भोजपुरी की पढ़ाई के लिए पहली बाधा दूर

By Amit Verma Sep 21, 2016

भोजपुरी भाषा की पढ़ाई पर लगा ग्रहण अब छंटता दिख रहा है. भोजपुरी के लिए खड़े हुए जनांदोलन के बाद कुंवर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा विद्वत सभा की बैठक में आज सर्वसम्मति से भोजपुरी भाषा के स्नातक पाठ्यक्रम और स्नातोकोत्तर की पढ़ाई को पास कर दिया गया. पहले केवल विश्वविद्यालय में स्नातोकोत्तर की पढ़ाई होती थी, लेकिन आज के फैसले के बाद अब VKSU के तीन कॉलेजों में स्नातक स्तर पर भी भोजपुरी की पढ़ाई होगी.

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विश्व का सबसे समृद्ध होगा भोजपुरी का पारित पाठ्यक्रम- कुलपति
इस पहल के लिए विश्विद्यालय के कुलपति लीलाचन्द साहा की चौतरफा तारीफ़ हो रही है. भोजपुरी के लिए गए इस ऐतिहासिक फैसले के लिए कुलपति का बढ़कर आगे आना निश्चय ही एक सकारात्मक पहल है. पटना नाउ ने भोजपुरी को लेकर लगातार कुलपति से सवाल किया है, जिसका वे बड़ी ही सहजता से जवाब देते थे. कई बार बातों के दरमियान उन्होंने बड़ी सहजता से सिर्फ एक ही बात कही–“हम विद्वत सभा में इसे पारित करा लेंगे”। इस सकरात्मकता का परिणाम आज सामने है. पाठ्यक्रम के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि स्नातोकोत्तर के पाठ्यक्रम में कोई तब्दीली नहीं की गयी है, लेकिन स्नातक का जो नवीन पाठ्यक्रम तैयार किया गया गया है उसे भोजपुरी के सभी विद्वानों ने सराहा है. यहाँ तक की आज की सभा में भी सभी ने इसे सराहा. उन्होंने कहा कि भोजपुरी में स्नातक की जो पाठ्क्रम विवि ने तैयार किया है वह विश्व का सबसे समृद्ध पाठ्यक्रम है.




राजभवन ने पुनः भेजी चिट्ठी, पूछा किसकी गलती से बंद हुआ भोजपुरी

भोजपुरी पर मचे घमासान और नाक की लड़ाई के बीच विवि प्रशासन और कई विद्वान् जहाँ आम सहमति के लिए बैठक और पाठ्यक्रम की तैयारियां कर रहे थे, उसी बीच राजभवन ने भोजपुरी पर आंदोलन को देखते हुए एक पुनः पत्र कुलपति को भेजा, जिसमे भोजपुरी के लिए दोषी ब्यक्ति का नाम महामहिम ने पूछा है. राजभवन से पत्र का जवाब सिंडिकेट की बैठक में लिए गए फैसले के बाद एक साथ भेजे जाने वाले प्रस्ताव के साथ कुलपति देंगे. राजभवन द्वारा पूछे जाने वाले सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भोजपुरी विभाग के लिए दोषी मगध विश्विद्यालय है.

इन तीन कॉलेजो में में अब स्नातक स्तर पर होगी पढ़ाई

स्नातक स्तर पर भोजपुरी की पढ़ाई के लिए जगजीवन और जैन कॉलेज से प्रोपोजल विवि ने माँगा था, जिसके लिए पिछले कई दिनों से पाठ्यक्रम तैयार करने में भी कई विद्वान लगे हुए थे. इसी बीच डुमरांव स्थित डी के कॉलेज ने विवि से अपने यहाँ भोजपुरी में स्नातक की पढ़ाई के लिए मांग की. डी के कॉलेज का भोजपुर क्षेत्र के सबसे नजदीक होने के कारण यह दावा ज्यादा मजबूत था जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. साथ ही इन तीनो महाविद्यालयों में भोजपुरी भाषा के सुचारू पाठन के लिए पद्सृजन के लिये कम से कम 2-2 पदों की मांग भी की गयी है जिसे सभी सदस्यों ने मुहर लगा दी है.

हिंदी पढ़ने वाले भी 50 नंबर का ले सकेंगे भोजपुरी

भोजपुरी में छात्रों की संख्या बढ़ने के लिए भी अहम फैसले लिए गए. अब 100 अंको के हिंदी या उर्दू वाले लोग भी 50 अंकों का भोजपुरी विषय चुन सकते हैं.

विद्वत सभा में कौन होते हैं सदस्य

विद्वत सभा में आमतौर पर स्नातोकोत्तर विभाग के सारे विभागाध्यक्ष, दो प्राचार्य, दो अफ़्लियेटेड कॉलेज के प्राचार्य, दो वित्तरहित कॉलेज के प्राचार्य सहित कुछ आमंत्रित सदस्य भी होते हैं. विद्वत सभा में कुलपति के साथ प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव, प्रो रणवीर कुमार, प्रो नीरज सिंह, प्रो ज़मील अख्तर, प्रो ज्ञानेंद्र कुमार, प्रो विश्वनाथ चौधरी समेत 42 सदस्य शामिल थे.

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