाश ग्रहण किया है . हिन्दी की लगभग सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में सन् 1982-83 से कविताओं और आलोचनात्मक लेखों का लगातार प्रकाशन जारी है. आपकी अब तक सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं . आपके तीन कविता संग्रह -‘अब भी'( 2010 ), ‘सामने से मेरे’  (2017) एवं ‘डुमराँव नज़र आयेगा’ ( 2021) प्रकाशित हो चुके हैं . एक शोधालोचना की पुस्तक ‘भारत में जन नाट्य आंदोलन’ (1994 में) प्रकाशित  होकर बहुचर्चित-प्रशंसित ; एक साक्षात्कार की पुस्तिका ‘इप्टा-आंदोलनःकुछ साक्षात्कार’ (1998) का भी प्रकाशन हो चुका है . अभी जल्दी ही उन की दो पुस्तकें  ‘मेरा बलरामपुर’ (स्मृति आख्यान), (2021) तथा भोजपुरी गद्य की पुस्तक–‘हमार गाँव’ (स्मृति आख्यान) (2020) प्रकाशित हुई हैं . चंद्रेश्वर जी ने बलरामपुर के प्रसिद्ध महारानी लाल कुँवरि डिग्री कॉलेज में वर्षों तक अध्यापन किया है . वहाँ रहते हुए, पढ़ाते हुए, जीते हुए, लोगों से मिलते हुए उन्होंने जो महसूस किया, जो घटनाएं उनके साथ घटीं, उन्होंने जो देखा, उसे साहस व ईमानदारी के साथ लिखा है. इस कृति (मेरा बलरामपुर) से गुज़रना एक शहर को

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आठवीं बार भारत बना एशिया का चैंपियन

श्रीलंका को 10 विकेट से हराया भारत ने फाइनल में श्रीलंका को मात दी 16 गेंद 6 विकेट और बन गया वर्ल्ड रिकॉर्ड मोहम्मद सिराज की धातक गेंदबाजी के दम पर टीम इडिया ने एशिया कप-2023 के फाइनल में श्रीलंका को 10 विकेट से हरा दिया. इसी के साथ भारत ने आठवीं बार एशिया कप का खिताब जीता है. श्रीलंकाई टीम इस मैच में महज 50 रनों पर ही ढेर हो गई और भारत ने बिना विकेट खोए महज 37 गेंदों पर ये लक्ष्य हासिल कर लिया. ये भारत की गेंदों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत है. भारत ने 263 गेंद पहले ये लक्ष्य हासिल कर लिया. सिराज ने इस मैच में सात ओवरों में 21 रन देकर छह विकेट हासिल किए. भारत ने श्रीलंका को 10 विकटों से हराया भारत ने श्रीलंका को 10 विकेट से हरा दिया है और इसी के साथ आठवीं बार एशिया कप का खिताब जीता है. मोहम्मद सिराज की शानदार गेंदबाजी के दम पर भारत ने श्रीलंका को महज 50 रनों पर ढेर कर दिया. गिल और इशान की जोड़ी ने भारत का एक विकेट भी नहीं गिरने दिया. भारत की तरफ़ से मोहम्मद सिराज ने मैच में कुल छह विकेट लिए. उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का ख़िताब भी मिला. लेकिन सिराज के यहां तक पहुंचने और इंडियन क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने की कहानी संघर्षों से भरी रही है.उन्होंने अपने विनिंग कैश मनी को ग्राउंड स्टाफ को डोनेट कर दिया. क्या है सिराज की कहानी साल 1994 में जन्मे सिराज के

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मैं हूँ ना !!  – अतुल मलिकराम

आप सिर्फ काम पर फोकस करें, बाकी टेंशन कंपनी पर छोड़ दीजिए एक कामकाजी आम नागरिक सबसे ज्यादा वक्त कहाँ बिताता है? घर, मार्केट या रिश्तेदारों में? शायद इनमें से कहीं नहीं… क्योंकि दिन में उसका सबसे अधिक समय उसके ऑफिस या काम की जगह पर ही जाता है. अब एक सामान्य कामकाजी इंसान के पास कितनी तरह की दिक्कतें या चिंताएँ होती हैं, इसका अंदाजा, इस लेख को पढ़ने वाले ज्यादातर लोग लगा सकते हैं. चिंताएँ भी विभिन्न प्रकार की होती हैं, जैसे परिवार की, परिजनों के भविष्य की, समय से पगार न मिलने की, अचानक छुट्टी की दरकार पूरी न होने की या सपनों की लम्बी कतार अधर में लटके होने की आदि. अब यदि एक व्यक्ति इन सभी चिंताओं के बीच कार्यस्थल पर काम करता है, तो क्या वह अपना सौ फीसदी दे पाने में सक्षम होता है? अधिकतर लोगों का जवाब न ही होगा. लेकिन यदि उसे कोई ऐसी कंपनी मिले, जहाँ ये सारी चिंताएँ, उसकी होकर भी उसकी न हो और सभी की जिम्मेदारी उसकी कंपनी ही उठाए.. तो! जी हाँ… सुनने में यह जितना खूबसूरत दिख रहा है, धरातल पर देखने में और भी खास नजर आ सकता है. यदि एक कंपनी का संस्थापक अपने कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों से जुड़ जाता है, तो वह उनके सुख-दुःख को समझता है और कई प्रकार से उन्हें सुलझाने की कोशिश करता है, जिससे उस कर्मचारी का बोझ काफी हद तक कम हो जाता है और वह ज्यादा लगन और प्रोडक्टिविटी के साथ काम कर पाता

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तेज प्रताप ने दिखाई मानवता घायल को पहुंचाया अस्पताल

तेजप्रताप की युवाओं से अपील : बिना हेलमेट बाइक नहीं चलाएं. साथ ही बाइक की रफ्तार उतनी ही रखें, जितने में उसे नियंत्रित किया जा सके जगजीवन गोलंबर पर एक लड़का जिसका नाम आनंद बाइक से बिना हेलमेट का था वो गोलंबर से टकरा कर गिर गया और उसका हाथ ग्रील में फस गया जो की पीड़ा से काफी देर से तड़प रहा था मैंने देखा और तत्काल एंबुलेंस बुला कर ग्रील से उसका हाथ को निकलवा कर IGIMS में भर्ती करवाया जिसका इलाज डॉक्टर मनीष मंडल के निगरानी में चल रहा है. :तेजप्रताप पटना: वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने रविवार की देर रात सड़क पर पड़े अंजान घायल युवक को अस्पताल पहुंचाया और खुद जाकर उसके इलाज की व्यवस्था की. आनंद नाम का युवक बिना हेलमेट तेजी से बाइक चलाते हुए कहीं जा रहा था.इसी क्रम में जगजीवन गोलंबर से टकरा कर वह गिर गया और उसका हाथ ग्रिल में फंस गया. वह काफी देर से वहां पड़ा दर्द से तड़प रहा था. मंत्री तेजप्रताप रात 10 बजे सर्कुलर रोड के समीप स्थित जगजीवन गोलंबर से होते अपने आवास जा रहे थे. इसी बीच, उन्होंने युवक को तड़पते देखा और उसका हाथ गोलंबर की ग्रिल से फंसा था, जिसे वह निकाल नहीं पा रहा था. यह देखते ही मंत्री अपने वाहन से उतरे और तुरंत एंबुलेंस को बुलवाया और तकनीशियन के सहारे सावधानी से युवक का हाथ ग्रिल से निकलवा कर उसे एंबुलेंस से आइजीआइएमएस ले जाने को कहा. मंत्री अपने वाहन से एंबुलेंस के पीछे गए

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60 साल में कईयों को दी रौशनी, अब खुद अंधियारे में अस्तित्व

नेत्रहीनों के जीवन में रौशनी फैलाने वाले श्री आदिनाथ नेत्रहीन विद्यालय पर खुद को बचाने का संकट बिहार भर से आने वाले नेत्रहीनों को शिक्षा देने वाले संस्थान पर सरकार कर रही है अनदेखी Patna Now Special Report आरा, 10 सितंबर(ओ पी पांडेय). बिहार में नेत्रहीनों को आश्रय और शिक्षा देने वाला आरा के धनुपूरा स्थित प्रख्यात श्री आदिनाथ नेत्रविहीन विद्यालय का शनिवार को स्थापना दिवस था. स्थापना दिवस पर लोग किसी संस्थान का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाते हैं खुशी पूर्वक मनाते हैं, जिसमें काफी खर्च भी किया जाता है लेकिन अपने 60 साल पूरे करने पर नेत्रहीनों के आश्रय वाले इस विद्यालय में कोई चहलकदमी नही बल्कि नेत्रहीनों के जीवन में व्यप्त धने अंधियारे की तरह ही अंधकारमय था. बस कुछ लोग जो नेत्रहीनों के प्रति संवेदना रखते हैं या फिर इस संस्थान के प्रति वे यहाँ आकर इसके संस्थापक को याद कर उनको नमन करते हैं. बता दें कि 60 वर्ष पूर्व स्थापित हुए इस विद्यालय के संस्थापक बाबू सुबोध कुमार और प्रोफेसर डॉ. डी.सी. जैन थे. इस विद्यालय के प्रथम प्राचार्य पुनीत जैनथे. सचिव प्रशांत जैन स्थापना दिवस पर विद्यालय में दिखे वही रोटरी क्लब और इनर व्हील क्लब और आरा जैसे संस्थानो के जागरूक कुछ सामाजिक लोग. उन्होंने संस्थापकों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया बच्चों से मिले उनसे कुछ गीत-संगीत का कार्यक्रम कराया. स्थापना दिवस पर बस चंद लोगों की चंद मुस्कुराहटें और फिर छा गया सन्नाटा. बिहार के कई जिले के नेत्रहीन विद्यार्थियों को शिक्षा देने और उनको ब्रेल-लिपि सिखाने के लिए प्रसिद्ध

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राजकीय सम्मान की राशि विद्यालय को किया दान

राजकीय सम्मान पानी वाली शिक्षिका नीतू शाही ने सम्मान की राशि ₹15000 सरकारी विद्यालय के विकास में दान कर दिया फुलवारी शरीफ,(अजीत): शिक्षक दिवस के अवसर पर पटना में फुलवारी शरीफ प्रखंड कॉलोनी सरकारी विद्यालय की शिक्षिका नीतू शाही को राजकीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया . नीतीश शाही ने बताया कि उन्होंने सम्मान की राशि ₹15000 को अपने विद्यालय के विकास मद में समर्पित कर दिया है .उन्होंने बताया की इस राशि को स्कूल के शिक्षा समिति के सदस्य सचिव को जमा करा दिया जिससे हमारे विद्यालय में जो कमी है पूरा हो सके. शिक्षिका नीतू शाही ने बताया कि राजकीय सम्मान मिलने से बच्चों में खुशी की लहर है. इस सम्मान का असली हकदार मेरे स्कूल के बच्चें ही है जो मेरे द्वारा किया गया कार्य में अपना योगदान देते है. चाहे सीखने का हो या सिखाने का हमेशा बच्चे तैयार रहते है. शुक्रवार को इस सम्मान मिलने की खुशी में विद्यालय में समारोह का आयोजन हुआ. बता दे की फुलवारी शरीफ के प्रखंड कॉलोनी में सरकारी विद्यालय के शिक्षक का नीतू सही अपने द्वारा लगातार पौधारोपण का रिकॉर्ड बना चुकी है उन्होंने अब तक 10000 से अधिक पौधारोपण का काम पूरा कर लिया है इसके अलावा स्कूल में बराबर सांस्कृतिक सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन करती है जिससे बच्चों का सहमति विकास हो सके शिक्षिका हेतु साहित्य के द्वारा किए जा रहे हैं पर्यावरण संरक्षण और विद्यालय में बच्चों के लिए किया जा रहे हैं कार्यों को देखते हुए सरकार ने उन्हें शिक्षक दिवस पर राजकीय समारोह सम्मानित

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नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए पटना एम्स में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

पटना एम्स में जल्द ही नेत्र बैंक की स्थापना होगी : डॉ पॉल फुलवारी शरीफ,(अजीत) : पटना एम्स में नेत्र बैंक की स्थापना होगी या घोषणा एम्स के निदेशक डॉक्टर गोपाल क्रुष्ण पाल ने शुक्रवार को एम्स में नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहीं . दरअसल, एम्स पटना के नेत्र विज्ञान विभाग द्वारा बुधवार को 38वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा (25 अगस्त 2023 से 8 सितंबर 2023) के दौरान आयोजित नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया. एम्स निदेशक डॉ जी के पॉल ने बताया की नेत्रदान को बढ़ावा देने और आम जनता को नेत्रदान के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए एम्स पटना के नेत्र विज्ञान विभाग द्वारा ओपीडी फ़ोयर में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. डॉ. पाल ने जरूरतमंद कॉर्नियल ब्लाइंड रोगियों के लिए प्रतीक्षा अवधि को कम करने के लिए नेत्र दान को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने के लिए आम जनता को आगे आने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने यह भी घोषणा की कि आम जनता के लाभ के लिए प्राथमिकता के आधार पर एम्स पटना में नेत्र बैंक की स्थापना की जाएगी. इस जागरूकता कार्यक्रम में ट्रॉमा सर्जरी के एचओडी डॉ. अनिल कुमार के मार्गदर्शन में एक दिल छू लेने वाली नाटिका का मंचन किया गया, जिसे खूब सराहा गया. नेत्र दान की वर्तमान स्थिति और इसके मिथकों और उपचारों के बारे में एक जागरूकता वार्ता डॉ. प्रभाकर सिंह द्वारा दी गई. नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए और नेत्रदान से संबंधित मिथकों के निवारण के लिए नेत्र रोग

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रेलयात्रियों को सहुलियत, आरा से खुलेगी टाटा के लिए ट्रेन

रेलवे की ओर से अबतक कोई सूचना जारी नही, लेकिन लोगों के चेहरे पर दिखी मुस्कान आरा, 6 सितंबर( ओ पी पांडेय). पटना के बाद सबसे ज्यादा रेलवे को राजस्व देने वाला रेलवे जंक्शन आरा के वासियों को पड़ोसी राज्य झारखंड जाने के लिए दानापुर या पटना जाकर ट्रेन पकड़ना पकड़ता था जो एक बड़ी परेशानी थी. पटना से ट्रेन पकड़ने के चक्कर मे लगभग पूरा दिन पटना जाने और ट्रेन के आने के इंतजार में ही बीतता था, इस वजह से ज्यादातर लोग मजबूरन बस की यात्रा ही करते थे. बर्षों से लोगों की मांग थी कि दानापुर-पटना ट्रेन को आरा जंक्शन से खोला जाय लेकिन रेलवे की ओर से यह योजना आधर में थी. रेलयात्रियों की इस बहुप्रतीक्षित मांग को रेलवे ने अब मंजूरी दे दी है,जिसके बाद अब टाटानगर जाने के किये यात्रियों को दानापुर या पटना जाने की जरूरत नही बल्कि आरा से ही लोग अब अपनी यात्रा शुरू कर पाएंगे. रेलवे द्वारा इस मंजूरी की दिए जाने की सूचना आरा के सांसद सह ऊर्जा राज्यमंत्री आर. के. सिंह ने अपने एक्स प्लेटफार्म पर दी. बता दें कि आरा सांसद सह केन्द्रीय उर्जा मंत्री आर. के. सिंह के प्रयास से टाटा नगर-दानापुर एक्सप्रेस का विस्तार आरा तक हो पाया है. रेलवे ने इसकी स्वीकृति सोमवार को प्रदान कर दी है. अपने ट्वीट में उन्होंने 18183/84 टाटा नगर -दानापुर एक्सप्रेस का विस्तार आरा तक किए जाने की बात कही है. इस सम्बन्ध में हालांकि रेलवे ने अभी कोई आदेश सूचना या समय सारिणी जारी नहीं की है.

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