ये क्या स्कूल पर ही लटकी स्थानांतरण की तलवार !

क्षुब्ध ग्रामीणों ने दी वोट बहिष्कार की चेतावनी

2019 में खुला हाई स्कूल, अब स्थानांतरण की लटकी तलवार

अमेहता पंचायत के बसडीहां गांव में चल रहे हाई स्कूल को हटाने की योजना पर ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, आरोप – मुखिया और अधिकारियों की मिलीभगत

आरा, 10 सितंबर. खबर भोजपुर जिले के जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र की है. पीरो प्रखंड के अमेहता पंचायत के बसडीहां गांव में चल रहे मध्य विद्यालय अमेहता के स्थानांतरण को लेकर तीन गांवों के ग्रामीण आक्रोशित हो उठे हैं। ग्रामीणों ने इस कदम को शिक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ और राजनीतिक-सामाजिक साजिश करार देते हुए वोट बहिष्कार की चेतावनी तक दे डाली है.

2019 में खुला हाई स्कूल, अब स्थानांतरण की लटकी तलवार

गांव के ग्रामीण राजेश तिवारी ने कहा कि बसडीहां में 1964 से संचालित प्राथमिक विद्यालय की जमीन पर ही 2019 में हाई स्कूल की शुरुआत हुई थी.

यह जमीन उनके पुरखों ने बच्चों की शिक्षा के लिए दान दी थी. वर्षों की मांग के बाद जब हाई स्कूल खुला तो आसपास के तीन गांवों बसडीहां,केवटीया और महुआरी के बच्चों को सुविधा मिली.

आज स्थिति यह है कि छात्रों की संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि एक ही कक्षा में पांच-पांच वर्गों के बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. बढ़ते दबाव को देखते हुए स्कूल में तीन नए भवनों का निर्माण भी जारी है.

लेकिन इसी बीच सीओ कार्यालय से विद्यालय को अमेहता गांव स्थानांतरित करने का पत्र आया, जिसने ग्रामीणों के गुस्से को भड़का दिया.

आवेदन गायब, फाइलों में हेराफेरी – ग्रामीण

गांव के भाजपा जिला प्रवक्ता मुकुल आनंद का आरोप है कि 2024 से वे विद्यालय के NOC के लिए पीरो अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने कहा –“मेरे आवेदन को गायब कर दिया गया, उसकी जगह किसी दूसरे का कागज रख दिया गया. यह सब मिलीभगत का खेल है.”

पर्याप्त जमीन के बावजूद ‘भूमि अभाव’ का बहाना

ग्रामीणों का कहना है कि बसडीहां में ही सरकार की पर्याप्त जमीन उपलब्ध है. बावजूद इसके स्थानांतरण का कारण “जमीन की कमी” बताया जा रहा है. वार्ड सदस्य सूरज कुमार के अनुसार, जिस अमेहता गांव की भूमि (खाता संख्या 356, खेसरा 1421, रकबा 90 डिसमिल) पर स्कूल स्थानांतरण का प्रस्ताव है, वहां फिलहाल पंचायत भवन का निर्माण जारी है और बगल में गड्ढे वाली जमीन को स्कूल के लिए चिह्नित किया गया है.

मुखिया पर आरोप, लेकिन जांच की मांग

ग्रामीण इसे मुखिया और अधिकारियों की मिलीभगत से रचा गया षड्यंत्र बता रहे हैं। हालांकि मुखिया श्रीमन नारायण ने इस मामले में कोई सफाई नहीं दी. उन्होंने कहा कि जब मुझपर आरोप ही लग रहा है तो इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि असली षड्यंत्रकारियों का पर्दाफाश हो सके.

बच्चों को पांच किलोमीटर पैदल जाना पड़ेगा

अगर स्कूल का स्थानांतरण अमेहता गांव हुआ तो बसडीहां, आसपास के गांवों के बच्चों को पढ़ने के लिए पांच किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा. जबकि अमेहता गांव में पहले से ही एक हाई स्कूल मौजूद है. ग्रामीण सवाल उठा रहे हैं कि“जहां पहले से हाई स्कूल है वहीं दूसरा क्यों? और जहां छात्रों की भीड़ है वहां से स्कूल क्यों हटाया जा रहा है?”

वोट बहिष्कार की चेतावनी

ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल शिक्षा का मुद्दा नहीं बल्कि उनकी अस्मिता का सवाल है. लोग साफ कहते हैं कि“अगर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ तो हम सड़क पर उतरेंगे और वोट का बहिष्कार करेंगे।”
इस मामले में जब CO से हमने स्पार्क करना चाहा तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।




आरा से ओ पी पाण्डेय की रिपोर्ट

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