हाई स्कूल के लिए नहीं मिल रहे शिक्षक, साल में दो बार होगी STET

पटना।। 13 साल में सिर्फ तीन बार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन कराने वाले बिहार बोर्ड ने अब हर साल दो बार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने की तैयारी कर ली है. बिहार में सरकारी हाई स्कूलों की स्थिति इतनी खराब है कि स्कूल तो हैं, नए स्कूल भी बन गए; कई मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित कर हाई स्कूल बना दिया गया लेकिन वहां पढ़ने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं. अब सरकार की आंख खुली है और जब शिक्षक नहीं मिल रहे तो माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा साल में दो बार कराने की घोषणा की गई है. बिहार बोर्ड जल्द ही अगली STET परीक्षा का शेड्यूल जारी करेगा.

जानिए STET क्यों है जरूरी




एसटीइटी यानी माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा कक्षा 9 से 12 तक के लिए, शिक्षक जिनके पास b.ed डिग्री है, उन्हें देनी पड़ती है. यह पात्रता परीक्षा पास करने के बाद वे बिहार में होने वाली माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक की बहाली के पात्र हो सकते हैं. बिना इस परीक्षा को पास किये कोई शिक्षक हाई स्कूल या हायर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षक नहीं बन सकता है.

कब-कब हुआ आयोजन

बिहार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन सबसे पहले वर्ष 2011 में हुआ था. इसके बाद दूसरी एसटीइटी परीक्षा 8 साल बाद हुई. वर्ष 2011 के बाद दो बार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन हुआ और दोनों बार की परीक्षा विवादों में घिरी रही. वर्ष 2011 के बाद वर्ष 2019 में आयोजित परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने के कारण विवादों में रही. जिसकी वजह से परीक्षा को रद्द किया गया और वर्ष 2020 में दोबारा माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन ऑनलाइन मोड में हुआ जबकि तीसरी बार सितंबर 2023 यानी इसी साल यह परीक्षा ली गई है. दूसरी बार की परीक्षा के रिजल्ट में मेरिट और नॉन मेरिट अभ्यर्थियों को लेकर भी खासा विवाद हुआ था. इस वर्ष सितंबर महीने में 4 से 18 सितंबर तक ऑनलाइन मोड में STET परीक्षा का आयोजन हुआ है जिसमें 4 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए. पहली बार एक साथ 46 विषयों की परीक्षा ली गई है. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने जानकारी दी है कि इस वर्ष सितंबर महीने में आयोजित STET परीक्षा का रिजल्ट 3 अक्टूबर को जारी किया जाएगा.

शनिवार को पटना में आयोजित बिहार बोर्ड के एक कार्यक्रम के दौरान बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि हर साल एक तय शेड्यूल पर एसटेट का आयोजन दो बार होगा जिससे हाई स्कूल में शिक्षकों की कमी दूर करने में मदद मिलेगी. यहां यह बात गौर करने वाली है कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक सरकारी स्कूलों में खास तौर पर गणित,विज्ञान और अंग्रेजी भाषा के टीचर नहीं मिल रहे हैं जिसकी वजह से सरकारी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई बाधित हो रही है.

हालांकि इससे पहले भी हर साल एसटेट कराने का लक्ष्य सरकार ने तय किया था लेकिन पिछले 13 साल में सिर्फ तीन बार ही STET का आयोजन हुआ जिसकी वजह से बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी हो गई. यही वजह है कि लगातार शिक्षाविद और शिक्षक अभ्यर्थी सरकार से ये सवाल पूछते हैं कि आखिर क्यों शिक्षकों की कमी के बावजूद माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन हर साल नहीं कराया जाता. सरकार शिक्षकों पर और अभिभावकों पर स्कूल में पढ़ाई नहीं होने देने और बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का ठीकरा फोड़ती है लेकिन उनके पास खुद यह जवाब नहीं कि आखिर क्यों पिछले कई सालों में शिक्षकों के खाली पद नहीं भरे गए जिसकी वजह से सरकारी स्कूलों की यह दुर्दशा हुई.

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By dnv md

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