नालंदा और महाबोधि मंदिर की भव्यता देख अभिभूत हुआ विदेशी यात्रा दल

मेकांग-गंगा सहयोग कार्ययोजना में शामिल पांच आसियान देशों कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, थाईलैंड व वियतनाम के 50 सदस्यों के दल ने किया बिहार भ्रमण
पटना।। पर्यटन विभाग के द्वारा विदेश मंत्रालय के सहयोग से विदेशी यात्रियों के दल ने बोधियात्रा के तहत दो दिनों में नालंदा, गया और बोधगया के पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया.

बोधि यात्रा दल ने दो दिनों तक नालंदा और बोधगया के पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया




मेकांग-गंगा सहयोग कार्ययोजना में शामिल पांच आसियान देशों कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, थाईलैंड व वियतनाम के 50 सदस्यों के दल ने रविवार को यात्रा दल ने बोधगया के महाबोधि मंदिर, सुजाता स्तूप व मंदिर, डुंगेश्वरी गुफा और पत्थरकट्टी का भ्रमण किया. वहीं सोमवार को उन्होंने गेहलौर की दशरथ मांझी घाटी, नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष और राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी, वेणुवन और शांतिस्तूप का दीदार किया. देश में बुद्धिस्ट स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बोधियात्रा आयोजित की गई है. इसके पूर्व दल दिल्ली, आगरा, लखनऊ, श्रावस्ती, कुशीनगर, बनारस होते हुए बिहार पहुंचा.

बुद्ध स्थल पर मिली शांति, लगाया ध्यान
बोधि यात्रा में आए दल के सदस्यों ने बोधगया, नालंदा और राजगीर के बौद्ध स्थलों पर पूजा अर्चना की और नालंदा के प्राचीन विश्वविद्यालय के वैभव को जान समझकर अभिभूत हो गए.

यात्रादल ने गया के पत्थरकट्टी में प्राचीन पाषाण कला से संबंधित मूर्तियों की निर्माण कला को वहां के कलाकारों से मिलकर जाना और समझा. इस दल के सदस्यों ने अपने उद्बोधन में कहा कि बिहार में बौद्ध संस्कृति की जड़ें बहुत गहरी है और इसे जितना देखा और जाना जाए, उतना ही कम है यहां आकर बौद्ध अनुयायी अपने आप को भाग्यशाली समझ रहे हैं.

इस अवसर पर पर्यटन विभाग के पदाधिकारियों ने उन्हें बिहार भ्रमण के दौरान पूरी जानकारी उपलब्ध करायी. यह दल बिहार के बोध गया, नालंदा व राजगीर बौद्ध स्थलों का भ्रमण कर मंगलवार को वापस लौट जाएगा.

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