मतदान नहीं करने पर लगता है 51रुपए का जुर्माना




राजनीतिक पार्टियां गांव में आएगी तो जातिवाद होगा

गांव में 1983 के बाद से पार्टियों के प्रचार पर है बैन

वोटिंग को लेकर बनाये गए हैं सख्त नियम

राजनीतिक दलों के गांव में प्रवेश और प्रचार पर रोक

गांव को राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला

कूड़ा फैलाने, हवा या पानी प्रदूषित करने, डीजे बजाने पर 51 रुपए का जुर्माना

इन दिनों गुजरात में विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हैं, लेकिन राजकोट जिले में एक ऐसा गांव हैं जहां राजनीतिक पार्टियों के चुनाव प्रचार पर रोक है. किसी पार्टी के नेता हो या कार्यकर्ता इस गाँव की तरफ रुख नहीं करते .राज समाधियाला गांव के लोगों ने राजनीतिक दलों के गांव में प्रवेश और प्रचार पर रोक लगा दी है. समाधियाला गांव में अगर कोई मतदान नहीं करता है तो उस पर  51रुपए का जुर्माना है. यह गांव अपने नियम-कायदों के लिए आदर्श गांव का तमगा हासिल कर चुका है. गांव के सरपंच बताते हैं कि राजनीतिक पार्टियां गांव में आएगी तो जातिवाद होगा. इसलिए साल 1983 से ही यहां राजनीतक पार्टियों के आने पर पाबंदी है. लेकिन मतदान लगभग सभी गांव वाले करते हैं.

साल 1983 में अपने अलग नियम कायदों को बनाने के चलते आज गांव बेहद साफ सुथरा दिखता है. सारी सडकें सीमेंट की बनी हुई है. गांव में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं. साथ ही इस गांव को राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला है. गांव में जातिवाद की सख्त मनाही है. कूड़ा फैलाने, हवा या पानी प्रदूषित करने, डीजे बजाने पर 51 रुपए का जुर्माना है. पटाखे केवल दिवाली वाले दिन जलाया जा सकते हैं.गांव के सरपंच कहते हैं कि राजनीतिक दलों को भी इस विश्वास का एहसास है कि अगर वे राज समाधियाला गांव में प्रचार करेंगे तो वे उनकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाएंगे. सरपंच आगे कहते हैं कि हमारे गांव के सभी लोगों को मतदान करना अनिवार्य है अन्यथा उन पर 51 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. कोई विवाद होने पर मामला गांव के लोक अदालत में जाएगा. अगर कोई सीधा पुलिस में शिकायत करने गया तो पांच सौ रुपए का जुर्माना की बात कही गई है. लेकिन कभी सरपंच के लिए चुनाव नहीं हुआ. हमेशा आपसी सहमति से ही सरपंच बने. इस गाँव में सुख शान्ति इतनी है कि लोग घरों में भी ताला नहीं लगाते .

PNCDESK

By pnc

Related Post