पत्रकार का जीवन है बड़ा कठिन: विष्णु प्रकाश त्रिपाठी




एक अच्छा संपादक जबतक रीडर से कनेक्ट नहीं होता है बेहतर नहीं कर सकता

दैनिक जागरण के कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी से मनीषा प्रकाश ने बातचीत

आज भी प्रिंट मीडिया देश में सबसे विश्वसनीय है

राजनेताओं, पत्रकारों, वैज्ञानिकों की ऑटो बायोग्राफी पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाली छात्रों को पढ़ना चाहिए

पटना पुस्तक मेले के कॉफी हाउस में देश के वरिष्ठ पत्रकार व दैनिक जागरण के कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी से मनीषा प्रकाश ने बातचीत की. त्रिपाठी ने बताया कि पत्रकारिता की शुरुआत कानपुर से प्रकाशित एक सांध्य दैनिक से की. उन्होंने कहा कि पत्रकार पैदा होते हैं. जो व्यक्ति एक आग लेकर पैदा होता है वही पत्रकार बनता है. पत्रकार का जीवन बड़ा कठिन है. अपनी आग जलाए रखना कितना मुश्किल है, पत्थर बीच आईना बचाये रखना जितना मुश्किल है. बचपन से सम्पादक के नाम पत्र लिखने का आदि था यह भी मुझे इसे ओर आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि दो डॉक्टर होते हैं समाज जो एक ही मेडिकल कालेज से पढ़े होते हैं.

सुप्रसिद्ध पत्रकार विष्णु त्रिपाठी ने कहा कि पत्रकार जन्मजात होता है. वह अपने जीवन मे आग जलाए रहता है.पत्रकारीय धर्म में कोई बदलाव नहीं हुआ है. पत्रकार का धर्म सत्यम लिख सत्यम चल.न्यूज़ रूम में 1983-84 में कम्प्यूटर का आगमन हुआ. नई तकनीक आपका शत्रु नहीं है. पत्रकारिता के क्षेत्र में जो भी नई तकनीक आये हैं वो आपके मित्र हैं. आपको उसका स्वागत करना चाहिए. पाठक की मौलिक रुचि नहीं बदली है. पाठक हमेशा नया जानना चाहता है.

विष्णु त्रिपाठी ने पाठकों से रू व रू होते हुए बताया कि हर पत्रकार संपादक होता है. एक अच्छा संपादक जबतक रीडर से कनेक्ट नहीं होता है बेहतर नहीं कर सकता है. एडिटर्स च्वाइस व रीडर्स च्वाइस दोनों को साथ लेकर चलना चाहिए. दोनों के बीच समन्वय जरूर है. राष्ट्र के लिए जो भी जिम्मेदार पत्र है वो न्यूज गैदरिंग में अच्छा खर्च करते हैं. ऑनलाइन माध्यम जो है वो लेगवर्क को कम किया है.

विष्णु त्रिपाठी ने कहा कि राजनेताओं, पत्रकारों, वैज्ञानिकों की ऑटो बायोग्राफी पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाली छात्रों को पढ़ना चाहिए.आज भी प्रिंट मीडिया देश में सबसे विश्वसनीय है. अखबार आज भी अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं.

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By pnc

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