NIC कैम्प उड़ीसा में अपने शानदार प्रदर्शन के साथ लौटे भोजपुर के छात्र

कई प्रतिभाओं से परिपूर्ण दिल्लू ने बनाई सबके दिल मे जगह NIC कैम्प उड़ीसा में भोजपुर के 6 छात्रों का हुआ था चयन आरा,29 मार्च. NIC कैम्प उड़ीसा में अपने शानदार प्रदर्शन के साथ 10 दिवसीय शिविर से वापस अपने जिले में भोजपुर के छात्रों का आगमन हो चुका है और वे शिविर मिले उन्हें अपने प्रदर्शन के लिए सम्मान से गदगद हैं. NIC लघु भारत का जीवन्त नमूना पेश करता है. इसमें भारत की विविधता में एकता का साकार रुप दिखता है. ये विचार NSS (राष्ट्रीय सेवा योजना) के उड़ीसा के कर्मकांड महाविद्यालय, जग्गनाथपुरी के राष्ट्रीय एकीकरण शिविर (NIC) में बिहार की शानदार प्रस्तुति के बाद टीम के साथ वापसी के समय दिल्लू सिंह ने व्यक्त किए. बिहार से कैम्प में शामिल छ: सदस्यों में दिल्लू भी एक है. दिल्लू ने यहां झूमर,डोमकच पर लोकनृत्य,धर्म निरपेक्षता विषयक वाद-विवाद,रंगोली,पोस्टर प्रतियोगिता , बारहमासा गीत एवं छठ पूजा की प्रस्तुति आदि में अपनी बेहतरीन भूमिका निभाई. रोहतास जिला के दिनारा प्रखंड की गुमसेज पंचायत के बसुहारी गांव के हरेंद्र कुमार सिंह की पुत्री दिल्लू सिंह के NSS के राष्ट्रीय एकीकरण शिविर (NIC) उड़ीसा के जग्गनाथपुरी कर्मकांड महाविद्यालय पुरी में सहभागिता और सफल प्रदर्शन से क्षेत्र में खुशी का माहौल है. उल्लेखनीय है कि शिविर का आयोजन 19 मार्च से 25 मार्च तक जगन्नाथपुरी में किया गया था. छात्राएं इसे अपने लिए प्रेरणा मान रही हैं. मिली जानकारी के मुताबिक बिहार से NIC कैम्प के लिए महज छ: छात्र-छात्राओं का चयन हुआ था. ये सभी वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के हैं. एचडी

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बिहार के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था पर अलग से होगी सीनेट की बैठक : अर्लेकर

बिहार के लोग बोझ नहीं.. बोझ उठाने वाले.. फिर क्यों जाना पड़ता पढ़ने के लिए अन्य प्रदेश आनेवाली पीढ़ी का भविष्य संवारना हो परम दायित्व  के एस डी संस्कृत विश्वविद्यालय के साढ़े चार अरब से अधिक के घाटे के बजट पर सीनेट ने लगाई मुहर संजय मिश्र,दरभंगा बिहार की लचर शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए नए प्रयोग देखने को मिल सकते हैं. इसके संकेत बिहार के नए गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दरभंगा में दिए. रविवार को के एस डी एस यू यानि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में सीनेट की 46 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए अलग से सीनेट की बैठक बुलाई जाएगी. कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दरबार हॉल में आयोजित सीनेट की बैठक में कहा कि ये विद्वत सभा है. सीनेट का कार्य सिर्फ बजट पास करना नहीं है. बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि शिक्षण संस्थानों की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार कैसे हो? शिक्षा में सुधार के लिए अलग से सीनेट की बैठक होगी जिसमें सिर्फ और सिर्फ शैक्षणिक वातावरण की बेहतरी पर ही चर्चा होगी. उन्होंने उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि सीनेट की ऐसी विशेष सम्मिलन में वे स्वयं उपस्थित रहेंगे. उन्होंने कहा कि सूबे के 13 करोड़ आबादी पर हमें गर्व है. बिहार के लोगों के बारे में कहा जाता है कि वे बोझ नहीं हैं ,बल्कि बोझ उठाने वाले हैं. फिर भी यहां के बच्चे दूसरे प्रदेशों में जाकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. इस पर हमें चिंतन करने की

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दुनिया भर से बिहार पहुँचे 21 लोग, हफ्ते भर बिताया

UWC से आये लोगों को भाया बिहार, कहा सत्कार करने वाला राज्य है बिहार सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सस्टेनेबिलिटी कार्यशाला आरा में संपन्न Patna Now Exclusive आरा, 26 मार्च (ओ पी पाण्डेय). कभी विश्व के ज्ञान का केंद्र रहने वाला बिहार आज अपने नाम को लेकर कई भ्रांतियों से घिरा हुआ है. बिहार का नाम आते ही एक पूर्वाग्रह सोच की मकड़जाल लोगों को जकड़े हुए है. अपने कई क्षेत्रों में विकास के बाद भी बिहार का नाम सुनकर कोई भी आज से 30 वर्ष पहले का ही बिहार समझता है चाहे वह किसी राजनायक का नाम हो, या किसी भी क्षेत्र के किसी भी मशहूर शख्सियत का नाम. इस बात की चर्चा पिछले दिनों राजधानी पटना में हुए GTRI-3 में भी बड़े व्यापक पैमाने पर हुई थी. चर्चा यही थी कि दुनिया भर में आज बिहारी अपने मेहनत के बदौलत दुनिया के कई कंपनियों से लेकर, ब्युरोकेट्स और कई ब्रांड के नाम में शुमार हैं फिर भी बिहार के नाम आते ही सामने वाला का परसेप्शन चेंज नही होता और इसकी वजह है कि कोई यहाँ आकर उन बदलाव को नही महसूस करता है. लेकिन बिहार के इस बदलाव को महसूस किया है देश नही बल्कि दुनिया भर से आये 21 लोगों ने, जिन्होंने एक हफ्ते तक यहाँ रहकर न सिर्फ यहाँ की पुरानी पद्धति को सीखा बल्कि बिहार के लोकल आबादी के बीच उनसे मिलने के बाद उनके रहन-सहन ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि वे बिहार के मुरीद बन सुनहरी यादों के साथ अपने देश वापस लौटे हैं.

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सात दिवसीय सस्टेनेबिलिटी वर्कशॉप दे गया कई नई योजनायें

भोजपुर के आरा में कई देशों के छात्रों ने किया शिरकत दुनिया भर से 19 विद्यार्थी 2 शिक्षकों ने लिया भाग बिहार के बारे में बने बुरे पूर्वग्रह को तोड़ना मुख्य मकसद: कुमार प्रशांत घाना से निक, नाइजीरिया से ख़लील , विक्टोरिया जर्मनी से एबिलगे, इंडोनेशिया से मारिया ,पेरू से एंड्रिया ,साउथ अमेरिका से साना इस कार्यशाला में भाग लिया आरा के गोढना रोड स्थित सेंटर ऑफ रेजिलिएंस में 7 दिवसीय अंतरास्त्रीय सस्टेनेबिलिटी वर्कशॉप कुमार प्रशांत की अगुवाई में संपन्न हुआ. वर्कशॉप में भाग लेने के लिए दुनिया भर से 19 विद्यार्थी 2 शिक्षक समान आरा भोजपुर में रहे और कई कार्य किये. वर्कशॉप के दौरों लोगों ने सेंटर ऑफ रेजिलिएशन के फ्लोटिंग हाउस प्रोजेक्ट पर काम किया. छात्रों  ने पुराने पद्धतियों  का उपयोग कर बांस का घर बनाना सीखा. उसे साथ- साथ गोबर मिट्टी तथा चुने से वैदिक ईंट का प्रोटोटाइप बनाना भी सीखा. प्रशांत के मुताबिक इस तरह के वर्कशॉप से ​​बिहार को लेकर देश के लोगों का नजारा बदलेगा. इस तरह के वर्कशॉप सब कराटे है कि बिहार एक शांति प्रिय, प्रोग्रेसिव तथा वेलकमिंग राज्य है. यूडब्ल्यूसी शिक्षक सानिध्य के मुताबिक यूडब्ल्यूसी के आने का मुख्य उद्देशय बिहार के बारे में बने बुरे पूर्वग्रह को तोड़ना था जिस तरह से काफी था तक हम सफल भी हुए. नीदरलैंड के रहने वाली लिसा के अनुसार बिहार के बहुत ही सुंदर और विविध वाला प्रदेश है, यहां पर लोग काफी मिलनसार और स्वागत है. वर्कशॉप का आयोजन करने वाले कुमार प्रशांत गोहाना रोड के निवासी हैं. प्रशांत ने 4

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VKSU के अस्तित्व के लिए आंदोलन तेज, 7 ने किया समूहिक उपवास

स्काडा की जमीन के लिए अभियान समिति ने भरी हुंकार वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय(VKSU) के अस्तित्व के लिए चाहिए स्काडा की भूमि बलिदान दिवस और लोहिया जयंती के मौके पर सामूहिक उपवास आरा,23 मार्च. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालयके अस्तित्व के लिए आंदोलन ने रफ्तार पकड़ ली है. लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप पहले कई बैठकों की दौर के बाद आज एक दिवसीय सामूहिक उपवास पर सात लोग सुबह 9 बजे से 5 बजे तक जे. पी. स्मारक के निकट बैठे. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय अभियान समिति के बैनर तले जे पी स्मारक स्थल के पास भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के बलिदान दिवस और लोहिया जयंती के मौके पर एक दिवसीय सामूहिक उपवास में शामिल लोगों में अभियान के सदस्य सीनेटर डा. विनोद कुमार सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक मानव, विजय मेहता,डा जितेंद्र शुक्ल, छात्र अनिरुद्ध सिंह, सूरज सिंह परमार एवं अमरजीत कुमार सिंह बैठे थे. इस अभियान के द्वारा लगातार विश्वविद्यालय को स्काडा कृषि विभाग की भूमि आवंटित करने की मांग की जा रही है. ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय के नूतन परिसर की 25 एकड़ भूमि मेडिकल कॉलेज के नाम आवंटित हो गई है और इसके बदले कोईलवर में भूमि दिए जाने का प्रस्ताव है जिसका विरोध हो रहा है. तीन खंडों में विश्वविद्यालय के बंट जाने से विश्वविद्यालय के संचालन और पठन-पाठन में व्यवहारिक कठिनाई की वजह इस विरोध का आधार है. उपवास कार्यक्रम आज सुबह महात्मा गांधी, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव तथा लोहिया के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ प्रो. दिवाकर पांडेय की अध्यक्षता में शुरू हुआ. धीरे-धीरे बड़ी संख्या

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वह कविता जिसपर थम गए भोजपुर DM के पाँव

अनीशा की कविता प्रस्तुति ने उपस्थित आगन्तुकों को प्रस्तुति के जादू में बाँधा आरा, 23 मार्च. बिहार दिवस की 111वीं जयंती के मौके पर आरा के वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में कल का नजारा देखने योग्य था. जहाँ स्टॉल विभिन्न रंगों में अपने भोजपुरिया रंग और बिहारीपन की पहचान दे रहे थे वही इन्ही स्टॉलों में से एक सम्भावना स्कूल के स्टॉल पर जिलाधिकारी, भोजपुर SP, मेयर और अन्य लोगों का एक साथ किसी स्कूली छात्रा का सुनना एक अलग ही नजारा प्रस्तुत कर रहा था. संभावना स्कूल के बच्चों द्वारा लगाए गए स्टॉल पर बच्चों के प्रतिभा के जिलाधिकारी समेत अन्य लोग बच्चों की प्रतिभा और प्रस्तुतिकरण के कायल तो हो ही चुके थे लेकिन जैसे ही वहां से चलने को हुए विद्यालय की एक छात्रा अनीशा शुक्ला ने अपनी बिहार दिवस पर बिहारियों को समर्पित एक कविता सुनाने का आग्रह किया. जिलाधिकारी ने उसका निवेदन यह सोचकर माना कि दो-चार लाइन सुनकर बच्चे की इच्छापूर्ति कर दी जाएगी लेकिन जैसे ही अनीशा ने अपनी कविता की पंक्तियों को अपनी ओज का प्रवाह दिया, फिर तो ऐसा हुआ कि भोजपुर DM के पाँव उसी स्टॉल पर थम गए और उन्होंने उसकी पूरी कविता सुनी. उनके साथ उपस्थित सभी लोग भी कविता प्रस्तुति तक उनके साथ रुके रहे. कविता के खत्म होने पर भाव विभोर भोजपुर DM ने अनीशा शुक्ला का पीठ थपथपा उसे आशीर्वाद दिया और उसका मनोबल बढ़ाया. अनीशा द्वारा प्रस्तुत कविता का अंश पटना नाउ आपके लिए पेश कर रहा है. पढ़िए अनीशा की सोच, जिसमें छुपी

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इंटर परीक्षा में लड़कियों ने मारी बाजी, हर स्ट्रीम में किया टॉप

बिहार बोर्ड 12वीं के तीनों संकायों में लड़कियों ने टॉप किया आर्ट्स स्ट्रीम के 8 टॉपर में 5 लड़कियां, मोहद्दीसा को पहला स्थान साइंस टॉपर आयुषी नंदन को लड़कियों की सफलता पर है गर्व बीएसईबी 12वीं परीक्षा के परिणामों की घोषणा मंगलवार को कर दी गई है. इस साल इंटर की परीक्षा में कुल 10 लाख 91 हजार 958 परीक्षार्थी सफल हुए हैं. इसका प्रतीशत 83.07 रहा है. वहीं बिहार बोर्ड आर्ट्स स्ट्रीम में पूर्णिया की मोहद्दिशा ने टॉप किया है. मोहद्दिशा उच्च माध्यमिक विद्यालय बायसी की छात्रा है. मोहद्दिशा को कुल 475 अंक प्राप्त हुए हैं. उनको 95% अंक आया है. औरंगाबाद की सौम्या ने भी 95% अंकों के साथ कॉमर्स विषय में टॉप किया है. सभी टॉपर छात्रों को एक लाख रुपये, लैपटॉप दिया जाएगा. साथ ही किंडल ई-बुक भी मिलेगा. वहीं सेकंड टॉपर को 75 हजार रुपये नकद पुरस्कार, एक लैपटॉप और एक किंडल ई-बुक मिलेगा. थर्ड टॉपर 50 हजार रुपये नकद पुरस्कार, एक लैपटॉप और एक किंडल ई-बुक मिलेगा. दूसरी टॉपर कुमारी प्रज्ञा हैं. सौरभ कुमार थर्ड टॉपर हैं, वहीं चौथे नंबर पर लक्ष्मी कुमारी है जबकि पांचवे नंबर पर मो. शारिक हैं. बिहार बोर्ड 12वीं आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स, तीनों संकायों का रिजल्ट एक साथ जारी किया गया है. बिहार बोर्ड 12वीं की तीनों स्ट्रीम में लड़कियों का बोलबाला है. बिहार बोर्ड में लड़कियां टॉप करेंगी. पिछले साल भी लड़कियों ने ही टॉपर्स लिस्ट में जगह बनाई थी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सभागार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने इंटर का रिजल्ट जारी किया. इस

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नही रहे पूर्व कुलपति, डॉ आई सी कुमार, शिक्षा जगत में शोक

आरा,19 मार्च. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ आई सी कुमार के आकस्मिक निधन हो गया. वे 86 वर्ष के थे. उनके निधन के शोक से शिक्षा जगत में एक सन्नाटा पसर गया. उनके निधन की खबर के बाद से वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय परिवार अत्यंत दुखी हैं. VKSU से उनका जुड़ाव बहुत ही गहरा था. उनके प्रति यह गहरी जुड़ाव VKSU में काम करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच ही नही बल्कि छात्रों और पूरे शाहबाद क्षेत्र की जनता का भी था.आई सी कुमार के प्रयास की वजह से ही VKSU को जमीन मिली थी और यूजीसी 12 b की मान्यता भी. वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय को मजबूत बनाने में उनका योगदान अद्वितीय था. उनके निधन की खबर से दुखित फुटाब के अध्यक्ष प्रो कन्हैया बहादुर सिन्हा ने कहा कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय परिवार अत्यंत दुखी हैं. उन्होंने उन्हें याद करते हुए कहा कि आई सी कुमार ने अपने कार्यकाल में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने में महती योगदान दिया. विश्वविद्यालय के वर्तमान स्वरूप, नूतन परिसर की भूमि व्यवस्था के लिए विश्वविद्यालय उनका आभारी है. महाराजा विधि महाविद्यालय को मान्यता दिलाने के लिए कुलपति के स्तर से हीं नहीं वल्कि व्यक्तिगत स्तर से भी अथक प्रयास किया. वे एक मिलनसार एवं कुशल प्रशासक थे. उन्होंने शिक्षकों की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी आत्मा की शान्ति की प्रार्थना की. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के सीनेट सदस्य डॉ विनोद कुमार सिंह ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व

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आजादी की दीवानी ‘दुर्गा भाभी’ नाटक ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

अनिल मुखर्जी शताब्दी नाट्योत्सव के दूसरे दिन दुर्गा ने दिखाई अपनी देशभक्ति दुर्गा भाभी ने बेहतरीन अभिनय से किया मंत्रमुग्ध गुमनाम क्रांतिकारियों को प्रकाश में लाने की मुहिम में दुर्गा भाभी नाटक बना मील का पत्थर इस नाटक के पचास शो करने का है लक्ष्य : आर के सिन्हा भारत में. चीन में और  त्रिनिनाद एवं टोबैगो के राजदूत चंद्रदत सिंह एवं भोजपुरी.हिंदी और अंग्रेजी फिल्मों की प्रोड्यूसर अनिता चंद्रदत सिंह के साथ भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार कुणाल सिंह.पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय भी नाटक की प्रस्तुति के दौरान उपस्थित रहे. वीरांगना दुर्गा भाभी के जीवन की उन्होंने साढ़े तीन साल तक गहन पड़ताल की. अनेक तथ्य जुटाये. उनके परिजनों से सम्पर्क किया. फिर इसे लिखा और इसका निर्देशन किया-अक्षयवर नाथ श्रीवास्तव निर्देशक एवं लेखक अनिल मुखर्जी शताब्दी नाट्योत्सव के दूसरे दिन हुआ नाटक का मंचन वीरांगना दुर्गा भाभी के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन किया.राजधानी के रबिन्द्र भवन में आयोजित नाट्योत्सव के दूसरे दिन राजधानी के लोगों को गुमनाम क्रांतिकारियों में से एक दुर्गा भाभी के जीवन पर आधारित नाटक की प्रस्तुति XIII स्कूल ऑफ़ टैलेंट डेवलेपमेंट गाजियाबाद की प्रस्तुति देखने को मिली. दूसरे दिन के कार्यक्रम में भारत में. चीन में और  त्रिनिनाद एवं टोबैगो के राजदूत चंद्रदत सिंह एवं भोजपुरी.हिंदी और अंग्रेजी फिल्मों की प्रोड्यूसर अनिता चंद्रदत सिंह के साथ भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार कुणाल सिंह.पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय भी नाटक की प्रस्तुति के दौरान उपस्थित रहे. इस मौके पर भाजपा के पूर्व सांसद और कार्यक्रम के अध्यक्ष आर के सिन्हा

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संभावना के संस्थापक की 16वीं पुण्यतिथि मनी

स्व. शारदा प्रसाद सिंह की 16 वीं पुण्यतिथि मनी शहर के संभावना आवासीय उच्च विद्यालय में आयोजित हुआ कार्यक्रम आरा,15 मार्च. शहर के शुभ नारायण नगर मझौंवा स्थित ‘शांति स्मृति’ संभावना आवासीय उच्च विद्यालय में मंगलवार को पूर्व सहकारिता पदाधिकारी सह संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के संस्थापक स्व. शारदा प्रसाद सिंह की 16वीं पुण्यतिथि मनाई गई. इस मौके पर विद्यालय के निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र, प्राचार्या डाॅ. अर्चना सिंह समेत सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि व्यक्त की. इस मौके पर विद्यालय के निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र ने कहा कि बाबूजी की प्रेरणा से आज संभावना स्कूल भोजपुर जिले ही नहीं बल्कि सूबे में अपना नाम रोशन कर रहा था. यहां से शिक्षा प्राप्त कर होनहार छात्र उच्च पदों पर आसीन होकर देश में विद्यालय का नाम बढा रहे हैं. प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने कहा कि बाबूजी का शिक्षा के प्रति विशेष लगाव था उनका कहना था कि शिक्षा के माध्यम से ही हमारा समाज व देश तरक्की कर सकता है उनके अधूरे कार्यों को पूरा करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी. आज लोगों को उनके पद चिह्नों पर चलने एवं विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है. PNCB

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