पटना/दिल्ली ।। ‘नौकरी के बदले जमीन’ मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को दिल्ली की कोर्ट ने पेश होने का आदेश दिया है.

आपको बता दें कि ये मामला नौकरी के बदले जमीन का है जिसमें CBI ने आरोप लगाया है कि जिन लोगों को रेलवे में नौकरी मिली, उनके परिजनों ने जो जमीनें लालू परिवार को दीं, वे जमीनें सर्किल रेट पर दर्ज थीं, जबकि उस समय का मार्केट रेट सर्किल रेट से चार से छह गुना ज्यादा था. जमीनों की वैल्यू को जानबूझकर कम दिखाया गया और कम कीमत पर लालू परिवार के नाम की गईं.

CBI का दावा है कि जब लालू रेल मंत्री थे उसी दौरान यह पूरी साजिश 2004 से 2009 के बीच रची गयी. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि इसी दौरान लगभग सभी मामलों में नौकरी देने से पहले ही जमीनें ट्रांसफर की गईं और अधिकांश में गिफ्ट डीड तैयार कर ली गई थी.

CBI ने आरोप पत्र में यह भी दावा किया है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब उनके करीबी भल्ला यादव ने गांव में जाकर कहा था कि अपने परिजनों को नौकरी दिलाने के एवज में अपनी-अपनी जमीन लालू परिवार के नाम कर दीजिए. लालू परिवार के नाम जमीन लिखने वाले सभी आरोपियों ने दावा किया है कि उन्हें लालू परिवार से नकद में भुगतान किया गया था.
कोर्ट के आदेश से राजद के लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव की घोषणा होने वाली है और इसी समय दिल्ली की लाउंज एवेन्यू कोर्ट ने 13 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में पार्टी के तीनों प्रमुख नेताओं को पेश होने का आदेश दिया है.
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