कहीं चुनावी समीकरण बिगाड़ न दें रंगमंचीय कलाकार !

मेयर चुनाव में वोट देने के लिए रंगकर्मियों ने की बैठक

रंगकर्मियों ने कहा-“जो करेगा रंगमंच की बात, रंगकर्मी होंगे उनके साथ”




आरा, 26 सितंबर. नगर निगम में चुनावी शंखनाद में कई लोग कूद पड़े हैं इस बार अपना भाग्य आजमाने. अब सबको चुनाव चिन्ह भी मिलेंगे और फिर जनता के बीच एक बार पुनः मिलने का कार्यक्रम शुरू होगा. ऐसे में रंग नगरी आरा में रंगकर्मियों ने भी नया रुख अख्तियार किया है. शहर के कलक्ट्री तालाब पर रविवार की सुबह आरा नगर निगम चुनाव 2022 के महापौर और उपमहापौर के चुनाव के मुद्दे पर आरा रंगमंच के कलाकारों ने एक बैठक की और यह तय किया कि जो रंगमंच और रंगकर्मियों की बात करेगा रंगमंच के कलाकार उनके साथ ही रहेंगे. बैठक की अध्यक्षता ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अशोक मानव ने किया. बैठक में निगम चुनाव 2022 के प्रत्याशियों पर विस्तार से चर्चा हुई. विदित हो कि शहर में रंगकर्मी कलाकारों की संख्या हजारों में है. बैठक में वरिष्ठ रंगकर्मी निर्देशक मनोज सिंह ने कहा कि जो प्रत्याशी अपनी कला संस्कृति, अपनी सांस्कृतिक विरासत की बात करेंगे हम सभी कलाकार उनको समर्थन करेंगे. आरा रंगमंच के संयोजक व रंगकर्मी अनिल कुमार तिवारी दीपू ने कहा की हम सभी कलाकार इस बार वैसे महापौर का चुनाव करें जो हम कलाकारों के भविष्य की सोचे. वरिष्ठ रंगकर्मी ओ पी पाण्डेय ने कहा कि आरा नगरी में रंगकर्म का इतिहास 160 वर्षों का है, लेकिन इस शहर में एक अच्छा प्रेक्षागृह और आर्ट गैलरी नही है. किस बात का चुनाव होता है हर बार जब शहर की सांस्कृतिक पहचान ही गायब हो जाये.

शहर में एक आधुनिक प्रेक्षागृह की जरुरत है. रंगकर्मी मनोज श्रीवास्तव व लड्डू भोपाली ने कहा कि हम सभी कलाकार अपने स्तर से मतदाता जागरूकता अभियान चलाएंगे. यूट्यूब स्टार साहेब लाल यादव ने कहा कि कलाकार शुरू से उपेक्षित रहे है.सर्व सम्मति निर्णय लिया गया कि अक्टूबर के दूसरे रंगकर्मी किसे समर्थन देगें. सप्ताह में एक वृहद कार्यक्रम होगा केंद्र सरकार से कलाकार एवं वृद्ध नागरिकों का रेलवे टिकट रिआयत पुनः बहाल करवाने के लिए रंगकर्मी उपस्थित रहे. बताते चलें कि कोरोना काल में भी कलाकारों का हाल किसी ने नही पूछा. कोरोना काल के बात भी आजतक रंगकर्मियों की स्थिति बहुत ही खराब है. शहर में भी केवल निर्माण हो रहा है. सांस्कृतिक भवन तो जरूर बन गया लेकिन ठेके देने में ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया जिन्होंने सिर्फ भवन बनाया उसमें स्टेज पर खड़े लोगों को एक दूसरे की आवाज नही सुनाई पड़ती. ऐसे में ऐसे सांस्कृतिक भवन का क्या काम!

हालांकि रंगमंच के इन कलाकारों ने अभी तक किसी का नाम नही लिया कि किसको ये वोट देंगे लेकिन इतना तो जरूर है इनलोगों की हर घरों के बीच अपनी एक खास पकड़ है. इनके जादू का असर जब मंच से हो जाता है तो घर जाकर जागरूक करने या कहीं नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से ही जागरूकता फैला दिया तो वोट पर प्रभाव पड़ना तो लाज़मी है.

रंगमंच के इन कलाकारों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि रेलवे में वृद्ध यात्रियों और कलाकारों के रियायत टिकट को पुनः चालू करने के लिए आगामी 11 अक्टूबर को सुबह 7 बजे जयप्रकाश स्मारक पर उपवास करेंगे. अगले बैठक में यह फैसला लिया जाएगा कि किस प्रत्याशी को सर्वसम्मति से वोट दिया जाय. मौके पर लक्ष्मण दुबे, सुधीर शर्मा, डॉ पंकज भट्ट, अम्बुज, कमलेश कुंदन, मो. शमीम समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे.

आरा से सत्य प्रकाश सिंह की रिपोर्ट

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