हैदराबाद में जन सेवा संघ के वार्षिकोत्सव पर ललित कला तोरणम् में बही गीत-संगीत की सरिता
हैदराबाद में जन सेवा संघ को टीआरएस सरकार देगी एक एकड़ जमीन- उप मुख्यमंत्री महबूब अली
ललिता कला तोरणम् का मुक्ताकाश रविवार को सुर -संगीत की स्वर लहरियों से सजी सुरमयी शाम का गवाह बना, जब पूर्वोतर की बेटी कल्पना ने हिन्दी, भोजपुरी और मैथिली में लोकप्रिय गीतों को स्वर देकर शाम को यादगार बना दिया. हजारों लोग देर रात तक लोक गीत- संगीत की सरिता में डुबकी लगाकर रसपान करते रहे मौका था, जन सेवा संघ का वार्षिकोत्सव का.
कार्यक्रम का विधिवत उदघाटन तेलंगाना के डिप्टी सीएम मोहम्मद महबूब अली ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. उनका स्वागत संघ के अध्यक्ष आलोक कुमार झा और संयोजक परमानंद शर्मा ने शॉल, मोमेंटो और बूके देकर किया. श्रोताओं की भारी उपस्थिति और स्वागत से अभिभूत डिप्टी सीएम ने कहा कि वे जन सेवा संघ के सामाजिक कार्यों से अवगत हैं. यह संगठन आम अवाम की बेहतरी में सतत सक्रिय है. उन्होंने इस मौके पर संघ के भवन के लिए शहर में एक एकड़ भूखंड देने की घोषणा की. उपस्थित हजारों जन समुदाय ने करतल ध्वनी से महबूब अली साहब की घोषणा का स्वागत किया. उप मुख्यमंत्री ने तेलंगाना सीएम केसीआर द्वारा चलाये जा रहे लोक कल्याणकारी कदमों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि यहां की सरकार समता औऱ विकास के लिए समर्पित है. किसी से भी यहां भेदभाव नहीं होता. उन्होंने हिन्दी भाषियों को हर स्तर पर हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया.
समारोह के दूसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम में जन सेवा संघ ने अपने वार्षिकोत्सव को मेगा म्यूजिकल नाईट का रुप दे दिया था, जिसके केन्द्र में थी कल्पना. वही कल्पना, जो भारत के एक बड़े भूभाग पर हजारो संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज करती है. भव्य मंच और रंग-बिरंगी रौशनी के बीच कल्पना ने शुरुआत तो गणेश वंदना से की , लेकिन शाम ढलने के साथ ही उसके सुरों ने महफिल को झंकृत करना शुरू कर दिया. फिर तो “सैंयाजी दिलवा मांगे ले…गमछा बिछाइ के” से लेकर.. “ आ जा सइयां छोडिके तू दिल्ली, देवरा तुरी किल्ली “ जैसे लोकप्रिय गाने गाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. दर्शकों की फरमाईश पर कल्पना ने महाकवि विद्यापति के मैथिली पद और असमी गायक भूपेन हाजरिका के गीत भी सुनाए. भोजपुरी के शेक्सपीयर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर के बहुचर्चित नाटक ‘बेटी-बेचवा’ का गीत गाकर कल्पना ने दक्षिण के इस शहर में पुरबी की स्वर लहरी गूंजा दी. फगुआ से लेकर कजरी और कबीर के भजनों को भी कल्पना ने अपनी सुरों से सजाकर पूरी महफिल लूट ली. बिहार से आए चर्चित उदघोषक रविरंजन राय ने अपनी वाणी से पूरे कार्यक्रम को बांधे रखा. बीच-बीच में उनकी शेरो- शायरी और सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करने वाले बोल ने श्रोताओं को लोट-पोट कर दिया.
कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष आलोक कुमार झा ने स्वागत भाषण दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन का क्रम संयोजक परमानंद शर्मा ने पूरा किया. मुख्य अतिथि के अतिरिक्त वरिष्ठ पत्रकार संतोष पांडेय, कार्यक्रम के संयोजक एसएन शर्मा, महासचिव सुधीर जायसवाल, उपाध्यक्ष आरपी सिंह, सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रमुख बिनय कुमार यादव, सुनील श्रीवास्तव और मीडिया प्रभारी राजू ओझा का भी स्वागत- अभिनंदन हुआ. इस मौके पर बड़ी संख्या में हैदराबाद और तेलंगाना के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौजूद थे. रात 11 बजे तक श्रोताओं ने गीत-संगीत की सरिता में डुबकी लगाई. इस दौरान ऐसा लग रहा था कि बिहार ही हैदराबाद के ललित कला तोरणम् में उतर आया हो. समारोह के दौरान आइ एस. एस.पी. सिंह, एस. के सिन्हा, विकास राज, अशोक सिन्हा, व जन सेवा संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी के डी चौबे, डि, डि तिवारी, सुधीर जायसवाल, सीताराम ठाकुर राजू पाठक, हरेन्द्र चौबे, विजय शंकर उपाध्याय, अजय सिंह, नरेंद्र प्रसाद, डॉ देवकुमार पुखराज, नविन बिहारी, सुशील कुमार श्रीवास्तव, हरि सिंह, लक्ष्मी चौबे, संजय भगत, सुबोध सिंह, राजनारायण सिंह, अजय कुमार, ठाकुर रामअवध सिंह, शम्भु चौधरी, आइ. पी सिंह, रामगोपाल चौधरी, लालमोहर चौधरी, संजय सिंह, आर. पी सिंह, जितेंद्र सिंह, संतोष चौहान, दिनेश सिंह, सुनील सिंह, रामबाबू सिंह, पंकज सिंह, राजू शर्मा, मदन सिंह, जेपी सिंह, विजय सिंह, अनिल श्रीवास्तव, मुकेश गुप्ता, आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.