34 दिन बाद भी नहीं सुलझी केके सिंह हत्याकांड की गुत्थी

आक्रोशित जन सैलाब ने किया नगर बंद
हत्या की CBI जांच की मांग
बंद के दौरान आगजनी और तोड़फोड़

आरा के चर्चित गोला व्यवसायी और पूर्व जमींदार खानदान से ताल्लुक रखने वाले कृष्ण कुमार सिंह उर्फ कुमार सिंह की हत्या के 34 दिन बाद भी व्यवसायी हत्याकांड की गुत्थी नहीं सुलझने से गुस्साए लोगों ने आज जिला मुख्यालय आरा बंद किया. कृष्ण कुमार सिंह मर्डर केस में सीबीआई जांच की मांग को ले आज जिला मुख्यालय बंद किया गया. सर्वहारा समाज द्वारा बंद के दौरान बंद का असर मिलाजुला देखने को मिला. शहर की कुछ दुकानें स्वत बंद रहीं जबकि कई दुकानों को मृतक के परिजनों के साथ मिलकर गांव वालों ने जबरन बंद कराया. 




बंद के दौरान गांगी पुल के पास आगजनी भी की गयी.बंद समर्थकों ने आने-जाने वाले राहगीरों को आने-जाने से रोका. इस दौरान पब्लिक के साथ बंद समर्थकों की नोक-झोंक भी हुई. यात्रियों को आने जाने से रोका गया. जिसके के कारण मारपीट भी हुई. इस घटना को लेकर पुलिस प्रशासन भी कई स्थानों पर चुप रहा. शहर के तमाम चौक-चौराहों पर बंद समर्थकों ने दुकानों को बंद कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सर्वहारा समाज के बैनर तले सड़कों पर उतरे बंद समर्थकों ने शहर के आरण्य देवी रोड़, शीशमहल चौक सब्जी गोला रोड, मीरगंज में दुकानों को बंद कराया.

बंद समर्थकों ने गांगी पुल के समीप सड़क जाम कर जबर्दस्त प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में बंद समर्थकों ने कृष्णा सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. बंद समर्थकों का प्रशासन पर इस मामले में लीपा-पोती करने का आरोप है. उनके अनुसार आरोपी अब भी शहर में खुलेआम घूम रहे हैं लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बनी हुयी है. बंद का असर स्कूलों पर भी दिखा. कई स्कूल बंद रहे. कई स्कूलों में परिजनों ने अपने बच्चों को नहीं भेजा. सुबह से ही परिजनों को बंद समर्थकों के उत्पात की खबर लग चुकी थी.

अभी भी कई आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर

बताते चलें कि नगर थाना क्षेत्र के पड़ाव मोड़ पर बीते 2 जुलाई को रसूखदार परिवार के सरल स्वभाव वाले गोला व्यवसायी कृष्ण कुमार सिंह की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अब तक 12 से ज्यादा लोगों को पुलिस जेल भेज चुकी है. इस हत्याकांड में आरोपी बनाए गए हम के पू्र्व नेता दानिश रिजवान और भाजपा नेता इंद्रभान सिंह ने अपने आपको बेकसूर बताते हुए न्यायालय में हत्या के 23 दिन के बाद नाटकीय ढंग से सरेंडर कर दिया था. इस मामले में आरोपी नईम मियाँ,उपमेयर का बेटा मुन्नू सिंह, सिराजुद्दीन, टीबला, और डिबुआ अब भी फरार हैं. नईम मियाँ और डिबुआ, टीबला के घर कुर्की के लिए पहुंची पुलिस को वापस आना पड़ा था क्योंकि इन आरोपियों के नाम पुलिस ने कोई सम्पति ही नहीं पायी थी

घटनाक्रम पर एक नजर

2 जुलाई- कृष्ण कुमार सिंह उर्फ कुमारजी की हुयी थी हत्या
7 जुलाई- 7 अप्रथमिक अभियुक्त गिरफ्तार
10 जुलाई- कांड में फरार कुख्यात चाँद मियाँ का कोर्ट में समर्पण
11 जुलाई- हम नेता के भाई शहीद अली और जमाल अशरफ को पुलिस ने किया गिरफ्तार
13 जुलाई- सात वांछितों के घर कुर्की-जब्ती का आदेश
14 जुलाई- कोर्ट ने हम और भाजपा नेता के घर कुर्की पर लगायी 10 दिनों तक रोक
26 जुलाई- हम के पूर्व प्रवक्ता दानिश रिजवान और पूर्व भाजपा नेता इंद्रभान सिंह का कोर्ट में समर्पण

 

आरा से ओपी पांडे

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