क्या देखी आपने ये स्ट्रीट आर्ट पेंटिंग !

लुभाते स्लोगन और पेंटिंग का स्ट्रीट-जंग

आरा,1 जून. क्या आपने कभी स्ट्रीट आर्ट पेंटिंग को देखा है? अगर नही तो अपने शहर में यह मौका आपको मिल सकता है. आमतौर पर सड़कों पर स्लोगन के साथ कुछ आकृतियों को लोग बना उसे स्ट्रीट पेंटिंग का नाम देते हैं. लेकिन जब इसमें कलात्मकता के साथ ये सन्देश जोड़े जाते हैं तो यह स्ट्रीट आर्ट पेंटिंग के नाम से जाना जाता है. कुछ इसी फॉमेट की पेंटिंग आरा की धरती से जुड़े कलाकारों ने जो फिलहाल दूसरे शहरों में अपनी जीविका चला रहे उन्होंने मंगलवार को बनाया. मनभावन स्लोगन जहाँ लोगों को पढ़ने को लालायित करते दिखे तो कलात्मक कलाकृतियां राहगीरों को अपनी ओर आकर्षित करती दिखीं. ऐसा लगा जैसे स्ट्रीट पर ही कलाकृतियों और लुभावने स्लोगनों के बीच जंग चल रहा हो.




कोरोना वायरस से बचाव एवं जागरूकता के साथ फ्रंट लाइन वर्कर व कोरोना वारियर्स सम्मान में आरा समकालीन चित्रकारों ने शहर में विशाल कलरफुल स्ट्रीट आर्ट पेंटिंग (Street Art Painting) निर्माण किया. स्थानीय रमना मैदान एवं सांस्कृतिक भवन के समीप गोलंबर के पास सड़क पर इस रंगीन स्ट्रीट आर्ट पेंटिंग को चित्रकारों ने कुचियों से इसे कलात्मक आकार दिया.

इस कार्यक्रम में सभी कलाकारों को संयोजित करने का काम किया कौशलेश कुमार ने.

कौशलेश कुमार(आर्ट टीचर,केंद्रीय विद्यालय,BHU)

कौशलेश मुलतः आरा के रहने वाले हैं लेकिन वर्तमान में वाराणसी रहते हैं और केंद्रीय विद्यालय(BHU) में कला-शिक्षक हैं. उन्होंने इसके पूर्व वाराणसी में मास्क पर संदेशों के जरिये बच्चों के साथ पेंटिंग कार्यशाला का कार्यक्रम फरवरी महीने में किया था जिसकी काफी सराहना लोगों ने की थी. इस बार वे हमने गृह जिले में स्ट्रीट पेंटिंग के जरिये कोरोना जागरूकता का कर्यक्रम चला रहे हैं जिसे आगे भी कई जगह सड़कों पर बनाने का प्लान वे अपनी टीम के साथ कर रहे हैं. सबसे विशेष बात यह है कि यह कार्यक्रम सरकार द्वारा निर्धारित कोरोना (Covid-19) गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करते हुए किया गया.

ये हैं वे सभी चित्रकार जिन्होंने अपनी कुंचियों के सहारे कलाकृतियों को रंगमय बनाया:

मुकेश चौधरी(स्टूडेंट,पटना आर्ट कॉलेज)
कमलेश कुंदन(वरिष्ठ चित्रकार,आरा)
सुशील विश्वकर्मा(आरा)

श्रवण कुमार (आरा)

विवेक कुमार(आरा)

इस आर्ट पेंटिंग को बनाने के लिए वाराणसी से कौशलेश कुमार, बैंगलुरू से परमानन्द, पटना से मुकेश चौधरी एवं आरा से कमलेश कुंदन, सुशील विश्वकर्मा,विवेक,श्रवण कुमार, कीर्तिमान व नीरज कुमार ने मिलकर मनमोहन रचना की. पेंटिंग में कोरोना, वैक्सीन, मास्क,नर्स,मीडिया,और पब्लिक को शामिल करने के साथ-साथ कोरोना जागरूकता संबंधित स्लोगन को भी चित्रकारों ने शामिल किया था.

कला के माध्यम से लोगों को जागरूक करने वाले चित्रकारों ने कहा कि करोना काल में जागरूकता ही बचाव है और चित्र एक ऐसा माध्यम है जिससे किसी भी बात को संकेतों में बताना सरल और प्रभावी होता है. कलाकारों ने पेंटिंग बनाने का काम सुबह 4 बजे से शुरू किया जिसे लगभग 7.30 बजे सुबह तक बना लिया गया. इस दौरान वहाँ से गुजरने वाले रुक-रुक कर देखते और सेल्फी भी लेते नजर आए. इस दौरान मॉर्निंग वॉक पर निकले पूर्व जिलाध्यक्ष(जदयू) अशोक कुमार शर्मा,डॉ वंशीधर शर्मा,डॉ विजय गुप्ता भी स्ट्रीट आर्ट को देखे बिना नही रह सके और उसके निर्माण तक कलाकारों का उत्साहवर्द्धन किया. चित्रकारों के इस इस जागरूकता कार्यक्रम में सहभागिता निभाया शहर के कई कलाकार और बौद्धिक गणमान्य लोगों ने जिसमें प्रसून कुमार, अनिरुद्ध सिंह,डब्ल्यू कुमार, आर्या श्री, आकर्ष भारद्वाज, शमशाद प्रेम, मुकेश कुमार सिन्हा,कृष्णेन्दु, सुनील पाण्डेय, भास्कर मिश्र और विजय मेहता प्रमुख थे.

चित्रों में मुख्य रूप से कोरोना जागरूकता हेतु मास्क लगे लोगों की तस्वीर एवं स्लोगन ‘दो गज दूरी,मास्क है जरूरी ‘,’कोरोना से जंग जीतेंगे हम’,’मास्क अप इंडिया’,’आरा कोरोना वारियर्स’आदि अंकित किये गए.


सड़क के गोलंबर पर स्थित सभी स्ट्रीट आर्ट पेंटिंग एक साथ बहुत संदेश देने वाले नजर आया. कहा भी गया है कुछ गतिविधियाँ बिना बोले ही बहुत ज्यादा मनुष्य पर प्रभाव डालती हैं और कलाकारों की कलाकृतियों ने सड़कों पर जान तो भरा ही अपने सामूहिक प्रभाव से लोगों को कोरोना के प्रति सजग करने के अपने सम्पूर्ण प्रभाव के साथ दिखे.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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