Click Here For Cm Live https://www.facebook.com/NitishKumarJDU/videos/1005027443298015/ जबसे राष्ट्रीय जनता दल ने रोजगार को चुनावी मुद्दा बनाया है, जदयू और बीजेपी के लिए यह गले की फांस बन गया है. अब मुख्यमंत्री भी अपनी सभाओं में ‘रोजगार कैसे देंगे’, इसकी दलील पेश कर रहे हैं. राजेश तिवारी
एक तरफ महागठबंधन में राजद और माले ने अपनी अपनी उम्मीदवारों की लिस्ट करीब-करीब फाइनल कर दी है जबकि कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर बवाल मचा हुआ है. इधर एनडीए में बीजेपी और जदयू के बीच तल्खी कम नहीं हो रही. एक तरफ लोजपा और दूसरी तरफ सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी और जदयू के बीच संबंध लगातार बनते बिगड़ते दिख रहे हैं. आज नौबत ये आ गई कि बीजेपी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सफाई देनी पड़ी कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ रहे हैं और चुनाव के बाद नीतीश कुमार ही बीजेपी जदयू गठबंधन के मुखिया होंगे. दरअसल जदयू मीडिया में लगातार आ रही उन खबरों से परेशान है जिसमें बीजेपी और लोजपा के बीच नीतीश के खिलाफ पक रही खिचड़ी के बारे में कहा जा रहा है. एक तरफ चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार पर हमले बोल रहे हैं दूसरी तरफ बीजेपी की तारीफ कर रहे हैं और यही नीतीश कुमार को और जदयू को नागवार गुजर रहा है. नतीजा यह हुआ कि जब आज बीजेपी के शीर्ष नेता नीतीश कुमार से मिलने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे तो मुख्यमंत्री ने उन्हें दो टूक कह दिया कि आप अपनी स्थिति स्पष्ट कीजिए तब आगे की बात होगी. इसके बाद आनन-फानन में बीजेपी ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई. प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल 40 सेकंड में अपनी बात कह कर निकल लिए उनकी बात से स्पष्ट था कि बीजेपी नीतीश कुमार के दबाव में काम कर रही है. संजय जयसवाल ने कहा कि एनडीए
जदयू से बड़ी खबर सामने आ रही है. पार्टी में एक बड़ा फेरबदल करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अशोक कुमार चौधरी को जदयू का कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. इधर सभी कयासों पर लगाम लगाते हुए पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर कुमार पांडे ने आखिरकार जनता दल यूनाइटेड ज्वाइन कर लिया है. गुप्तेश्वर पांडे आज मुख्यमंत्री आवास पहुंचे जहां अशोक चौधरी, लल्लन सिंह और विजय कुमार चौधरी की उपस्थिति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें जदयू की सदस्यता दिलाई. pncb
बिहार में अचानक सियासी गतिविधियों में तेजी आ गई है. एक तरफ चुनाव आयोग ने विधान परिषद चुनाव की घोषणा की जिसके लिए नॉमिनेशन 18 जून से शुरू हो रहा है. विधानसभा कोटे से विधान परिषद की 9 सीटों के लिए नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 25 जून है. 29 जून नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है. अगर 9 सीटों के लिए 9 से ज्यादा उम्मीदवार हुए तो 6 जुलाई को वोटिंग कराई जाएगी और नतीजे भी उसी दिन आ जाएंगे. मंगलवार को बिहार कैबिनेट ने अवधेश नारायण सिंह को बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति बनाने पर मुहर लगा ही. बुधवार को डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने उन्हें बधाई दी. इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को नालंदा से जदयू एमएलसी नीना यादव को विधान परिषद के संसदीय कार्यों के संचालन के लिए सचेतक मनोनीत किया है. विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इस पर मुहर लगा दी है. राजेश तिवारी
पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | आरजेडी नेता और बिहार विधान मंडल में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सत्ता पक्ष को जमकर लताड़ लगाईं. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी-जेडीयू की कुत्ता-बिल्ली वाली लड़ाई में राज्यवासियों का भारी नुक़सान हो रहा है. उन्होंने कहा कि दिनदहाड़े जनादेश की ड़कैती कर जनभावना का अपमान करने वाले CM बतावें कि क्या इसी दिन के लिए जनादेश का अपमान कर भाजपा संग बिना नीति, सिद्धांत और विचार की अनैतिक सरकार बनाई थी? इससे बिहार को क्या फ़ायदा हुआ? प्रतिदिन बिहारवासी आपके अनैतिक कुर्सी प्रेम की सज़ा भुगत रहे है. अब आप जनता की अंतरात्मा की आवाज़ सुनिए.
पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | बृहस्पतिवार 21 फरवरी को समाजसेवी नरेंद्र सिंह ने आज पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित मिलन समारोह में जनता दल यू की सदस्यता ली. जदयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने नरेंद्र सिंह को सदस्यता दिलाई. सदस्यता ग्रहण करने के बाद नरेंद्र सिंह ने जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह का आभार किया. इस समारोह में नरेंद्र सिंह के साथ-साथ नेहा सूर्यवंशी, बीरेंद्र कुमार सिंह, अनिरूद्ध कुमार उर्फ अनिल कुमार और लवकुश शर्मा को भी सदस्यता दिलाई गई.नरेंद्र सिंह ने कहा कि अब तक वे एक व्यवसाय के साथ – साथ सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे हैं. बचपन से ही समाज के सभी वर्गों की सेवा करने की इच्छा रही है. लेकिन आज यह पहला मौका है, जब किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हैं. उन्हों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कार्यों से प्रेरित हैं और यही वजह है कि उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और निर्णय लिया है कि वे नीतीश कुमार के जनहित के कार्यों में एक सिपाही की तरह सहयोग करेंगे. साथ ही सरकार की योजनाओं को गरीबों तक पहुंचायेंगे, चाहे वो सवर्ण गरीब हो या दलित. मास लेवल पर लोगों की सेवा करने के लिए कोई न कोई राजनीतिक दल के साथ जुड़ना जरूरी है, इसलिए नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में काम करने के लिए राजनीति में शामिल हो रहे हैं. पहले बिहारी कहना अपमान समझा जाता था, मगर नीतीश कुमार
पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | आज दिनांक 18 फरवरी 2019 दिन सोमवार को बिहार प्रदेश कार्यालय में जदयू के प्रधान महासचिव सह सांसद आरसीपी सिंह, विद्यानंद विकल, छोटू सिंह सहित कई गणमान्य लोगों के उपस्थिति में रालोसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कौशल कुमार सिंह ने अपने सैकड़ो साथियों के साथ जदयू की सदस्यता ग्रहण की. सदस्यता के दौरान कौशल कुमार सिंह ने बताया कि नशा, बाल-विवाह, दहेज-विवाह जैसे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अभियान तथा सात निश्चय कार्यों के द्वारा पंचायत स्तर पर विकास से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संरक्षण में कार्य करने का संकल्प लेते हुए जनता दल यूनाइटेड पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. रालोसपा दिन व दिन दिशा विहिन हो बिखरती चली जा रही है. बताते चले कि समाजसेवी कौशल कुमार सिंह बांका जिले के धरैया थाना अंतर्गत गौरा गाँव के रहने वाले हैं. उनकी शिक्षा-दीक्षा गाँव व भागलपुर तथा जमशेदपुर शहर में हुई है. कौशल कुमार सिंह आज राज्य एवं जिले में युवा उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई है. युवाओं के बीच में वो आइकॉन हैं जिनका मानना है कि आज खेती किसानी घाटे का सौदा बन गई है और गाँवो से युवाओं का अन्य राज्यों की ओर पलायन तथा जाती की राजनीति को बढ़ावा दिया गया है. अब यह बहुत जरूरी हो गया है कि हम संकीर्ण मानसिक सोच से आगे बढ़े और कृषि संकट समाधान के प्रति एक समग्र सोच विकसित करें. इन्होंने बांका जिला क्षेत्रों में लगभग 10 वर्षो से लगातार सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्य करते रहे हैं.
जदयू ने चुनाव से पहले अपना बड़ा पासा फेंका है. पार्टी के पूर्व रणनीतिकार प्रशांत किशोर को जदयू में शामिल किया गया है. राज्य कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने उन्हें सदस्यता दिलाई. लोकसभा चुनाव से पूर्व जदयू राज्य कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक 1, अणे मार्ग में सम्पन्न हुई. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में हुई इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने की. जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह, मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह समेत सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, जदयू कोटे से मंत्रिमंडल के सभी सदस्य, विधानमंडल दल के सभी सदस्य, प्रदेश कार्यसमिति के सभी सदस्य तथा सभी जिलाध्यक्ष मौजूद रहे. जदयू ‘कास्ट बेस्ड’ नहीं, ‘काम बेस्ड’ पार्टी: नीतीश कुमार सभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू ‘कास्ट बेस्ड’ नहीं, ‘काम बेस्ड’ पार्टी है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि आपको अपनी ताकत का अहसास रहना चाहिए. चुनाव की चिन्ता हरगिज ना करें. उन्होंने पूरे विश्वास के साथ कहा कि हमलोगों की ताकत लोकसभा में तो बढ़ेगी ही, विधानसभा में भी भारी बहुमत से हम वापस आएंगे. नीतीश कुमार ने पंचायत स्तर तक संगठन को मजबूत करने के लिए पदाधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए. उन्होंने बूथ लेवल एजेंट की नियुक्ति कर उन्हें प्रशिक्षित करने, प्रकोष्ठों के बीच समन्वय स्थापित करने तथा जिला स्तर पर राजनैतिक सम्मेलन करने पर जोर दिया. लोकसभा में ताकत बढ़ेगी और विधानसभा में भारी बहुमत से वापस
2019 लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से किसे कितनी सीट मिलेगी, इसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार बयान दिया है. सीएम ने कहा कि सीट बंटवारे पर फैसला जल्द ही हो जाएगा. एनडीए के सभी घटक दल बीजेपी, जदयू, लोजपा और रालोसपा के मुख्य नेता एक साथ बैठेंगे और इस मसले को हल करेंगे. उन्होंने कहा कि सीटों को लेकर आमने-सामने बात होगी. अमित शाह से मुलाकात के बाद लोक संवाद में सीएम ने बीजेपी अध्यक्ष से मुलाकात पर कहा कि उनसे कई मुद्दों पर बात हुई है. लेकिन बंद कमरे में जो बातें हुईं उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. उन्होंने ये भी कहा कि जितनी बातें मीडिया में आ रही थीं, उनपर तो अमित शाह ने बोल ही दिया. सीएम नीतीश के मुताबिक, एक महीने में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत संभावित है. बीजेपी के प्रस्ताव पर जदयू और अन्य घटक दल मिलकर बात करेंगे.
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के संस्थापक रहे शरद यादव अब कोर्ट की शरण में जाएंगे. शरद यादव गुट ने जेडीयू के चुनाव चिन्ह तीर पर अपना दावा जताते हुए चुनाव आयोग में अपील की थी. लेकिन चुनाव आयोग ने नीतीश कुमार के जदयू के पक्ष में फैसला दिया था. शरद यादव पक्ष के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें चुनाव आयोग के फैसले पर एतराज है. इसलिए अब वे इसके खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट में अपील करेंगे. शुक्रवार को चुनाव आयोग ने नीतीश खेमे के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था जिसके बाद नीतीश कुमार गुट ने खुशी जाहिर करते हुए कहा था कि ये सच्चाई की जीत है. इस मामले पर नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी हो, लेकिन इसपर पार्टी को प्रचार खूब मिला. बता दें कि जदयू पार्टी पर अपना कब्जा जमाए रखने की कवायद में नीतीश और शरद यादव गुट लगे हैं. नीतीश कुमार के साथ एक ओर विधायकों और सांसदों से लेकर पार्टी की पूरी फोज है वहीं शरद यादव के पास गिने-चुने लोग ही हैं. इसके साथ ही अब शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता भी खतरे में है.