बिहार में इस दिन से शुरू होगा NPR कार्य | CAA प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को राहत देने के लिए

पटना (ब्युरो रिपोर्ट) | बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को बीजेपी ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इसमें उन्होंने CAA तथा NPR विषय पर केंद्र सरकार के पक्ष को रखा.
मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को राहत देना है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में किस प्रकार धार्मिक अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जाता है इसका हालिया उदाहरण ननकाना साहिब में जगजीत कौर का अपहरण के बाद धर्मान्तरण और पाक मुस्लिमों द्वारा गुरूद्वारा पर हमला और धमकी की इसको गिराकर मस्जिद बना दी जाएगी. नागरिकता संशोधन विधेयक ऐसे ही धार्मिक कारणों से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने से संबंधित है.
मोदी ने कहा कि इसी धार्मिक प्रताड़ना के कारण उपरोक्त तीन देशों में अल्पसंख्यको की आबादी लगातार घटती जा रही है. हिन्दु जनसंख्या जो 1947 में पाकिस्तान 23% थी जो 2011 में 3.7% रह गई. वहीं, 1947 में 22% वाले बांग्लादेश में 2011 में हिंदुओं की जनसंख्या मात्र 7.8% रह गई. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में 1992 में दो लाख हिन्दु और सिक्ख थे जो 2018 में सिर्फ 500 रह गए हैं.
बिहार के संदर्भ में उन्होंने बताया कि 1947 के बाद 3,50,000 हिन्दु शरणार्थी आए जिन्हें मुख्यतः चम्पारण, पूर्णियां, कटिहार, भागलपुर में बसाया गया एवं कुछ लोगों को अररिया, सहरसा, गया, दरभंगा में बसाया गया. बिहार सरकार के आदेश पर आद्री द्वारा 2009 में 10,536 परिवार के 50,238 बंगाली हिन्दुओं का सर्वेक्षण किया गया जिसमें अधिकांश अनुसूचित जाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के पाए गए. इन अधिकांश शरणार्थियों को कांग्रेस के कार्यकाल में जमीन आवंटित की गई और बसाया गया. 1964 में बड़ी संख्या में म्यांमार से हिन्दु आए जिन्हें बिहार कटिहार, पूर्णियां, अररिया और समस्तीपुर में जमीन सहित बसाया गया. वर्तमान में बिहार में एक भी उपरोक्त तीन देशों के प्रताड़ित एक भी नागरिक नहीं हैं फिर भी बिहार में बंद, हिंसक प्रदर्शन का कार्यक्रम राजद व कांग्रेस के द्वारा किया जा रहा है.
मोदी ने आगे बताया कि अनुसूचित जाति/जनजाति को आरक्षण देना या भारत में अल्पसंख्यकों को अपने शिक्षण संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार (धारा 30) का अर्थ नहीं है कि आरक्षण सवर्णो के साथ भेदभाव है या धारा 30 हिन्दुओं के साथ भेदभाव करता है. इसी कारण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सीपीएम नेता प्रकाश करात, वासुदेव आचार्य आदि समय-समस पर मांग करते रहें है कि पाकिस्तान, बंगलादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाए.
राष्टीय जनसंख्या रजिस्टर मामले में सुशील मोदी ने बताया कि यूपीए सरकार के ही दौरान एक अप्रैल 2010 से 30 सितम्बर 2010 तक NPR बनाने का निर्णय लिया गया था. 2015 में इस NPR को इस आधार से जोड़कर डाटा को Update किया गया. NPR 2020- UPA के समय में लिए गए निर्णय के अनुरूप अप्रैल-सितम्बर 2020 में Census 2021 के मकान सूचीकरण एवं मकान गणना चरण के साथ NPR Database को अद्यतन करने का निर्णय लिया गया है. NPR 2010 को ही 2020 में अद्यतन किया जा रहा है. कोई नया रजिस्टर तैयार नहीं किया जा रहा है. उनके अनुसार यह जनगणना का ही एक हिस्सा है जिससे कोई राज्य इंकार नहीं कर सकता है. NPR में कोई दस्तावेज/प्रमाणपत्र नहीं लिया जाना है. मोदी ने बताया कि NPR का निर्माण एक वैधानिक कार्रवाई है जिसे कोई भी राज्य इंकार नहीं कर सकता है तथा जनगणना कार्य से इंकार करने पर सरकारी अधिकारी के लिए अर्थदंड के साथ तीन साल की सजा का प्रावधान है. उसी प्रकार NPR कार्य से इंकार करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ एक हजार दंड का प्रावधान है.
मोदी ने साफ किया कि बिहार में NPR का कार्य 15 मई से 28 मई 2020 के दौरान जनगणना के प्रथम चरण मकान सूची करण एवं मकान गणना के साथ किया जाएगा.




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