नवमी पर उमड़ी मंदिरों में भारी भीड़, 70 हजार लोगों ने किया दर्शन

मंदिर के बाहर लगी भारी कतार, पुलिसकर्मियों ने संभाला मोर्चा

कतारबद्ध भक्तों ने आसानी से किये मां के दर्शन




SP भी पहुँचे आरण्य देवी के द्वार, मंदिर कमिटी ने पुस्तक भेंट की

आरा, 30 मार्च. रामनवमी के पावन अवसर पर आरा की अधिष्ठात्री देवी माँ आरण्य देवी मंदिर में रात्रि पहर से दोपहर तक भक्तों आना जारी रहा. इस दौरान लगभग 70 हजार लोगों ने आरा की अधिष्ठात्री माँ आरण्य देवी का दर्शन किया. हालांकि देर शाम तक मंदिर में भक्तों का आना जाना जारी रहता है लेकिन दोपहर शोभा यात्रा के दौरान भीड़ नही रहती है. आरण्य देवी मंदिर के अलावा अन्य मंदिरों में भी भीड़ देखा गया लेकिन बुढ़िया माई मंदिर, शीतला मां मंदिर और बाबू बाजार स्थित मां काली मंदिर में विशेष भीड़ देखी गई.

नवमी के इस पावन अवसर पर भोजपुर SP प्रमोद कुमार यादव भी पौराणिक मंदिर में स्थित आरा की अधिष्ठात्री देवी का दर्शन करने आये, जहां मंदिर कमिटी की ओर से उनका जोरदार स्वागत भी किया गया. इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय सहारा के भोजपुर ब्यूरोचीफ भीम सिंह भवेश ने उनकी लिखी पुस्तक भेंट स्वरूप दी. यह किताब उन्होंने संत जीयर स्वामी के ऊपर लिखी है.

मंदिर आने वाले भक्तों की सेवा के लिए मंदिर कमिटी से लेकर जिला प्रशासन की टीम अपनी सेवा में रत्त दिखी. महाभारत कालीन इस मंदिर के महंत संजय बाबा ने बताया कि 6 बजे 10 बजे के बीच लगभग 35 हजार लोगों ने दर्शन और पूजन किया. वही रात्रि पहर से दोपहर तक एक अनुमान के अनुसार लगभग 70 हजार लोगों ने अरण्य देवी का दर्शन किया.

उन्होंने बताया कि मंदिर की दो मूर्तियां लक्ष्मी और सरस्वती की परस्पर रूप हैं और पांडवो द्वारा अज्ञात वास के दौरान इनकी स्थापना की गयी थी. उन्होंने बताया कि आरा नगर का नाम राज मयूरध्वज द्वारा भगवान कृष्ण द्वारा दान में उनके बेटे ले शरीर के आधे हिस्से को काटने की घटना की वजह से आरा नाम पड़ा. उन्होंने बताया कि आरंभिक काल मे यह नगर एकचक्रापूरी के नाम से जाना जाता था. नगर की पौराणिक और धर्मिक महत्व के कारण यह देश में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है.

इस दौरान मंदिर विकास समिति की ओर से एक महीने से लगातार एक काउंटर संचालित किया गया है जहाँ मंदिर निर्माण के लिए लोगों से अपील किया जा रहा है. मंदिर का भव्य स्वरूप का ब्लू प्रिंट बनकर तैयार है और निर्माण का कार्य प्रारम्भिक दौर में है. इस काउंटर पर सामाजिक कार्य मे सक्रिय रहने वाले लोगों और पत्रकारों को निरन्तर देखा गया.

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