वित्त आयोग के सामने रखेंगे बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना ही चाहिए. विशेष राज्य के दर्जे की मांग से जुड़े प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से ही सरकार के स्तर से एवं हमारी पार्टी के द्वारा भी इसकी मांग की जाती रही है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समक्ष पहले भी सभी दलों की तरफ से यह मांग रखी गई थी 14वें वित्त आयोग की सिफारिश से यह संदेश गया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे पाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार लैंड लॉक प्रदेश है. बिहार एक पिछड़ा राज्य है. यहां प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है. बाढ़ एवं सुखाड़ जैसी आपदा से यह राज्य हमेशा पीड़ित रहता है. बाढ़ का कारण भी बाहर के जल का दबाव है.




सीएम ने कहा कि राज्य में उद्योग धंधे को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने अपने स्तर से कुछ नीतियां तैयार की हैं लेकिन बड़े उद्योग धंधों की स्थापना के लिए करों में छूट दिए जाने की जरुरत है. विशेष राज्य के दर्जे से यह रियायत मिल सकेगी, जिससे राज्य में रोजगार का सृजन हो सकेगा. अभी फिर से सर्वदलीय प्रस्ताव में विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर सहमति है. उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग के सामने हमलोग अपने पक्ष को फिर से रखेंगे. सीएम सोमवार को लोक संवाद के बाद मीडिया से बात कर रहे थे.

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