किसके कन्ट्रोल में शिक्षा विभाग, उठ रहे गंभीर सवाल

पटना।। बिहार का शिक्षा विभाग गंभीर सवालों के दौर से गुजर रहा है. सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर शिक्षा विभाग किसके नियंत्रण में है. बुधवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक के हस्ताक्षर से जारी एक पत्र ने बवाल खड़ा कर दिया है. क्योंकि इस पत्र के जारी होने के कई घंटे बाद खुद माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इसे फर्जी बता दिया. जबकि दोनों पत्र बिल्कुल सही दिखाई दे रहे हैं. करीब 3 महीने से सरकारी स्कूलों का समय बदलने की मांग हो रही है. बिहार विधानसभा और विधान परिषद में भी ये मामला कई बार उठ चुका है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में घोषणा की थी कि स्कूलों का समय सुबह 9.45 से शाम 4.15 तक होगा. लेकिन शिक्षा विभाग ने उनकी भी बात नहीं मानी और सदन के नेता की घोषणा को अनसुना कर दिया. अब देखने वाली बात होगी कि बजट सत्र के बाकी बचे दो दिन में इस सवाल को लेकर शिक्षा मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री क्या जवाब देते हैं. pncb

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सेठ पर ED का शिकंजा, जब्त हुई सम्पति

ED पर उंगली उठाने वाले सेठ के पास की करोड़ो की सम्पत्ति हुई जब्त कलतक BJP पर आरोप लगाने वाली JDU सेठ के शिकंजे पर चुप क्यों? पटना,7 फरवरी. सत्तारूढ़ JDU के विधान परिषद् सदस्य राधा चरण साह उर्फ राधा चरण सेठ सितंबर में जब गिरफ्तार हुए थे तो पार्टी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वह ED के जरिए जबरन परेशान कर रही है. लेकिन अजीब बिडंबना है कि JDU के लिए खास माने जाने वाले सेठ के परेशानी का आरोप उस समय झूठा साबित हो गया जब करोड़ो की सम्पत्ति ED के हाथों लग गयी. अभी हालिया राजनीतिक फेरबदल हुए सरकार के पहले महागठबंधन सरकार के वक्त सितंबर में राधा चरण साह उर्फ सेठजी को गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि सेठ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड (JDU) के कोटे से आरा-बक्सर निकाय क्षेत्र के विधान पार्षद के साथ पार्टी के प्रदेश महासचिव भी हैं. अब, जबकि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार है तो प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने ही अपना एक्शन बढ़ाते हुए उनसे जुड़ी लगभग 39 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर दिया है. इस जब्त सम्पत्ति में ED ने हालांकि सीधे तौर पर राधा चरण साह की 26 करोड़ से अधिक की संपत्ति अटैच की वही कथित तौर पर उनके दो कारोबारियों के नाम लगभग 13 करोड़ की संपत्ति अटैच की है. JDU अब भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार में है और इस एक्शन पर चुप है. कल तक भाजपा पर परेशान करने का आरोप लगाने वाली

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‘पलटीमार राजनीति के चैम्पियन हैं नीतीश कुमार’

प्रवीण बागी की कलम से ‘कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे,तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे,तब तुम मेरे पास आना प्रिये’,भाजपा के नेता आजकल नीतीश कुमार के लिए यही गाना गुनगुनाते होंगे. भाजपा का शीर्ष नेतृत्व नीतीश कुमार को अपने निकट पाकर भले ही खुश हो लेकिन बिहार के पार्टी कार्यकर्ता हतप्रभ हैं. कल तक जिसके खिलाफ वे झंडा उठाए घूम रहे थे, अब उसकी जयकार करने की मज़बूरी है. पार्टी कार्यकर्ता खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. लेकिन इसकी परवाह किसे है? यह ठीक है कि सत्ता हासिल करना राजनीतिक दलों का मूलभूत उद्देश्य होता है, लेकिन उसका भी कुछ प्रोटोकॉल होता है, एक तहजीब होती है, नीति होती है. जनता का विश्वास हासिल कर सत्ता में आना और जनता के कल्याण के लिए सत्ता का इस्तेमाल करना ही लोकतंत्र है. लेकिन बिहार में जो राजनीतिक घटनाक्रम हुआ वह इन सबसे परे है. यह राजनीतिक अवसरवाद का निकृष्टम उदहारण है. बिहार में जो हो रहा है वह लोकतंत्र नहीं धतकर्म है. नीतीश इस धतकर्म के माहिर खिलाड़ी हैं. अपनी कुर्सी बचाने के लिए बारंबार नट की तरह सत्ता की डोर पर कलाबाजी दिखाना और गुलाटी मारना उनका स्वभाव बन गया है. यहां यह याद दिलाना जरुरी है कि नीतीश इंडि गठबंधन के संस्थापक थे. उन्होंने ही घूम -घूम कर सभी विपक्षी नेताओं से बात की थी और साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया था. विपक्ष की पहली बैठक उन्हीं की पहल और आमंत्रण पर पटना में हुई थी. बेशक इसके पीछे कांग्रेस

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क्या है नीतीश के मन में, ठुकरा दिया संयोजक पद का प्रस्ताव

पटना।। इंडिया ग्रुप के नेताओं की एक अहम बैठक वर्चुअल रूप में आज हुई जिसमें 14 दलों ने हिस्सा लिया. बिहार से जदयू और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख नेताओं के अलावा कांग्रेस, डीएमके और अन्य दलों के नेता इस बैठक में शामिल हुए. हालांकि इस बैठक से ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने दूरी बनाए रखी जिसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. वर्चुअल मीटिंग में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंडिया का संयोजक बनने का प्रस्ताव आया लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया है. उन्होंने कहा कि किसी पद में उनकी कोई लालसा नहीं है वह सिर्फ यह चाहते हैं की सभी दल एक साथ आएं और जल्द से जल्द सीटों का बंटवारा हो. वर्चुअल मीटिंग में एक महत्वपूर्ण बात पर मोहर लगी कि इंडिया के चेयरपर्सन का पद मल्लिकार्जुन खड़गे को दिया गया. वर्चुअल मीटिंग को लेकर जदयू नेता संजय झा ने मीडिया को जानकारी दी हुए कहा कि मुख्यमंत्री कुमार ने संयोजक पद का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया. वे सिर्फ चाहते हैं कि सीटों के बंटवारे पर जल्द से जल्द सहमति बने. संयोजक का पद ठुकराने के बाद अब एक बार फिर नीतीश कुमार की नाराजगी की बात सामने आ रही है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के रुख को देखते हुए नीतीश कुमार ने संयोजक का पद स्वीकार नहीं किया है क्योंकि उन्हें अच्छी तरह पता है कि की संयोजक चाहे कोई भी बने, लीड रोल में कांग्रेस हीं रहेगी. pncb

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बिहार को वि शेष दर्जा ,तब मुंह में दही जमा था

विशेष दर्जा : ? बिहार अप्रैल, 2000 में जब राबड़ी देवी जी को पुनः मुख्यमंत्री बनाने के लिए बिहार विधानसभा में कांग्रेस के सत्ता में समर्थन की शर्त पर जब बिहार बंटवारे को समर्थन दिया गया , तभी ‘ विशेष राज्य ’ की मांग या आर्थिक सहायता की मांग क्यों नही की गई ? उस वक्त सत्ता वापसी के लिए मुंह में दही जम गया था. जब नीतीश कुमार एनडीए के साथ रहते हैं , तब विशेष राज्य की मांग किस मांद में आराम फरमाने चली जाती है ?खैर , केंद्रीय करों / टैक्स में आप कितना देते हैं और उसके बदले आपको कितना मिलता है ? आपको लगभग 8 / 9 गुना ज्यादा मिलता है । जबकि विकसित राज्यों को इनके योगदान के बदले सिर्फ 0.32 % मिलता है. एक बड़े भाई आए तो सड़क , बिजली और कानून व्यवस्था ध्वस्त कर के पताका छोटे भाई के हाथ दे दिए , वो पिछले 18 साल से यही सड़क , बिजली और कानून व्यवस्था में लगे हुए है , जिसमे अब पिछले एक साल में कानून ववस्था बुरी तरह ध्वस्त होने के कगार पर है, स्वयं तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान मंत्री तेजस्वी जी कह चुके हैं, राज्य में 20 हजार करोड़ का अवैध शराब के कारोबार का समानांतर अर्थ व्यवस्था चल रहा है. अवैध बालू पर वो अपना मुंह बंद कर लेते हैं. पिछले 35 सालों में सिवाय डेढ़ साल के शाहनवाज हुसैन के उद्योग मंत्री काल के किस नेता ने बिहार में उद्योग की वकालत की है ?खुद

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बिहार के मुख्यमंत्री के लिए एक योग्य उम्मीदवार की आवश्यकता: सिंगर मैरी मिलबेन

नीतीश कुमार  के बयान पर अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने दी प्रतिक्रिया अफ्रीकी-अमेरिकी अभिनेत्री एवं सिंगर मैरी मिलबेन ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की नीतीश कुमार द्वारा विधानसभा में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा की बिहार में महिलाओं को सशक्त करना होगा वाशिंगटन। अफ्रीकी-अमेरिकी अभिनेत्री एवं सिंगर मैरी मिलबेन ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की तथा बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विधानसभा में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा कीमिलबेन ने कहा कि पीएम मोदी एक ऐसे नेता हैं जो महिलाओं के लिए हमेशा खड़े हैं, इसलिए मेरे लिए वह प्रिय हैं. मैरी ने पीएम नरेंद्र मोदी को नागिरकों की प्रगति के लिए सबसे अच्छा नेता माना. वहीं, दूसरी ओर मिलबेन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनंसख्या नियंत्रण पर दिए गए वक्तव्य पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने नीतीश कुमार के द्वारा की गई महिलाओं के बारे में आपमानजनक टिप्पणी की आलोचना की. उन्होने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री के लिए एक योग्य उम्मीदवार की आवश्यकता है.एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की टिप्पणियों को लेकर मेरा मानना है कि एक साहसी महिला को आगे आकर बिहार मुख्यमंत्री के पद पर अपनी उम्मीदवारी घोषित करनी चाहिए अगर मैं भारत का नागरिक होती तो मैं बिहार जाती और मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव लड़तीं. पीएम मोदी को लेकर मिलबेन ने कहा कि बहुत से लोग कहते हैं कि मैं प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन क्यो करती हूं. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी भारत और प्रगति के लिए सबसे अच्छे

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महिलाओं पर विवादित बयान पर नीतीश ने हाथ जोड़कर माफी मांगी

बोले- ठेस पहुंचाने के लिए नहीं कहा; पॉपुलेशन कंट्रोल के लिए शिक्षा जरूरी पटना:विधानसभा में मंगलवार को जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिए गए बयान पर सीएम नीतीश कुमार ने माफी मांगी हैं. उन्होंने कहा कि मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं माफी मांगता हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है. मेरे मकसद सिर्फ शिक्षा के बाद जनसंख्या वृद्धि में आ रहे परिवर्तन को बताना था. बिहार विधानसभा में मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण पर बयान दिया था. इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसी बातें भी कहीं, जिसे हम यहां लिख नहीं सकते. इन्हीं बातों पर भाजपा और कांग्रेस की महिला विधायकों ने नाराजगी जताई, तो डिप्टी सीएम ने कहा- मुख्यमंत्री की बातों को सेक्स एजुकेशन के तौर पर लेना चाहिए. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अपने तर्क देते हुए कई आंकड़े बताए. उन्होंने कहा कि राज्य में 6 वर्ष से छोटे बच्चों की संख्या 2011 में 18.46% था, जो घटकर 13.6% रह गया है. बिहार में पिछले साल प्रजनन दर 2.9% पर पहुंच गया है, जो पहले 4.3% हुआ करता था. जनसंख्या नियंत्रण में बड़ी भूमिका बालिका शिक्षा की है. यही कारण है कि राज्य में बालिकाओं की शिक्षा पर हमने जोर दिया गया. PNCDESK

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त्योहारों के समय में विधानसभा सत्र रखे जाने से भड़के विजय सिन्हा

नीतीश सरकार को बताया हिंदू विरोधी सरकार ने तुष्टिकरण की नीति पर  हिंदुओं के पर्व त्योहारों की उपेक्षा की पटना: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार ने जनहित के मुद्दों को रोकने और सदन में नहीं उठाने देने के लिए बिहार विधानसभा के आगामी सत्र को छोटा कर दिया है. विधायिका को महत्वहीन और अपमानित करना सरकार की आदत बन गई है. सरकार ने विधानसभा का कार्यक्रम जारी कर संदेश दिया है कि सनातन धर्म के पर्व त्योहार की इन्हें चिंता नहीं है. सामान्य रूप से यह सत्र दीपावली और छठ पर्वके बाद नवंबर के अंतिम सप्ताह अथवा दिसंबर के पहले पखवाड़े में संपन्न होता था, लेकिन इस बार सरकार ने तुष्टिकरण की नीति पर  हिंदुओं के पर्व त्योहारों की उपेक्षा की है. महत्वपूर्ण विभागों से प्रश्न नहीं पूछे जा सकेंगे- विजय कुमार सिन्हा  विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि 6 से 10 नवंबर तक के लिए बनाए गए सत्र के कार्यक्रम में पूर्व की भांति एक बार गृह, सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों से प्रश्न नहीं पूछे जा सकेंगे. ये सभी विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है. राज्य में बढ़ रही हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म और अपहरण जैसे मामलों में प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे क्योंकि ये गृह विभाग से संबंधित हैं और यह मुख्यमंत्री के अधीन है. वहीं, इस बार सत्र के कार्यक्रम को 17 अक्टूबर की शाम में जारी किया गया है. यह तिथि दुर्गा पूजा की तृतीया तिथि थी. पक्ष-विपक्ष के सभी विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पूजा की व्यवस्था देख रहें हैं.  नेता

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घर से कोचिंग के लिए निकला बच्चा पहुंच गया जमालपुर स्टेशन

गया के डेल्हा थाना में बच्चों के पिता ने कराया था अपहरण का मामला दर्ज लापता बच्चे को पुलिस ने 6 घंटे में जमालपुर से किया बरामद गया/पटना, अजीत गया के डेल्हा का रहने वाला एक बच्चा अमित कोचिंग के लिए घर से निकाला और ट्रेन पर बैठकर जमालपुर स्टेशन भटकते हुए पहुंच गया. इधर बच्चा को घर वापस नहीं पहुंचा देख उसके पिता ने डेल्हा थाना में अपहरण का मामला दर्ज करा दिया. अपहरण का मामला सामने आते ही पुलिस ने तत्परता से छानबीन शुरू कर दिया. एसएसपी आशीष भारती के निर्देश पर गठित टीम में शामिल थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार एवं अन्य सहयोगी पुलिसकर्मियों ने बच्चों को 6 घंटे के अंदर जमालपुर रेलवे स्टेशन के पास से बरामद कर लिया.

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निर्णायक आबादी के बावजूद राजनीतिक भागीदारी से वंचित हैं देवहर समाज : कुमार गौरव

देवहर जाति का एक भी व्यक्ति विधानसभा, लोकसभा या कोई भी सदन नहीं पहुंच देवहर समाज को जल्द मिले ले एस सी का दर्जा नवंबर में होगा पटना में महासम्मेलन कई विधानसभा एवं लोकसभा क्षेत्र में देवहर समाज की आबादी निर्णायक भूमिका में है. इन क्षेत्रों में हम हर बार किसी न किसी दलीय प्रत्याशी को जिताते आए हैं. लेकिन हमारे समाज को खुद भागीदारी नहीं मिल पाती है. सर्फ चाहने से नहीं मिलेगी राजनीतिक भागीदारी एवं सरकार में हिस्सेदारी. देवहर जाति को वाजिब हक के लिए संघर्ष करना पड़ेगा. ये बातें लहेरियासराय पोलो मैदान स्थित ऑडिटोरियम में देवहार समुदाय के सम्मेलन सह सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सह देवहार समुदाय विकास समिति के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ कुमार गौरव ने कही. उन्होंने कहा कि समाज के अधिकांश लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर है. वे सारंगी बजाकर और मांग कर खाते हैं. इसलिए हमें राजनीतिक हिस्सेदारी के साथ साथ अनुसूचित जाति का भी दर्जा चाहिए. देश की आजादी के बाद से ही समाज के लोग लगातार ठगे जा रहे हैं. आजतक हमारी राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं होने के कारण देवहर जाति का एक भी व्यक्ति विधानसभा, लोकसभा या कोई भी सदन नहीं पहुंच पाए हैं. जिससे हम अपनी बातों को नीति निर्धारकों तक नहीं पहुंचा पाते हैं. हमारी समुदाय के लोग जो भी अर्जित कर पाए हैं वो सिर्फ अपने बदौलत ही है. देवहार समुदाय के कुछ युवा अपने बदौलत सरकारी नौकरी तो हासिल कर लेते हैं मगर सामाजिक स्थिति दयनीय होने के कारण समाज के मुख्य धारा से अलग

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