आधार फिंगरप्रिंट बन गया हथियार, ठगों ने उड़ाए करोड़ों
भोजपुर पुलिस ने खोला साइबर ठगी का जाल
भोजपुर में AEPS साइबर फ्रॉड का बड़ा खुलासा: करोड़ों की ठगी, पुलिस अलर्ट; साइबर डीएसपी ने जारी की एडवाइजरी
आरा, 9 दिसंबर। भोजपुर पुलिस ने आधार फिंगरप्रिंट (Aadhaar Enabled Payment System) के जरिए संचालित बड़े साइबर ठगी नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए एक सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह जिले की महिलाओं, विशेषकर जीविका समूह से जुड़ी लाभुकों के खातों से करोड़ों की निकासी में संलिप्त पाया गया।
अब तक 178 पीड़ितों ने शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिनके खातों से न्यूनतम ₹10,000 से लेकर लाखों रुपये तक AEPS के माध्यम से गायब किए गए है।
डिजिटल मनी ट्रेल और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस ने ठगों के नेटवर्क का पता लगाया। कई संदिग्धों की पहचान हो चुकी है और पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
भोजपुर में AEPS साइबर ठगी का बड़ा खुलासा
भोजपुर पुलिस ने इस ठगी के मामले में एक संदिग्ध देवानंद कुमार (पिता–जगदीश विश्वास, निवासी–लखनारे, थाना जलालगढ़, जिला पूर्णिया) को गिरफ्तार पूर्णिया से नाटकीय घटनाक्रम के बाद किया है। आरोपी देवानंद ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह गाँव के दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ साइबर गिरोह में सक्रिय था और आधार-बायोमेट्रिक के माध्यम से खातों से निकासी करता था।

केस स्टडी: पीड़िता अंकिता कुमारी का मामला
पीड़िता: अंकिता कुमारी
पिता: संजय झा
निवासी: शाहपुर, भोजपुर
* दिनांक 23.09.2025 को मुख्यमंत्री बालिका योजना की ₹50,000 राशि खाते में आने की सूचना मिली
* फिंगरप्रिंट सत्यापन के बहाने स्थानीय AEPS पॉइंट पर आधार व अंगूठा स्कैन कराया गया
* 09.10.2025 को पैसा निकालने पहुंची तो खाते में सिर्फ ₹120 शेष मिले
* बैंक स्टेटमेंट में स्पष्ट हुआ कि 27.09.2025 से 08.10.2025 तक खाते से पूरी राशि AEPS के जरिए अवैध रूप से निकाली गई

इसके बाद साइबर थाना में आवेदन पर FIR दर्ज, तकनीकी जांच में रकम देवानंद के खाते में ट्रांसफर पाए जाने की पुष्टि
पीड़िता अंकिता की तरह ही भोजपुर में 178 आवेदन इस साइबर फ्रॉड का पुलिस को मिला है जिसपर जांच के बाद पुलिस ने साइबर फ्रोडो के गिरोह को पकड़ने में बड़ी कामयाबी हासिल किया है। हालांकि अभी एक अपराधी ही पुलिस के हत्थे चढ़ा है लेकिन उसके पास से मिले कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और मोबाइल के साथ ट्रांसेक्शन का आईडी और apk फाइल पुलिस के हाथ लगा है जिसके आधार पर इस ठगी से जुड़े बाकी गिरोह के लोगों पर पुलिस की रडार काम कर रही है। इस गिरोह का तार बिहार से बाहर यूपी,झारखंड,मध्य प्रदेश और बंगाल के सीमावर्ती राज्यों सहित कई जिलों से जुड़ा है जहां पर ठगी के पैसों को ठगों ने तकनीक का उपयोग कर पैसे उड़ा इन राज्यों में अपने संगठित गिरोह के शातिरों तक पैसों को भेजा है। पुलिस यह मान रही है कि बाकी के लोग भले ही अभी कानून की गिरफ्त से बाहर हैं पर कानून के पंजे से भाग नहीं पाएंगे और बहुत जल्द सभी सलाखों के पीछे होंगे।
साइबर डीएसपी का जनता से विशेष निवेदन

भोजपुर के साइबर डीएसपी स्नेह सेतु ने लोगों से अपील की है कि साइबर ठगों से बचने के लिए नीचे दिए गए 5 सावधानियों का पालन अवश्य करेंः
1. अगर निकासी का संदेह हो तो तुरंत आधार लॉक करें। यदि आपको लगता है कि आपने किसी दुकान या लोकल पॉइंट पर फिंगरप्रिंट दिए हैं और बाद में खाते से संदिग्ध निकासी हुई है, तो तुरंत नजदीकी अधिकृत आधार केंद्र से अपने आधार को लॉक कराएं।
2. सिर्फ L1 डिवाइस वाले पॉइंट पर ही फिंगरप्रिंट दें
AEPS निकासी के लिए केवल L1 डिवाइस मान्य हैं। यदि कहीं L0 या MFS-100 डिवाइस का प्रयोग हो रहा है, तो इसकी त्वरित सूचना भोजपुर साइबर थाना को दें
3. आधार अपडेट सिर्फ अधिकृत केंद्र पर ही कराएं
लोकल दुकानदारों या अनधिकृत स्टॉलों पर आधार अपडेट, मोबाइल लिंक, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन न कराएं। हमेशा UIDAI अधिकृत आधार सेवा केंद्र पर ही यह प्रक्रिया कराएं।
4. यदि आपके खाते से आधार फिंगरप्रिंट सिस्टम के माध्यम से राशि कट गई है, तो तुरंत थाना में शिकायत दर्ज करें। पुलिस या साइबर थाना में आवेदन करते समय पूरा बैंक स्टेटमेंट साथ लाएं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किस तारीख, किस चैनल और किस डिवाइस से आपके खाते से निकासी हुई।
5. AEPS फ्रॉड होने पर 90 दिनों के भीतर बैंक अपनी प्राथमिक रिपोर्ट को लेकर जाएं। शिकायत की प्रति के साथ 90 दिनों के भीतर बैंक जाएं। नियम के अनुसार बैंक आपके पैसे रिफंड करने के लिए बाध्य है
बड़ा साइबर नेटवर्क होने की आशंका

जांच में यह संकेत मिले हैं कि आधार आधारित AEPS ठगी का यह खेल संगठित साइबर माफिया नेटवर्क के जरिए चलाया जा रहा है। कई आरोपी पुलिस रडार पर हैं और लगातार रेड जारी है।
भोजपुर पुलिस ने सभी नागरिकों से एहतियात बरतते हुए आधार और फिंगरप्रिंट किसी अनधिकृत व्यक्ति या उपकरण पर उपयोग न करने की सख्त सलाह दी है।
पुलिस ने लोगों से जागरूक रहने, सुरक्षित रहने की सलाह दी है। किसी भी संदेह की स्थिति में तुरंत भोजपुर साइबर थाना से संपर्क करें। एईपीएस के जरिए निकासी की सूचना मिलते ही फिंगरप्रिंट लॉक कराएं और रिपोर्ट दर्ज कराएं।
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि तकनीक का उपयोग कर लोगों से पैसे उड़ाने वाले इस गिरोह पर पुलिस तकनीक और संसाधनों का उपयोग कर कबतक गिरोह के लोगों पर शिकंजा कसती है।
आरा से ओ पी पाण्डेय की रिपोर्ट
