शराबबंदी से राजस्व का घाटा नहीं -नीतीश


बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद पर्यटकों की संख्या और बढ़ी-नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नशा मुक्ति को लेकर दिलायी शपथ




मद्य निषेध रथ एवं प्रचार बसों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

शपथ एक बार ली जाती है बार-बार नहीं. 5 साल में कितनी बार शपथ लेंगे एक छोटी सी वस्तु के लिए. दहेज के लिए भी लोगों ने खाई थी शपथ ?? क्या हुआ ?? खबरें रोज मिल ही रही है ..कर शपथ, कर शपथ ..कर शपथ, बार-बार शपथ या हमने शपथ ले ली है बिहार के विकास के लिए शपथ .ऐसी नौबत न आये कि एक दो बार और शपथ लेना पड़े. दो साल पहले की बात है.10 महिला सिपाहियों ने शपथ नहीं ली तो सस्पेंड कर दी गई , 250 जवानों ने शपथ लेने के बाद शराब पी ली तो सस्पेंड हो चुके है बात शराबबंदी की है तो जन जन को पता है कि बिहार में नशे के कारोबार का अरबों में है.आज जेल आधे से अधिक शराबियों से भरे हैं.


पटना, 26 नवम्बर 2021:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सम्राट अशोक कंवेन्शन केंद्र के कार्यक्रम के शुरुआत के पूर्व सम्राट अशोक कंवेन्शन केंद्र परिसर में मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध प्रचार-प्रसार अभियान हेतु मद्य निषेध रथ एवं प्रचार बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.मुख्यमंत्री ने ज्ञान भवन के निचले तल्ले में नशा मुक्ति पर पेंटिंग, कोलॉर्ज एवं टेराकोटा प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा अवलोकन किया। अवलोकन के पश्चात मुख्यमंत्री के समक्ष ‘नशा मुक्त परिवार खुशहाल परिवार’ पर आधारित शैडो डांस लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव के0के0 पाठक ने मुख्यमंत्री का स्वागत पौधा एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया।

शराब नहीं पीने की शपथ लेते मुख्यमंत्री और अन्य

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने नशा मुक्ति को लेकर खुद शपथ लेते हुए वहां उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई कि सत्य निष्ठा के साथ यह शपथ लेता हूं कि मैं आजीवन शराब का सेवन नहीं करुंगा। मैं कर्तव्य पर उपस्थित रहूं या न रहूं, अपने दैनिक जीवन में भी शराब से संबंधित गतिविधियों में किसी प्रकार से शामिल नहीं होऊंगा। शराबबंदी को लागू करने के लिए जो भी विधि सम्मत कार्रवाई अपेक्षित है उसे करुंगा। यदि शराब से संबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल पाया जाऊंगा तो नियमानुसार कठोर कार्रवाई का भागीदार बनूंगा।
कार्यक्रम के दौरान नशा मुक्ति पर आधारित गीत की प्रस्तुति की गई। साथ ही नशा मुक्ति के प्रचार-प्रसार हेतु जिंगल्स, वीडियो, ऑडियो संदेश का प्रदर्शन तथा जीविका द्वारा नशा मुक्ति पर तैयार की गई लघु फिल्म, जहरीली शराब के नुकसान पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने मोबाइल पर जनता के नाम संदेश का लोकार्पण किया तथा नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर सभी नगर निकाय प्रतिनिधियों को भेजे जानेवाले संदेश का अनावरण किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध को लेकर उत्कृष्ट कार्य करने वाले किशनगंज के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों, मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशस्ति पत्र एवं मेडल प्रदान कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार


मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी कानून को मजबूती से लागू करने के लिये एक बार फिर से शपथ दिलायी जा रही है। शपथ लेने से मन फिर से मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि बाएं-दाएं करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करें। सरकारी तंत्र में भी जो गड़बड़ करने वाले हैं उन पर भी नियमानुसार कड़ी कार्रवाई हो.उन्होंने कहा कि पटना शहर पर विशेष नजर रखें. पटना के कंट्रोल होने से पूरा बिहार कंट्रोल हो जायेगा. उन्होंने कहा कि शराब की सूचना मिलने पर पुलिस का छापेमारी करने जाना कोई गुनाह नहीं है। शादी समारोह हो या और कोई समारोह जब भी सूचना मिलेगी तो पुलिस जायेगी. नियमानुसार कार्रवाई हो, इसका ख्याल रखना जरूरी है। कुछ लोग ऐसे बयान दे रहे हैं कि बाहर से आने वालों को शराब पीने की छूट देनी चाहिये. ऐसे बयान देने वालों के मन में जरूर कोई गड़बड़ करने वाली बात है। पहले लोग कहते थे कि शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार की आमदनी घट गयी है लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है। पहले वर्ष 5000 करोड़ रूपये के राजस्व का घाटा हुआ था। उसके अगले वर्ष 1200 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा हुआ लेकिन अगले साल से शराबबंदी से कोई राजस्व की हानि नहीं होने लगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीने से होने वाली हानि को लेकर डब्लू०एच0ओ0 ने वर्ष 2016 में दुनिया भर में एक सर्वे कराया था जिसकी रिपोर्ट वर्ष 2018 में प्रकाशित की गयी। दुनिया भर में होने वाली कुल मौतों में 6.3 प्रतिशत मृत्यु यानि करीब 30 लाख लोगों की मौत शराब पीने से हुई। 20 से 30 आयु वर्ग के युवक/युवतियों में होने वाली मृत्यु का 13.5 प्रतिशत शराब पीने से होती है। 18 प्रतिशत लोग शराब पीने के कारण आत्महत्या करते हैं। आपसी झगड़े का 18 प्रतिशत कारण शराब पीना होता है। विश्व में जितनी सड़क दुर्घटनायें होती है उसमें 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनायें शराब पीने की वजह से होती है। शराब पीने की वजह से होने वाली गंभीर बीमारियों में से लीवर की गंभीर बीमारी 48 प्रतिशत, मुंह के कैंसर का 26 प्रतिशत, पैनक्रियाज की गंभीर बीमारी 26 प्रतिशत तथा टी0बी0 की गंभीर बीमारी 20 प्रतिशत के आस-पास शराब पीने के कारण होती है.


सभी जिलों केजिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक और लोक अभियोजक के साथ 15 दिनों में एक बार शराबबंदी को लेकर जरुर समीक्षा बैठक करें। मुख्यालय स्तर पर वरीय अधिकारी हर दूसरे दिन बैठक कर पूरे राज्य के शराबबंदी की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करें.शराब की सूचना देने को लेकर केंद्रीय आसूचना केंद्र बनाया गया है। बिजली के खंभों पर नंबर अंकित किया गया है जिससे लोग आसानी से सूचना दे सकें. सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखा जाता है, अधिकारियों ने बताया है कि अब काफी तादाद में लोग शिकायत कर रहे हैं। बीच में लोगों का भरोसा घट गया था.


कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, खाद्य एवं उपभोक्त संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार,पुलिस महानिदेशक एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव/सचिव, वरीय पुलिस अधिकारीगण, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे.

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