नुक्कड़ नाटक के जरिये सवाल, बेटियों के साथ भेदभाव क्यों ?

By Nikhil Jan 13, 2018 #nukkad natak betiyan

नुक्कड़ नाटक में दर्शकों के सामने सवाल,बेटियों के साथ भेदभाव क्यों ?

धन,बल और ज्ञान सब देवियों के पास फिर भी उपेक्षित क्यों .?




बेटियों आज देश के हर क्षेत्र में परचम लहरा रही है .

बेटी कि भूमिका, नाटक से फिल्म में परचम लहराने वाली ऐश्वर्या ने निभायी

नुक्कड़ नाटक “हमारी बेटियाँ” का प्रदर्शन

 

 

 

 

 

 

खगौल | हर शनिवार साप्ताहिक नुक्कड़ संवाद श्रृंखला की कड़ी में सदा कि ओर से उदय कुमार लिखित एवं निर्देशित नाटक “हमारी बेटियाँ” का प्रदर्शन दानापुर रेलवे स्टेशन के पास किया गया.  नाटक का शुभारम्भ …. “आएगा नया ज़माना ज़रूर, बेटियाँ गाएँगी नया तराना ज़रूर” गीत से शुरू हुआ.  नाटक में दर्शकों के सामने सवाल खड़ा किया गया है कि शक्ति कि देवी दुर्गा, धन कि देवी लक्ष्मी ,विद्या कि देवी सरस्वती यानि धन, बल और ज्ञान की देवी महिला होने के वाबजूद, इस पुरुष प्रधान समाज में बेटियों के साथ भेदभाव क्यों हो रहा है. नाटक में दिखाया गया कि किस प्रकार लड़कियों को लड़कों से कम समझा जाता है.  उन्हें परम्पराओं की दुहाई देकर पढ़ने से, खेलने से रोका जाता है.  उन्हें घरों में ही कैद कर दिया जाता है. आज तो उनके जन्म पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा किया जा रहा है. लड़कियों को पराया धन, दूसरे का वंश चलाने वाली समझा जाता है. यही सोच दहेज प्रथा ,बाल विवाह जैसी कुरीतियों को बढ़ावा देती हैं. अपनी सोच में बदलाव लाकर, बेटियों को सशक्त बनाकर इन कुरीतियों को दूर करना होगा. नाटक में समाज के दोहरे चरित्र को दर्शाया गया जिसमे एक ओर हम शक्ति की देवी माँ दुर्गा,  धन की देवी लक्ष्मी, विद्या की देवी सरस्वती, छठी मइया की पूजा करते हैं, उनके सामने हाथ फैलाते हैं वहीं दूसरी तरफ उसी समाज में नारियों का अपमान करते हैं.  आज बेटियाँ हर क्षेत्र में अपना  परचम लहरा रही हैं. चाहे सीमा पर देश की रक्षा करना हो या खेल के मैदान में नए कीर्तिमान स्थापित करना, हर जगह बेटियाँ आगे बढ़ रही हैं.  हमें उन्हें आगे आने देना होगा , उन्हें उड़ने देना होगा. बेटा और बेटी एक पंछी के दो पंख हैं.  हमें किसी भी पंख को काटना नहीं है, अपनी उड़ान जारी रखनी है. नाटक में खास कर दक्षिण भारतीय फिल्मों की उभरती नायिका बिहार की बेटी ऐश्वर्या एशा ने मुख्य भूमिका निभाई. इस के अलावा कबीर श्रीवास्तव, राकेश प्रेम, उदय कुमार,  रामनाथ प्रसाद, अशोक गिरी , पिन्टू कुमार, दीप नारायण दीपक आदि कलाकारों ने अभिनय किया है.  मौके पर वरिष्ठ रंगकर्मी नवाब आलम, सुधीर मधुकर सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे. कड़ाके की ठंड के बावजूद भी दर्शक अच्छी-खासी संख्या में मौजूद थे.

(खगौल से अजित)

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