महिलाओं को आत्म निर्भर बनाता वस्त्र मंत्रालय

By Nikhil Feb 18, 2018 #vastra mantralaya

क्या आप जानती डिजाइन बनाना?
महिलाओं को आत्म निर्भर बनाता वस्त्र मंत्रालय
प्रोडक्शन हाउस बनाने की हो रही है तैयारी जहां होंगे हजारों हुनरमंद हाथ
ट्रेनिग ले रही महिलाओं ने कहा- ‘अब बहुत कुछ जान गई हैं…’
Patna now Exclusive

सेंटर में बने डिज़ाइन
डिजाईन बनती महिला

आरा, 18 फरवरी. भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा लोगों को हुनर के साथ व्यवसाय चालू करने के उद्देश्य से स्वरोजगार परक प्रशिक्षण दिया जा रहा है जो बिहार सरकार के उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान केंद्र के देखरेख में किया जा रहा है. उद्योग विभाग के सहयोग से चल रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पटना नाउ ने जाना प्रशिक्षुओं से कि कितना हुनरमंद हो गई हैं अब? विशेष रिपोर्ट……
इस कर्यक्रम के अंर्तगत महिलाओं और बच्चियों को स्टिचिंग और डिजाइनिंग की ट्रेनिग दी जा रही है. कढ़ाई के जरिये बहुत सारे डिजाइनों को प्रशिक्षु प्राप्त कर रही हैं. इन डिजाइनों में स्टिचिंग की कई तरीकों को महिलाएं सिख रही हैं. एक महीने से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है महिलाएं कुशन, बैग, और




कसीदा करती महिला
कसीदा करती महिला

विभिन्न उपयोगी वस्तुओं पर कपड़े का उपयोग कर बना रही हैं. प्रशिक्षण प्राप्त कर रही नीलम पांडेय ने बताया कि स्टिचिंग के तरीकों को उन्होंने सीखा. इस प्रशिक्षण के जरिये बहुत सी बातों को उन्होंने जाना जो उन्हें अबतक मालूम नही था. वे कहती हैं कि महिलाओं को स्टैंड करने के लिए यह बहुत ही अच्छा कार्यक्रम है.
वही बैक स्टिच कर रही प्रशिक्षु शब्बा प्रवीण बताती हैं कि प्रशिक्षण केंद्र पर आने से पूर्व वो कुछ नही जानती थीं, लेकिन एक महीनों में सुई पकड़ने से लेकर डिजाइन तक ज्ञान होने लगा है.

शब्बा प्रवीण, प्रशिक्षु
विभूति, प्रशिक्षु

वही एक डिजाइन बना रही छात्रा विभूति से जब डिजाइन के बारे में पूछा जाता है तो झट से राजस्थान शिल्प की डिजाइन बताती है. उसके अनुसार पढ़ाई के साथ-साथ यह प्रशिक्षण कुछ नया करने का मौका है, जो बेहद पसंद आ रहा है.
प्रशिक्षण दे रही स्टेट अवार्डी रोमा वर्मा बताती है कि प्रशिक्षण 3 सालों तक दिया जाएगा. फिलहाल 20 ऐसे प्रशिक्षु हैं जो बिल्कुल नए हैं, लेकिन इसके बात उक्त सेंटर पर 30 डिजाइन जानने वाले प्रक्षुओ का चयन होगा जिन्हें फैशन डिजाइनर ट्रेनिग देंगे. जरूरत के हिसाब से प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को बुलाया जाएगा. मतलब कम्प्लीट प्रोडक्शन हाउस खोलने की सरकार की योजना हैं जहां ट्रेंड लोगों को काम दिया जाएगा. फिलहाल सरकार प्रशिक्षण प्राप्त कर रही सभी बच्चियों और महिलाओं को 300 रुपये के हिसाब से प्रतिदिन स्टाइपेंड राशि भी दे रही है.

रोमा वर्मा, मास्टर ट्रेनर
सरिता शर्मा, मास्टर ट्रेनर

सेंटर की दूसरी ट्रेनर स्टेट अवार्डी सरिता शर्मा ने बताया कि वो यहां आने वालों को विभिन्न डिजाइनो के साथ उसमे रंगों का चयन, फूल पतियों की डिजाइन, मिलर वर्क, एप्लिक वर्क,हैंगिग वाल सहित उन सारे डिजाइनों और तकनीक को बताया जा रहा है जो दैनिक जीवन मे उपयोग में लाया जाता है.
बड़ी मठिया स्थित नेशनल साईंटिफिक एन्ड सोशल एनालिसिस ट्रस्ट, में चल रहे ट्रेनिग सेंटर पर उद्योग विभाग द्वारा संचालित “बनो उद्यमी अभियान” के तहत शुक्रवार को तीसरा कार्यक्रम किया गया. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को अपना व्यवसाय और अपना उद्योग करने के लिए प्रेरित किया गया. इस दौरान महाप्रबंधक ने उद्योग के वित्त पोषण के लिए विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी. साथ ही पावर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा भी ये जानकारी उपस्थित लोगों को दी गयी. कार्यक्रम में रोजगार सृजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया आदि जैसे कई योजनाओं के जरिये व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. कार्यक्रम के

नीलम पाण्डेय, प्रशिक्षु

द्वारा लोगों को अपने रोजगार खड़ा करते हुए दूसरे को भी रोजगार देने हेतु प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया. कार्यक्रम में जिला उद्योग केंद्र,भोजपुर के उपमहाप्रबंधक, कार्यकारी प्रंबंधक, नेशनल साईंटिफिक एन्ड सोशल एनालिसिस ट्रस्ट के श्याम कुमार, सेंटर की ट्रेनर स्टेट अवार्डी मास्टर ट्रेनर रोमा वर्मा और सरिता शर्मा सहित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं बच्चियां और महिलाएं शामिल थीं.

 

 

 

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(ओ पी पांडेय के साथ सत्य प्रकाश सिंह की रिपोर्ट)

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