42 साल से लंबित पड़ी बिहटा-औरंगाबाद रेलवे लाइन के लिए DRM से मिली संघर्ष समिति

विधायक महानंद सिंह एवं महाबली सिंह के नेतृत्व में बिहटा-अरवल-औरंगाबाद रेलवे लाइन संघर्ष समिति की टीम ने की DRM से मुलाकात

42 साल बाद भी नही पूरा हुआ बिहटा औरंगाबाद रेलवे लाइन का काम




बिहार का एकमात्र जिला अरवल जहां रेलवे लाइन नहीं पहुंची

पटना,6 अप्रैल (अजीत). बिहटा-अरवल-औरंगाबाद रेलवे लाइन संघर्ष समिति का 10 सदस्यीय शिष्टमंडल विधायक महानंद सिंह और विधान परिषद् सदस्य महाबली सिंह के नेतृत्व में मंडल रेल प्रबंधन के DRM से मिला और योजना चालू करवाने का अनुरोध किया.

इससे पहले मंडल रेल प्रबंधन कार्यालय, दानापुर में दो दिवसीय सत्याग्रह को संबोधित करते हुए बिहटा-अरवल-औरंगाबाद रेलवे लाइन संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक मनोज सिंह ने कहा कि नौ वर्षों के संघर्ष का परिणाम है कि यह रेल लाइन योजना आज जिंदा है, वरना रेलवे बोर्ड इसका फाइल बंद कर दिया था. जबतक बिहटा-अरवल-औरंगाबाद रेल लाइन योजना पूरा नहीं हो जाता, तबतक संघर्ष जारी रहेगा. बिहार विधान परिषद् सदस्य प्रो. रामबली चंद्रवंशी ने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ सर्वे के नाम पर ही लोगों को भरमा रखी है.

नीतीश ने कराया सर्वे लालू ने किया था शिलान्यास

42 वर्षों से लंबित इस योजना के लिये पहला सर्वे का काम रेल मंत्री रहते आदरणीय नीतीश कुमार वर्ष 2004 में करवाया था. इस योजना के लिये 16 अक्टूबर, 2007 को तत्कालीन रेल मंत्री रहते लालू प्रसाद यादव ने शिलान्यास किया था. जिला परिषद् प्रतिनिधि श्याम सुंदर ने कहा कि सर्वे और प्राक्कलन के बाद भी सरकार सो रही है. तब आंदोलन का रूख अखि्तयार किया गया. नौ वर्षों के आंदोलन का परिणाम है कि केंद्रीय बजट में वर्ष 2019 में 20 करोड़ तो वर्ष 2020 में 25 करोड़ रुपये, वर्ष 2022 में 50 करोड़ रुपये तो इस वर्ष 20 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है.

अब लड़ाई आर-पार की होगी

बिहार का इकलौता जिला है अरवल जो आजतक रेल लाइन से नहीं जुड़ा है जबकि पटना जिले के पालीगंज, दुल्हिन बाजार, जहानाबाद संसदीय क्षेत्र का अरवल के साथ ही काराकाट संसदीय क्षेत्र के शमशेरनगर, दाउदनगर, अरंडा, जिनोरिया, ओबरा, भरथौली समेत औरंगाबाद की 90 फीसद आबादी लाभान्वित है. 42 वर्षों से लंबित बिहटा-अरवल-औरंगाबाद रेललाइन वर्ष 1982 में ही लोकसभा और राज्यसभा से पारित है. लेकिन इस बार संघर्ष समिति के साथ ही इस क्षेत्र की जनता भी रेलवे लाइन के लिए आर-पार की लड़ाई के मूड में है.

मुखिया संघ प्रदेश संयोजक अभिषेक रंजन, प्रवीण कुमार, मो, शब्बा करीम, चंदन कुमार, रामआयोध्या प्रसाद विद्यार्थी, धनंजय कुमार, रजनीश कुमार, सुशील सम्राट आदि लोग उपस्थित थे.

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