दोपहर में लगा बागेश्वर सरकार का दिव्य दरबार

पटना,15 मई(ओ पी पांडेय). बढ़ती भीड़ और भीषण गर्मी की वजह से नौबतपुर के तरेत पाली मठ में आयोजित बाबा बागेश्वर का दिव्य दरबार आखिरकार सोमवार(15 मई) को दोपहर में लगा और लोगों की पर्चियाँ भी खुलीं. हालाँकि पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने सुबह एक वीडियो जारी कर दिव्य-दरबार लगाने की बात कही थी लेकिन उसमें सार्वजनिक अर्जी ही लगाने की बात की थी. उन्होंने वीडियो में कहा था हनुमान जी की मर्जी होगी तो वे पर्ची भी खोलवाएंगे.




दिव्य-दरबार सजा और शास्त्री जी के इष्ट के आदेश से पर्ची खुली और उन्होंने लाखों की भीड़ में बैठे लोगों से किसी को नाम से तो किसी को उनके कपड़े के रंग टोपी और अन्य वस्तुओं के रंग व नाम से पुकार मंच पर बुलाना शुरू किया और अर्जी लगानी शुरू कर दी. रात से ही दूर-दराज से आये भक्तों ने बाबा के इस दिव्य-दरबार मे भक्तों को पुकारते देखा तो उनकी आंखों में उम्मीदों का बन्द पिटारा खुशियों के आंसू में तब्दील हो गया. दो दिनों के रामकथा के बाद तीसरे दिन दिव्य दरबार मे लोगों की मुरादें पूरी होने का आशीर्वाद मिला जिन्हें वे जेहन के समेट कर ले गए जो बच गए वे भी मायूस नहीं हुए क्योंकि बाबा बागेश्वर सरकार के समक्ष पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने सबकी सार्वजनिक अर्जी लगवाई. इस अर्जी के बाद वहाँ पहुँचे लोगों को अपने कष्टों से मुक्त हो अपने सपने को पाने की उम्मीदें दृढ़ता के साथ बंध गए.

इधर अर्जी और पर्चियाँ निकल रही थी और उधर राजनीतिक गलियारे में गर्मी के पारे से अधिक लोगों की धड़कने तेज हो रही थी. राजद के शिवानन्द तिवारी बाबा को ढोंगी और धर्म के नाम पर अंधविश्वासी कह दिया तो गिरिराज किशोर ने भी इसपर चुटकी लेते हुए कहा कि बाबा को राजद की भी एक पर्ची निकाल देनी चाहिए. तो क्या सचमुच राजद और महागठबंधन के लोग इसी डर से बाबा का विरोध कर रहे हैं या फिर BJP के लोगों के समर्थन की वजह से बाबा से दूरी है? इस बात पर गायक व सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि ये अच्छी बात है कि हमें बाबा से जोड़ा जा रहा है. क्या सनातनी या साधु संतों का सम्मान करना उन्हें अपना वक्ता या एजेंट बनाना है.

बता दें कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बिहार आगमन से पूर्व ही उनको लेकर वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने रोकने के लिए अपनी श्रवण सेना की तैयारी का बयान दिया था, तो उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने हिन्दू-मुस्लिम कर बिहार की फिजा में जहर घोलने का बयान देकर रोकने की बात कही थी, वही शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने उन्हें गिरफ्तार करने की बात कही थी.

इन सब बयानों के बावजूद बागेश्वर सरकार के लिए 10 लाख लोगों का उमड़ा जन समूह क्या सिर्फ BJP के समर्थकों का है? या ये भीड़ उन सनातनियों,उन लोगों का है जो लोक और तंत्र की लगड़ी हो चुकी स्तम्भों को बैशाखियों पर देख निराश हो अपनी उम्मीदों का चिराग बागेश्वर सरकार को मान रहे हैं?

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