Breaking

समाजवादी नेता शरद यादव का निधन

दिल्ली,13 जनवरी. देश के बड़े समाजवादी नेताओं में शुमार जदयू के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार की रात निधन हो गया. वे 75 वर्ष के थे.

शरद यादव की बेटी शुभाषिनी यादव ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी. शुभाषिनी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘पापा नहीं रहे.’ वे कुछ समय में बीमार चल रहे थे और उनका इलाज गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में चल रहा था. शरद यादव के निधन से पूरे राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है.

उन्हें कार्डियक अरेस्ट के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उन्हें किडनी की समस्या थी और डायलिसिस पर थे. उनके पार्थिव शरीर को मध्य प्रदेश में उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा.

गुड़गांव के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बयान जारी करते हुए कहा, शरद यादव को बेहोशी की हालत में गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में इमरजेंसी में लाया गया था. जांच करने पर उनके शरीर में कोई हलचल नहीं थी और रक्तचाप भी मापने योग्य नहीं था.

नीतीश कुमार के राजनीतिक गुरु रहे शरद यादव राजनीतिक कद के इतने धनी थे कि जब भी बोलते थे तो पूरा देश सुनता था. मंत्री रहे हों या विपक्ष के सांसद, उनके सामने कभी कोई ऐसा सवाल नहीं आया जिसका जवाब उन्हें नहीं सूझा हो. अक्सर प्रश्न पूछने वाले उनका जवाब सुनकर चुप हो जाया करते थे.

एक परिचय :
शरद यादव का जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्यप्रदेश के होशंगाबाद के बंदाई गांव में किसान परिवार में हुआ था. किसान के घर जन्मे शरद बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी तेज थे. उन्होंने छात्र राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में पहचान बनाई और बिहार की राजनीति की धुरी बने रहे. शरद यादव ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और फिर बिहार में अपना राजनीतिक परचम लहराया था. नीतीश कुमार से हुए विवाद के बाद उन्होंने जदयू का दामन छोड़ दिया था. वो बिहार की मधेपुरा सीट से कई बार सांसद रह चुके थे.

वे डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से बहुत प्रेरित थे. उन्हीं से प्रेरणा पाकर शरद यादव ने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया था. इतना ही नहीं, वे MISA के तहत 1969-70, 1972 और 1975 में जेल भी गए. सक्रिय राजनीति में शरद यादव ने साल 1974 में कदम रखा था. वे पहली बार जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद बने. वे कुल सात बार यूपी एमपी और बिहार से चुनकर लोकसभा पहुंचे थे. उनके राजनीतिक कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे कई सरकारों में केंद्रीय मंत्री भी रहे. शरद यादव ने अपनी खुद की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल शुरू की थी. मार्च 2020 में उन्होंने लालू यादव के संगठन राजद में विलय कर लिया. उन्होंने कहा था कि एकजुट विपक्ष की ओर पहला कदम था.

https://twitter.com/girirajsinghbjp/status/1613719570178805760?t=zFkIFyWDRSlXsOVDAPGB1Q&s=19

शरद यादव के निधन की खबर के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने का तांता लगा है. विभिन्न संगठनों के लोगों ने सोशल मीडिया से लेकर व्यक्तिगत फोन पर उनके परिवार से संपर्क कर शोक में डूबे परिवार को सांत्वना देने का सिलासिला जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राहुल गांधी, प्रियंका गाँधी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी CM तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, मीसा भारती, मल्लिकार्जुन खड़के,गिरिराज सिंह समेत कई बड़े नेताओं ने गहरा दुःख व्यक्त किया है और परिवार के प्रति अपनी संवेदना जताई है.

PNCB

Related Post