ओवरब्रीज पर मेट्रो और हाईवे,बना गिनीज बुक रिकॉर्ड

‘ फ्लाईओवर और मेट्रो का गजब मेल, गिनीज बुक में दर्ज हुआ नागपुर शहरहाईवे फ्लाईओवर और मेट्रो रेल एक साथनागपुर शहर का नाम अब ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज हो गया है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और महा मेट्रो की टीम द्वारा नागपुर में बनाये गए हाईवे फ्लाईओवर और मेट्रो रेल के साथ सिंगल कॉलम पर समर्थित सबसे लंबे डबल डेकर वायाडक्ट (3.14 किलोमीटर) को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और महा मेट्रो की टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है. उन्होंने कहा कि वह उन अविश्वसनीय इंजीनियरों, अधिकारियों और श्रमिकों को दिल से धन्यवाद और सलाम करते हैं, जो इसे संभव बनाने के लिए चौबीसों घंटे लगे रहे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस तरह का विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के वादे को पूरा करना है. गौरतलब है कि वर्धा रोड पर बने 3.14 किलोमीटर लंबे इस डबल डेकर वायाडक्ट में कुल तीन मेट्रो स्टेशन हैं जिसमें छत्रपति नगर, जयप्रकाश नगर और उज्जवल नगर शामिल हैं. इन स्टेशनों की इंजीनियरिंग विचार प्रक्रिया, अवधारणा, डिजाइन और क्रियान्वयन किसी चुनौती से कम नहीं था. जब शुरुआत में इस परियोजना की परिकल्पना की गई थी तब हाईवे फ्लाईओवर और मेट्रो रेल का संरेखण वर्धा रोड पर एक ही मौजूदा हाईवे पर था, जिसमें माध्यिका पर प्रस्तावित वैकल्पिक स्थानों पर स्वतंत्र पियर थे. बाद में, इसकी समीक्षा की गई और डबल डेकर

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मतदान नहीं करने पर लगता है 51रुपए का जुर्माना

राजनीतिक पार्टियां गांव में आएगी तो जातिवाद होगा गांव में 1983 के बाद से पार्टियों के प्रचार पर है बैन वोटिंग को लेकर बनाये गए हैं सख्त नियम राजनीतिक दलों के गांव में प्रवेश और प्रचार पर रोक गांव को राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला कूड़ा फैलाने, हवा या पानी प्रदूषित करने, डीजे बजाने पर 51 रुपए का जुर्माना इन दिनों गुजरात में विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हैं, लेकिन राजकोट जिले में एक ऐसा गांव हैं जहां राजनीतिक पार्टियों के चुनाव प्रचार पर रोक है. किसी पार्टी के नेता हो या कार्यकर्ता इस गाँव की तरफ रुख नहीं करते .राज समाधियाला गांव के लोगों ने राजनीतिक दलों के गांव में प्रवेश और प्रचार पर रोक लगा दी है. समाधियाला गांव में अगर कोई मतदान नहीं करता है तो उस पर  51रुपए का जुर्माना है. यह गांव अपने नियम-कायदों के लिए आदर्श गांव का तमगा हासिल कर चुका है. गांव के सरपंच बताते हैं कि राजनीतिक पार्टियां गांव में आएगी तो जातिवाद होगा. इसलिए साल 1983 से ही यहां राजनीतक पार्टियों के आने पर पाबंदी है. लेकिन मतदान लगभग सभी गांव वाले करते हैं. साल 1983 में अपने अलग नियम कायदों को बनाने के चलते आज गांव बेहद साफ सुथरा दिखता है. सारी सडकें सीमेंट की बनी हुई है. गांव में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं. साथ ही इस गांव को राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला है. गांव में जातिवाद की सख्त मनाही है. कूड़ा फैलाने, हवा या पानी प्रदूषित करने, डीजे बजाने पर 51 रुपए का

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एक फैमिली के संतान हैं इंसान और ऑक्टोपस

ऑक्टोपस और इंसानों के पूर्वज एक ही ताजा रिसर्च में खुला बड़ा राजरिसर्च के मुताबिक इंसान और ऑक्टोपस एक प्राचीन जीव के वंशजजीव की पहचान वैज्ञानिकों ने फेसिवर्मिस युन्नानिकस के रूप में की ऐसे जीव जो 518 लाख साल पहले रहा करते थे एक नई रिसर्च पर अगर यकीन करें तो समंदर में रहने वाले आठ हाथों वाले जीव ऑक्टोपस और इंसानों के पूर्वज एक ही थे. इस रिसर्च के मुताबिक इंसान प्राचीन जीव के वंशज हैं जो 518 लाख साल पहले रहा करते थे. रिसर्चर्स की मानें तो यही वजह हो सकती है कि आठ अंगों वाला ऑक्टोपस बहुत ज्यादा बुद्धिमान होता है. इस जीव की पहचान वैज्ञानिकों ने फेसिवर्मिस युन्नानिकस के रूप में की है. वैज्ञानिकों के मुताबिक जैसे-जैसे इस जीव का विकास होता गया, इसने अपने उन अंगों को गंवाना शुरू कर दिया जिसकी इसे जरूरत नहीं थी. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस जीव की बुद्धि भी बहुत कम थी. जर्मनी की राजधानी बर्लिन स्थित मैक्स डेलब्रुक सेंटर की तरफ से एक स्टडी हुई है. इस स्टडी में पता लगा है कि ऑक्टोपस का दिमाग मनुष्यों के समान होता है क्योंकि समुद्री जानवरों में विभिन्न प्रकार के जीन नियामक होते हैं जिन्हें उनके तंत्रिका ऊतक में माइक्रो आरएनए कहा जाता है जो दिमाग में मौजूद कोशिकाओं की संख्या के बराबर होता है. इस स्‍टडी की फाइंडिंग्स के मुताबिक माइक्रो आरएनए, एक प्रकार का आरएनए  जीन है जो कि मस्तिष्क के विकास में एक मौलिक भूमिका निभाता है. मस्‍तिष्‍क इंसान का सबसे जटिल हिस्सा होता है. उनकी मानें तो यही

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बिहार की झोली में 13 संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार

संगीत नाटक अकादमी अवार्ड में हृषिकेश सुलभ, सुमन झा, रंजना कुमारी झा, मैथिली ठाकुर और सुदीपा घोष प्रमुख दिसंबर में  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों ये पुरस्कार दिल्ली में दिए जाएंगे विशेष अलंकरण समारोह: छत्तीसगढ़ की तीजन बाई व ममता चंद्राकर को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित संगीत, नाटक और नृत्य के क्षेत्र में पिछलेतीन साल के लिए घोषित संगीत नाटक अकादमी अवार्ड में बिहार के 13 कलाकारों का चयन हुआ है. इनमें चर्चित नाटककार और रंगकर्मी हृषीकेश सुलभ, ठुमरी गायिका कुमुद झा दीवान, लोकगायिका रंजना झा और मैथिली ठाकुर भी शामिल हैं. संगीत नाटक अकादमी (दिल्ली) के सचिव अनीश पी राजन ने शुक्रवार शाम साल 2019, 2020 और 2021 के अवार्ड की अधिसूचना जारी की. हृषीकेश सुलभ को नाट्य लेखन, नीलेश्वर मिश्र को अभिनय, मिथिलेश राय को निर्देशन के लिए अकादमी अवार्ड मिलेगा. 13 कलाकारों में पांच बेटियां हैं. वरीय पुरस्कारों में कुमुद झा दीवान और रंजना झा और बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार की सूची में भरतनाट्यम की कलाकार सुदीपा घोष, लोकनृत्य के सुपरिचित नाम जितेन्द्र चौरसिया, मैथिली ठाकुर व अभिनेत्री रूबी खातून शामिल हैं. 90 वर्षीय अभिनेता, निर्देशक गणेश प्रसाद सिन्हा, 75 वर्षके अभिनेता-निर्देशक सुमन कुमार, लोकगीतों के जाने-मानेनाम भरत सिंह भारती और ध्रुपद गायक रघुवीर मलिक का चयन अमृत अवार्ड के लिए किया गया है. युवा पुरस्कार के लिए 25 हजार जबकि संगीत नाटक अकादमी और अमृत अवार्ड धारियों को एक-एक लाख रुपये, ताम्र पत्र और अंगवस्त्र दिए जाएंगे. संगीत नाटक अकादमी ने 86 कलाकारों के लिए भारत की आजादी के

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रिजल्ट जांच की मांग के बीच बीपीएससी ने जारी किया मुख्य परीक्षा का शेड्यूल

बिहार लोक सेवा आयोग ने 17 नवंबर को 67वीं लोकसेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी किया था. उसके बाद से ही इस रिजल्ट के जांच की मांग अभ्यर्थी कर रहे हैं. बिहार लोक सेवा आयोग ने 21 नवंबर से 6 दिसंबर के बीच मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन करने का शेड्यूल पहले ही जारी कर दिया था. आज मुख्य परीक्षा का शेड्यूल भी जारी हो गया है. 67वीं प्रारंभिक परीक्षा में सफल 11607 अभ्यर्थियों को 29 दिसंबर से 31 दिसंबर तक होने वाली मुख्य परीक्षा में शामिल होना होगा. 67वीं प्रारंभिक परीक्षा में लगभग 320000 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. पीटी परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद से ही बीपीएससी अभ्यर्थी रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जांच की मांग कर रहे हैं. अभ्यर्थियों ने पिछले दिनों बिहार लोक सेवा आयोग के गेट पर प्रदर्शन भी किया था. क्या मांग कर रहे हैं अभ्यर्थी – 67वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित रिजल्ट जारी किया जाए वर्षों से पद पर जमे आयोग के परीक्षा नियंत्रक को हटाया किया जाए 67वीं पीटी परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक की सीबीआई से जांच करायी जाए परीक्षा में इस्तेमाल ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की जांच हो पीडीएफ फॉर्मेट में जारी रिजल्ट के साथ छेड़छाड़ की जांच हो pncb

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आचार्य शिवपूजन सहाय ने स्त्री विमर्श की आधारशिला रखी : गीताश्री

प्रेमचंद की रचना में भी भोजपुरी समाहित है : प्रकाश उदय किताबों और कृतित्व पर हो रही गुफ्तगू राजकमल प्रकाशन समूह का आयोजन ‘किताब उत्सव‘ राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित ‘किताब उत्सव’ के तीसरे दिन अचार्य शिवपूजन सहाय: कृतित्व स्मरण, रेणु के गांव, अरज- निहोरा: भोजपुरी कविता का नया प्रस्थान विषय पर अलग-अलग सत्रों में बातचीत हुई. इसके अलावा रविन्द्र भारती का कविता संग्रह ‛जगन्नाथ का घोड़ा’ का लोकार्पण हुआ. जिसमें बड़ी संख्या में साहित्यकार, लेखक, पत्रकार, बुद्धिजीवी, रंगकर्मी, छात्र आदि शामिल हुए. कार्यक्रम के प्रथम सत्र में ‘हमारा शहर हमारी गौरव’ के तहत प्रख्यात साहित्यकार शिवपूजन सहाय को समर्पित चर्चा हुई. चर्चा में अपनी बात रखते हुए कथाकार गीताश्री ने कहा कि “आचार्य शिवपूजन सहाय संपादक की भूमिका में वे खुद को साहित्यकार के रूप में भुला दिया. उन्होंने प्रेमचंद के किताब का भी संपादन किया. उनकी ‘भगजोगनी’ उपन्यास समाज की सच्चाइयों को सामने रखता है. वर्ष 1928 में ही ‘भगजोगनी आज भी जीवित है’ लिखकर उन्होंने स्त्री विमर्श और स्त्री लेखन की आधारशिला रखा था. उनके इस लेखन से ही स्त्री विमर्श का आधार तैयार होता है. विद्युत दूरदर्शी लेखक थे. गीताश्री ने आगे कहा उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से बताया कि जिस तरह बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है उसी तरह वृद्ध विवाह भी सामाजिक बुराई है.  उन्होंने समाज और सरकारी तंत्र दोनों पर प्रहार किया.” आचार्य शिवपूजन सहाय को याद करते हुए लेखक व पत्रकार विकास कुमार झा ने कहा ” हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि आज वह हमारे लिए कितना प्रासंगिक

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धीरे-धीरे बदल रही है पृथ्वी,नष्ट हो रहा गोल स्वरूप

पृथ्वी की ग्रेविटी ने बदल लिया गोले का आकारअब सेब जैसी नहीं दिखती पृथ्वी, नई स्टडी में खुलासाधरती की सतह को लगातार बदल रही है ग्रैविटीपृथ्वी का निर्माण गुरुत्वाकर्षण की वजह से हुआ. एक जगह गुरुत्वाकर्षण ने सारी चीजों को अपनी ओर खींचना शुरू किया. धीरे-धीरे यह गोला बनता चला गया. ऐसा गोला जिसके पास अपनी ग्रैविटी है. जिसकी बदौलत धरती के चारों तरफ एक मैग्नेटिक फील्ड है. इसकी वजह से जीवन है. लेकिन यह ग्रैविटी लगातार धरती की सतह को बदल रही है. इस बात का खुलासा एक नई स्टडी में हुआ है. कैसे ग्रैविटी पृथ्वी की गहराई से ही ऊपरी सतहों को हिला-डुला रही है. इसका केंद्र फिलहाल भारत के नीचे ही स्थित है. धरती की ग्रेविटी लगातार इस ग्रह में बदलाव कर रही है. इसकी वजह से पृथ्वी के ऊपरी सतह यानी क्रस्ट में बहुत अंतर आ रहे हैं. पहाड़ों के बेल्ट खत्म हो रहे हैं. वो पत्थर बाहर निकल कर ऊपर आ रहे हैं, जो सतह से करीब 24 किलोमीटर नीचे धंसे हुए थे. ऐसे ढांचे बन रहे हैं, जिन्हें मेटामॉर्फिक कोर कॉम्प्लेक्सेस कहते हैं. मेटामॉर्फिक कोर कॉम्प्लेक्सेस के बनने की प्रक्रिया को कई बार समझाने का प्रयास किया गया लेकिन इसकी अलग-अलग परिभाषाएं आती रहीं. इसके बनने का रहस्य और गहराता चला गया. वैज्ञानिकों ने इस बार दो मेटामॉर्फिक कोर कॉम्प्लेक्सेस को चुना. अमेरिका के फीनिक्स और लास वेगास. क्योंकि ये दोनों ही प्राचीन पहाड़ों के बेल्ट के खत्म होने के बाद बने हैं. साइंटिस्ट ने पता किया कि आखिरकार मेटामॉर्फिक कोर कॉम्प्लेक्सेस के पीछे

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9.21 लाख करोड़ रुपये गायब, कहीं आपके घर में तो नहीं पड़ा

500 और 2000 के 1680 करोड़ नोटों का आरबीआई के पास हिसाब नहीं नए 500 और 2000 के नोटों में अब 9.21 लाख करोड़ गायब 2016 की नोटबंदी के समय केंद्र सरकार को उम्मीद थी कि भ्रष्टाचारियों के घरों के गद्दों-तकियों में भरकर रखा कम से कम 3-4 लाख करोड़ रुपए का काला धन बाहर आ जाएगा. पूरी कवायद में काला धन तो 1.3 लाख करोड़ ही बाहर आया…मगर नोटबंदी के समय जारी नए 500 और 2000 के नोटों में अब 9.21 लाख करोड़ गायब जरूर हो गए हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की 2016-17 से लेकर ताजा 2021-22 तक की एनुअल रिपोर्ट्स बताती हैं कि आरबीआई  ने 2016 से लेकर अब तक 500 और 2000 के कुल 6849 करोड़ करंसी नोट छापे थे उनमें से 1680 करोड़ से ज्यादा करंसी नोट सर्कुलेशन से गायब हैं. इन गायब नोटों की वैल्यू 9.21 लाख करोड़ रुपए है. इन गायब नोटों में वो नोट शामिल नहीं हैं जिन्हें खराब हो जाने के बाद आरबीआई ने नष्ट कर दिया. आरबीआई  2019-20 से 2000 के नए नोट नहीं छाप रहा है. जबकि 500 के नोटों की छपाई 2016 के मुकाबले 76% बढ़ गई है. आरबीआई  ने कभी भी आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार नहीं किया है कि सर्कुलेशन से नोटों के गायब होने की वजह क्या है. मगर जानकार मानते हैं कि इसका सबसे बड़ा कारण लोगों का करंसी जमा करके रखना है. जरूरी नहीं कि यह पूरी रकम ही काला धन हो, लेकिन यह बैंकिंग सिस्टम से बाहर जरूर है. PNCDESK

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67वीं पीटी परीक्षा की तारीख एक बार फिर बदली

BPSC (https://bpsc.bih.nic.in/) नए 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा की तारीख में फिर से परिवर्तन कर दिया है. इससे पहले 21 सितंबर को परीक्षा होने की घोषणा की गई थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है. इसके पहले चार बार परीक्षा की डेट बढ़ाई जा चुकी है. इस परीक्षा में लगभग 600000 अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं. शुक्रवार 30 सितंबर को होने वाली इस परीक्षा का आयोजन दोपहर 12:00 से 2:00 के बीच होगा. अभ्यर्थियों को 11:00 बजे तक अपना स्थान ले लेना होगा. बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक आयोग की वेबसाइट पर अभ्यर्थियों का एडमिट कार्ड 20 सितंबर से उपलब्ध होगा. pncb

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रंग लाया BPSC अभ्यर्थियों का विरोध, एक दिन में ही होगी पीटी परीक्षा

पटना।। बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को लेकर बड़ी अपडेट सामने आ रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार बिहार लोक सेवा आयोग ने अपना फैसला बदल लिया है. अब पहले की तरह ही पीटी परीक्षा एक दिन और एक पाली में ही आयोजित होगी. इसके पहले जब बिहार लोक सेवा आयोग ने 2 दिन में परीक्षा लेने का निर्णय किया और परीक्षा की तिथि भी घोषित कर दी तो उसके बाद अभ्यर्थियों ने इसका पूरी तरह विरोध किया. बिहार लोक सेवा आयोग कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया. लाठीचार्ज भी हुआ. इस हंगामे के बाद आखिरकार सरकार की नींद खुली. आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों की समस्या पर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी एवं बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद के साथ बैठक की. बैठक में बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने पूरी स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने सभी जिलाधिकारी एवं क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ विमर्श किया है तथा इस संदर्भ में निर्णय लिया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पूर्व की तरह एक दिन एवं एक पाली में ही ली जायेगी. बीपीएससी की ओर से 21 सितंबर को परीक्षा के आयोजन की तैयारी हो रही है. pncb

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