विवि को बचाने के लिए गोलबंदी, एक बड़े आंदोलन का संकेत

विश्वविद्यालय को स्काडा की भूमि प्राप्ति का आंदोलन होगा तेज़

अभियान समिति की बैठक में छपरा और बलिया के बुद्धिजीवी भी समर्थन में आये




आरा,4 मार्च. VKSU के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट के बादल को हटाने के लिए अब सभी ने कमर कस लिया है. सरकार के मनमाने रवैये और तानाशाही प्रवृति से संकट में पड़ा शिक्षा के केंद्र को बचाने के लिए छात्र से लेकर अभिभावक, कर्मचारी व शिक्षकों के साथ जिले के बाहर से भी भोजपुरी भाषी लोगों ने गोलबंद होना शुरू कर दिया है, जिससे लगता है कि आने वाले दिनों में भोजपुर की धरती से फिर एक बड़े आंदोलन का आगाज होने वाला है. पिछले दिनों हुई बैठक में इसी पर चर्चा की गई और आगे की रणनीति बनाई गयी.

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय भूमि प्राप्ति अभियान समिति के सदस्यों की बैठक गुरुवार को प्रो बलिराज ठाकुर की अध्यक्षता में भोजपुरी विभाग सभागार में हुई जिसमें आंदोलन की धार को तेज़ करने का संकल्प लिया गया. बड़ी संख्या में शिक्षकों, छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा आज अभियान को समर्थन देने छपरा और बलिया के शिक्षक तथा बुद्धिजीवी उपस्थित थे.

बैठक की शुरुआत में रवि प्रकाश सूरज और अनिरुद्ध सिंह ने सभी को अभियान का मकसद और इस दिशा में किये गये अब तक के प्रयासों की जानकारी दी. उसके बाद सभी सदस्यों से आंदोलन की धार मज़बूत करने के लिए सुझाव् मांगे गये.
अध्यक्ष प्रो बलिराज ठाकुर ने कहा कि शाहाबाद की धरती से उठा यह शिक्षा का आंदोलन सफल होगा और पूरे शिक्षा जगत को नई राह देगा.

कुंवर वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष धीरज कुमार उर्फ़ लव जी ने कहा कि विश्वविद्यालय के अस्तित्व पर आये संकट को दूर करने के प्रयासों में शाहाबाद के कोने-कोने में जन-जागरण किया जाये.

सामाजिक कार्यकर्ता अशोक मानव ने कहा कि हमें जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों से एक मंच पर संवाद करना होगा. विजय मेहता ने कहा कि आंदोलन की धार तेज़ करने के लिए प्रचार माध्यमों का सहारा लिया जाये.

भोजपुरिया जन मोर्चा के अध्यक्ष कुमार शीलभद्र ने कहा कि हम मेडिकल कॉलेज के विरोधी नहीं पर विश्वविद्यालय के स्वरूप को बचाये जाने के पक्ष में अंतिम समय तक खड़े रहेंगे. पूर्व छात्र नेता नवीन कुमार ने सभी छात्र संगठनों को एक मंच पर सामूहिक लड़ाई लड़ने का आह्वान किया.

हिंदी विभाग के शिक्षक निलाम्बुज सिंह ने कहा कि आंदोलन की प्रासंगिकता बनाये रखने के लिए मीडिया के विभिन्न माध्यमों से प्रचार किया जाये. जे पी विश्वविद्यालय छपरा के पूर्व प्राध्यापक पी राज सिंह ने कहा कि यह संकट सिर्फ एक विश्वविद्यालय का नहीं बल्कि सार्वजनिक शिक्षा पर आया बड़ा संकट है. बलिया के पत्रकार और बुद्धिजीवी मोहन सिंह ने कहा कि आंदोलन के साथ साथ हमें सभी पक्षों से निरंतर संवाद बनाये रखना होगा.

सीनेटर विनोद कुमार सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि आगामी 14 मार्च को अभियान समिति की वृहद बैठक होगी जिसमें सभी छात्र संगठन और सामाजिक संगठन आमंत्रित हैँ, उसी बैठक में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन का स्वरूप भी तय किया जायेगा.

हिंदी सह भोजपुरी के विभागाध्यक्ष दिवाकर पाण्डेय ने बताया कि अभियान सही दिशा में आगे बढ़ रहा है, इसमें शाहाबाद के सभी जन संगठनों को एक मंच पर आकर सामूहिक प्रयास करना होगा. बैठक का संचालन भोजपुरी छात्र संगठन के संयोजक सयंदन सुमन ने किया. इस मौके पर उर्दू विभाग के जमील अख्तर, अर्थशास्त्र के नीरज वर्मा, शोध छात्र राजेश कुमार, चंदन कुमार, मनोज, ए बी वी पी के सोहित सिन्हा ने भी अपने सुझाव दिये. आगामी 14 मार्च को अभियान समिति की वृहद बैठक में शाहाबाद के अलावा राज्य के अन्य भागों से बुद्धिजीवियों और समाजसेवियों का जुटान होने की उम्मीद है. अब देखना होगा कि आंदोलन से पूर्व सरकार इस मुद्दे पर कितना सजग और संवेदनशील होकर इस दिशा में कार्य करती है या फिर आंदोलन के बाद किसी निर्णय पर विचार करेगी.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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