रंगजलसा में दयाबाई की जीवंत गाथा गोई का मंचन

By pnc Sep 22, 2016

कालिदास रंगालय में हुआ गोई नाटक का मंचन 

राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव रंग जलसा-2016 के तिसरे दिन दिनांक 21-09-2016 को मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय,भोपाल 2015-2016 के छात्रों ने  बालाजी गौरी लिखित एवं कुमार दास टी.एन. द्वारा निर्देशित गोई की नाटक की प्रस्तुति की.केरल में जन्मी मर्सी मैथ्यू से दया बाई बनने की कहानी है गोई.75 वर्षीय दया बाई ने अपना पुरा जीवन लोकसेवा को समर्पित कर दिया है. करूणा की मूर्ति  ममतामयी दया बाई की संघर्ष गाथा है गोई.गोई गोंड आदिवासियों के जीवन को समर्पित दया बाई की एक  जीवंत गाथा है.




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गोंड आदिवासी अपनी खास सखी को गोई ही बोलते है. एक ऐसी सखी जो हर सुख-दुख में शामिल रहती है.अपनी परवाह न करते हुए दूसरे के लिए जीती है.जिसने जीवन में कभी हार नही मानी और अपना सुख छोड़ कर दूसरे की मदद करना उसकी आदतों में शुमार था .गोई एक ऐसे महिला जीवंत महिला की कहानी है  जो आज भी मध्यप्रदेश में गोंड आदिवासियों के लिए काम करती है.उनकी संघर्ष यात्रा को कलाकारों ने पेश कर दर्शकों को मानवता का पाठ पढ़ाया.उनका असली नाम  दया बाई  है जिन्हें लोग गोई नाम से पुकारते है . दया बाई मध्य प्रदेश के छोटे से गाँव हरई में रहकर आज भी सेवा में लीन है.औरत होने की वजह से ताउम्र अपमानित, लांछित और उपेक्षित होने के बावजूद गरीब, दुखियों और रोगियों की सेवा करती आ रही हैं .

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दया बाई जैसी महिला के चरित्र  से रूबरू कराने के लिए बालाजी गौरी,कुमार दास टी.एन,कन्हैया कैथवास सहित नाटक से जुङे सभी कलाकारों ने जीवंत प्रस्तुति के लिए अपने अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया.मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय भोपाल के छात्रों और निर्देशक संजय उपााध्याय इसके लिए बधाई के पात्र हैं .बायोपिक नाटकों का मंचन गंभीर कार्य होता है जिसे निर्देशक  कुमार दास टी. एन.  नाटक की प्रस्तुति के जरिए सबको रोमांचित कर दिया और दर्शकों ने भी उनके नाटक को बेहतरीन प्रस्तुति बताया.

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नाटक में  मंच सज्जा और वेशभूषा भी उसी परिवेश को ध्यान में रख कर तैयार किया गया था जो  आदिवासियों के जन-जीवन को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया और नाटक में चार चांद लगा दिया. दीक्षा साहू, अंजली सिंह, हेमलता मिश्र, ऋचा तिवारी, गरिमा मिश्र, भारती पेरवानी, बालकृष्ण मिश्र, पुनीत मिश्र, अनुराग सिंह, कृपेश जानी, पृथ्वीराज सिंह चौहान, नागेंद्र सिंह राठौर, ऋषिकेश कुमार, गुरप्रीत सिंह, दिनेश कुमार, सचिन प्रसाद आदि ने अपनी आंगिक और वाचिक अभिनय से सबको मंत्र मुग्ध कर दिया .प्रभावशाली अभिनय और दृश्य विन्यास ने भी राजधानी के दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया.

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रंग जलसा में आज – नाटक -रेंगती परछाई शाम -7 बजे .

फोटो सौजन्य-मधुमति 

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