60 साल में कईयों को दी रौशनी, अब खुद अंधियारे में अस्तित्व

नेत्रहीनों के जीवन में रौशनी फैलाने वाले श्री आदिनाथ नेत्रहीन विद्यालय पर खुद को बचाने का संकट बिहार भर से आने वाले नेत्रहीनों को शिक्षा देने वाले संस्थान पर सरकार कर रही है अनदेखी Patna Now Special Report आरा, 10 सितंबर(ओ पी पांडेय). बिहार में नेत्रहीनों को आश्रय और शिक्षा देने वाला आरा के धनुपूरा स्थित प्रख्यात श्री आदिनाथ नेत्रविहीन विद्यालय का शनिवार को स्थापना दिवस था. स्थापना दिवस पर लोग किसी संस्थान का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाते हैं खुशी पूर्वक मनाते हैं, जिसमें काफी खर्च भी किया जाता है लेकिन अपने 60 साल पूरे करने पर नेत्रहीनों के आश्रय वाले इस विद्यालय में कोई चहलकदमी नही बल्कि नेत्रहीनों के जीवन में व्यप्त धने अंधियारे की तरह ही अंधकारमय था. बस कुछ लोग जो नेत्रहीनों के प्रति संवेदना रखते हैं या फिर इस संस्थान के प्रति वे यहाँ आकर इसके संस्थापक को याद कर उनको नमन करते हैं. बता दें कि 60 वर्ष पूर्व स्थापित हुए इस विद्यालय के संस्थापक बाबू सुबोध कुमार और प्रोफेसर डॉ. डी.सी. जैन थे. इस विद्यालय के प्रथम प्राचार्य पुनीत जैनथे. सचिव प्रशांत जैन स्थापना दिवस पर विद्यालय में दिखे वही रोटरी क्लब और इनर व्हील क्लब और आरा जैसे संस्थानो के जागरूक कुछ सामाजिक लोग. उन्होंने संस्थापकों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया बच्चों से मिले उनसे कुछ गीत-संगीत का कार्यक्रम कराया. स्थापना दिवस पर बस चंद लोगों की चंद मुस्कुराहटें और फिर छा गया सन्नाटा. बिहार के कई जिले के नेत्रहीन विद्यार्थियों को शिक्षा देने और उनको ब्रेल-लिपि सिखाने के लिए प्रसिद्ध

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टीबीटी अवार्ड के ये छः शिक्षक हुए चयनित

टीबीटी अवार्ड 2023 में भोजपुर जिला के छः शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल आरा, 30 अगस्त. शिक्षा की लगातार गिरती स्थिति से चिंतित और इसकी छवि को सुधारने में सकारात्मक सोच वाले लोगों के हमेशा समाज में अपना योगदान रहता है. उनके सकारात्मक और इनोवेटिव तरीके ने न सिर्फ शिक्षा बल्कि सोच में भी बदलाव लाने का काम किया है. ऐसे लोगों में से 6 शिक्षकों का चयन भोजपुर जिले से टीबीटी अवार्ड के लिए होना भोजपुर के लिए गर्व की बात है. सरकारी विद्यालय के शिक्षकों के द्वारा स्वत: प्रेरित होकर नि:शुल्क ऑनलाइन शिक्षण एवं प्रशिक्षण गतिविधियों में उत्कृष्टता के आधार पर भोजपुर जिला के छः शिक्षकों का चयन टीबीटी अवार्ड्स 2023 के लिए किया गया है, जिसको लेकर जिला के शिक्षकों में काफी हर्ष है. क्या है टीबीटी अवार्ड टीबीटी अवार्ड्स सरकारी विद्यालय के उन शिक्षकों को शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदान किया जाता है जो साल भर ऑनलाइन शिक्षण एवं प्रशिक्षण गतिविधियों से जुड़कर सृजनात्मक तरीके से बच्चों के भविष्य निर्माण का कार्य करते हैं. बताते चलें कि राज्य के 40 से अधिक शिक्षाविद व उच्च पदस्थ शिक्षा पदाधिकारी इस समारोह के हिस्सा बनते हैं. सरकारी विद्यालय के शिक्षकों के द्वारा बनाया व संचालित सोशल मीडिया के सबसे बड़े प्लेटफार्म “द बिहार टीचर्स हिस्ट्री मेकर्स” के द्वारा बिहार के 38 जिलों से चयनित शिक्षकों को 10 सितंबर दिन रविवार को अनुग्रह नारायण सिंह कॉलेज, पटना के विशाल सभागार में एक बड़े आयोजन के साथ इन शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा. इस अवार्ड के लिए भोजपुर जिला से कुल

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बीपीएससी शिक्षक परीक्षा का दो फेज में रिजल्ट: अतुल प्रसाद

9वीं से 12वीं कक्षा के शिक्षक अभ्यर्थियडॉक्यूमेंट के वेरिफिकेशन के लिए तैयार रहें पहले उच्च माध्यमिक का फिर प्राइमरी का बीपीएससी अध्यक्ष ने जानकारी दी नियुक्त होने वाले अभ्यर्थी प्रशिक्षण के बाद ही शिक्षण कार्य में जायेंगे पटना,आठ लाख अभ्यर्थियों में से राज्य में 1 लाख 70 हजार 461 स्कूली शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली गयी परीक्षा के नतीजे अलग-अलग चरण में आएंगे. बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बताया कि 11वीं-12वीं (प्लस-टू), 9वीं-10वीं (सेकेंडरी) के शिक्षकों की नियुक्ति की परीक्षा से नतीजे की शुरुआत होगी. उसके बाद प्राइमरी (पहली से 5वीं) शिक्षक परीक्षा के नतीजे आयेंगे. अध्यक्ष ने 9वीं से 12वीं कक्षा के शिक्षक अभ्यर्थियों से यह भी कहा है कि अपने डॉक्यूमेंट के वेरिफिकेशन के लिए तैयार रहें. डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन जल्द होगा. यह इस बात का संकेत है कि 9वीं-10वीं एवं 11वीं-12वीं कक्षा के शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट जल्द आयेगा.सितंबर के अंत तक पहली से 5वीं कक्षा तक के शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट भी आ जायेगा. हालांकि, बिहार लोक सेवा आयोग की इस परीक्षा के नतीजे आने के बाद भी चयनित होने वाले अभ्यर्थियों को स्कूलों में शिक्षण कार्य शुरू करने में चार से छह माह के समय लग जायेंगे. परिणाम आने, योगदान देने तथा प्रशिक्षण में कम से कम चार से छह माह का समय लग जायेगा. नियुक्त होने वाले अभ्यर्थी प्रशिक्षण के बाद ही शिक्षण कार्य में जायेंगे.

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चांद पर जरूर होगी चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग: इसरो

मिशन मून की कामयाबी का फूलप्रूफ है  प्लान वैज्ञानिकों ने बनाया बैकअप का भी बैकअप प्लान देश भर चंद्रयान की लैंडिग के लिए हो रही है पूजा अर्चना आज शाम भारत रचेगा इतिहास live यहाँ देखें https://youtu.be/DLA_64yz8Ss https://youtu.be/DLA_64yz8Ss आज बुधवार 23 अगस्त के दिन भारत इतिहास रचने के बेहद करीब है. भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है और इस उम्मीद को भरोसा दिया है इसरो के वैज्ञानिकों ने, जो 2019 में चंद्रयान-2 की हार्डलैंडिंग के बाद से ही मिशन को सफल बनाने में लगे हैं. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा है कि हमें विश्वास है कि यह एक सफल मिशन होगा. उन्होंने कहा, हम तैयार हैं.इसरो चीफ ने बताया कि ये एक सफल मिशन होगा और ये अतिआत्मविश्वास नहीं है. ये आत्मविश्वास उस काम से आ रहा है जो हमारी (इसरो) टीमों ने चंद्रयान-2 की हार्ड लैंडिंग के बाद मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए किया है. इसरो चीफ ने कहा, चार साल एक छोटा समय नहीं है. हमने इसका हर हिस्सा अपने मिशन को बेहतर बनाने और बैकअप प्लान तैयार करने में लगाया है. उन्होंने कहा कि हमने बैकअप प्लान का भी बैकअप तैयार किया है. इस मिशन में अब तक, सब कुछ हमारी योजना के अनुसार ही हुआ है. हमने सिस्टम का कई स्तर पर सत्यापन कर लैंडिंग की तैयारी कर ली है और लैंडर की सेहत बिल्कुल ठीक है.उन्होंने बताया कि हमने कुछ कमियां पता कर ली थीं जिनका

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अशोक चक्र की हर तीलियाँ कहती है बहुत कुछ

अशोक चक्र को धर्म चक्र भी कहा जाता है 24 तीलियां मनुष्य के 24 गुणों को दर्शाने का काम करती सभी नागरिक इन 24 गुणों को अपना लें, तो देश उन्नति करेगा अशोक चक्र में कितनी तीलियां हैं और हर तीलियां इंसान के किन गुणों को दर्शाती हैं? ये चक्र सम्राट अशोक के मिले कई शिलालेखों में बनाया गया था। अशोक चक्र को धर्म चक्र के नाम से भी जाना जाता है। यह चक्र हमें बताता है कि चलते रहना ही जीवन है और रुक जाना मृत्यु। इस चक्र को कर्तव्य का पहिया भी कहा जाता है। अशोक चक्र में कुल 24 तीलियां होती हैं। इसकी 24 तीलियां मनुष्य के 24 गुणों को दर्शाने का काम करती हैं। इन 24 गुणों को धर्म मार्ग भी कहा जाता है। अगर देश के सभी नागरिक इन 24 गुणों को अपना लें, तो देश को उन्नति करने से कोई नहीं रोक सकता है। इसी वजह से 1947 में हमारे नीति निर्माताओं ने अशोक चक्र को राष्ट्रीय ध्वज में स्थान दिया था। इसी कड़ी में आइए जानते हैं कि अशोक चक्र की 24 तीलियां मनुष्य के किन किन गुणों को दर्शाती हैं? 1   पहली तीली     –      संयम 2   दूसरी तीली     –      आरोग्य 3   तीसरी तीली    –       शांति 4   चौथी तीली      –       त्याग 5   पांचवीं तीली    –       शील 6   छठवीं तीली    –       सेवा 7    सातवीं तीली    –     क्षमा 8    आठवीं तीली   –      प्रेम 9    नौवीं तीली      –      मैत्री 10  दसवीं तीली    –      बन्धुत्व 11  ग्यारहवीं तीली –      संगठन 12  बारहवीं तीली  –      कल्याण 13 तेरहवीं

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उभरते चित्रकारों ने अपनी प्रतिभा से निर्णायकों को किया हैरान

लोयोला हाई स्कूल में 11 वां ब्रदर रेमंड मेमोरियल इंटर स्कूल पेंटिंग कॉम्पिटिशन का आयोजन पटना के 18 विभिन्न स्कूलों के 288 विद्यार्थियों ने भाग लिया अमरत्य सिंह,अजरा रहमान सामिया नूर और तीस्ता दास को प्रथम स्थान रवींद्र भारती पटना,लोयोला हाई स्कूल के प्रांगण में ब्रदर रेमंड की स्मृति में एक अंतर विद्यालय चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन उभरते चित्रकारों की प्रतिभा को प्रदर्शित करने के लिए 11 अगस्त, 2023 को किया गया. प्रतियोगिता कक्षा तीसरी से दसवीं तक के छात्रों के लिए थी. इसमें पटना के 18 विभिन्न स्कूलों के 288 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जहां उन्हें कलात्मक अन्वेषण और नवीनता की भावना को बढ़ावा देने वाले विभिन्न विषयों और तकनीकों का पता लगाने का अवसर मिला. यह कार्यक्रम कला, रचनात्मकता और प्रतिभा का एक वास्तविक उत्सव साबित हुआ, जिसमें विभिन्न स्कूलों के युवा कलाकारों ने अपनी कलात्मक क्षमता का प्रदर्शन किया. निर्णायकों में यामिनी, सहायक प्रोफेसर, पटना वीमेंस कॉलेज (शिक्षा विभाग), संन्यासी रेड, मूर्तिकार और कलाकार (बिहार), तपन कुमार विश्वास, कलाकार और बाहरी संकाय (उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना बिहार) शामिल थे. विजेताओं का फैसला करना उनके लिए वास्तव में कठिन कार्य था। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई और उसके बाद ब्रदर रेमंड को पुष्पांजलि अर्पित की गई. तत्पश्चात स्कूल गायन मंडली ने एक मधुर गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद लोयोला हाई स्कूल के प्राचार्य ब्रदर सुधाकर रेड्डी ने अपने प्रेरक शब्दों से सभी का स्वागत किया। प्रतियोगिता 4 अलग-अलग श्रेणियों में आयोजित की गई थी। श्रेणी ए (कक्षा III और IV), श्रेणी बी (कक्षा

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सिताबो देवी के महानिवारण की स्मृति में स्मृति-पर्व आयोजित

आह्वान-साधना और भजन-संकीर्तन के साथ दी गयी भावांजलि पटना,  स्वास्तिक इंटरनेशनल स्कूल के संस्थापक सुबेदार सिंह की माता जी  सिताबो देवी के  महानिर्वाण की स्मृति में मंगलवार को  पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ  स्थानीय बारा स्थित स्कूल परिसर में प्राचार्य गोपाल विद्यार्थी की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि समारोह आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई .मौके पर स्कूल के संस्थापक सुबेदार सिंह, एडमीन राम कुमार, शिक्षक रणधीर पाठक, हिमांशु राय, मुकेश कुमार, निकेत कुमार, सोनी, मिक्की, चान्दनी व रिंकू समेत एचआर बी के उपाध्याय ने उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं भजन  गायन का भी आयोजन किया गया, स्कूली बच्चे व संगीत शिक्षक हिमांशु ने भजन संकीर्तन व भजन गायन किया. वहीं उनके सरल व उच्च व्यक्तित्व की सराहना करते हुए वक्ताओं ने कहा कि समाज कि चिंता व सहयोग करने वाले सामवेदनशील व्यक्तित्व के धनी थीं  सिताबो देवी. मौके पर स्थानीय समाजसेवी व विद्यालय के कर्मी व स्कूली बच्चों समेत कई अन्य शुभचिंतको ने  समारोह में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई . PNCDESK

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शिक्षकों को जातीय गणना में शामिल होने का आदेश: के के पाठक

हर दिन बदलते आदेश से परेशान है बिहार के शिक्षक शिक्षकों को केवल जातीय जनगणना के कार्य में लगाया जाएसभी जिलों के डीएम को लिखा पत्र पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अब एक नया फरमान जारी किया है. उन्होंने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि आज से जातीय गणना होने जा रही है जिसमें शिक्षक शामिल होंगे, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि स्कूलों में पठन पाठन का कार्य प्रभावित नहीं हो. सभी स्कूलों में शिक्षक रहने चाहिए. सभी जिलों के डीएम को लिखे गये पत्र में केके पाठक ने कहा है कि आज से जातीय जनगणना फिर से शुरू हो गई है. जनगणना कार्य में शिक्षकों को भी लगाया गया है. इसे लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. जिसमें यह कहा गया है कि जातीय जनगणना में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि कोइ भी स्कूल पूरी तरह शिक्षक विहीन न हो जाए. शिक्षकों को केवल जातीय जनगणना के कार्य में लगाया जाए अन्य कोई प्रशासनिक कार्य इनसे ना लिया जाए. बता दें कि इससे पहले केके पाठक ने आदेश दिया था कि गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षक शामिल नहीं होंगे. लेकिन अब उन्होंने फिर नया फरमान जारी किया है जिसमें उन्होंने शिक्षकों के जातीय गणना में शामिल होने की बात कही है. यही नहीं सभी तरह के प्रशिक्षण को भी तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है. इस बारे

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साहित्य में जनतंत्र का क्षरण हो रहा हैः प्रो. बद्री नारायण

साहित्य जगत में कलुष आया है भारतीय साहित्य में जनतंत्र को फिर से जीवित करना होगा नई दिल्ली. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र न्यास (आईजीएनसीए) के कला निधि प्रभाग ने ‘प्रो. नामवर सिंह स्मृति व्याख्यान’ का आयोजन किया. इस व्याख्यान का विषय था- ‘जनतांत्रिक भाव और साहित्य’ और मुख्य वक्ता थे साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवि और जी.बी. पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट, इलाहाबाद के निदेशक प्रो. बद्री नारायण. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री रामबहादुर राय ने की और स्वागत भाषण आईजीएनसीए के सदस्य सचिव प्रो. सच्चिदानंद जोशी ने दिया. इस अवसर पर कला निधि प्रभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश चंद्र गौर और स्व. नामवर सिंह के सुपुत्र श्री विजय सिंह भी उपस्थित थे. मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए प्रो. बद्रीनारायण ने कहा कि स्मृति का संस्थानीकरण बहुत महत्त्वपूर्ण है और आईजीएनसीए ने नामवर सिंह की स्मृति का संस्थानीकरण करने का महत्त्वपूर्ण काम किया है. उन्होंने ‘जनतांत्रिक भाव और साहित्य’ विषय पर व्याख्यान की प्रासंगिकता के बारे में बात करते हुए कहा कि नामवर सिंह की स्मृति में आयोजित व्याख्यान के लिए यह बहुत उपयुक्त विषय है, क्योंकि नामवर सिंह हमेशा संवाद के पक्षधर रहे हैं. नामवर सिंह का साथ हर कोई चाहता था, चाहे वह किसी विचारधारा का हो. नामवर जी को किसी से संवाद करने में कोई समस्या नहीं थी. उन्होंने कहा कि नामवर जी के बारे में, उनकी आलोचना के बारे में, उनके स्वभाव के बारे में एक वाक्य में कहें तो वह होगा- संवाद का स्वभाव. प्रो. बद्री नारायण ने नामवर

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227 एफिलिएटेड कॉलेजों पर छाये संकट के बादल

शिक्षा विभाग का नया फरमान, कागजी कॉलेजों की मान्यता होगी रदद् MJMC केस के निपटारे की कल है अंतिम डेडलाइन महज नाम के स्टूडेंट की संख्या वाले एफिलिएटेड कॉलेजों पर लटकी शिक्षा विभाग की तलवार पटना, 21 जुलाई।। शिक्षा विभाग के नए अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक ने फिर एक फरमान जारी कर शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है. अपने नए आदेश में उन्होंने कहा है कि वैसे कॉलेज जहां स्टूडेंट की संख्या महज नाम मात्र की है उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी. इसको लेकर सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को आदेश जारी किया गया है. शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद उन कॉलेज में हड़कंप ज्यादा मचा हुआ है जहां सिर्फ एग्जाम के समय ही स्टूडेंटों की संख्या दिखती है. वर्तमान में बिहार में कुल 227 एफिलिएटेड कॉलेज हैं. अब इन कॉलेज पर के के पाठक के आदेश की तलवार खींच गई है. गुरुवार की शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिएशिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक ने सभी कुलपतियों के साथ बैठक कर रहे थे और इसी बैठक के क्रम में उन्होंने सभी कुलपतियों को आदेश जारी किया कि वैसे कॉलेज जो महज कागजों पर चल रहे हैं उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी. इज़के साथ ही एफिलिएटेड अल्पसंख्यक कॉलेज के लिए भी यह निर्देश जारी किया. यह आदेश कागजों पर ही स्टूडेंट दिखाने वाले एफिलिएटेड उन सभी कॉलेजों के लिए जारी किया गया चाहे वह अल्पसंख्यक कॉलेज हो या कोई अन्य. उन्होंने ऐसे कागजों पर स्टूडेंट्स दिखाने वाले तमाम कॉलेजों की वर्तमान स्थिति

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