‘सुशील मोदी के खिलाफ दर्ज हो FIR’

By Amit Verma Jun 2, 2017

‘छात्र-छात्राओं को भड़का कर अराजकता फैलाना चाहते हैं सुशील मोदी’

इंटर रिजल्ट को लेकर मचा बवाल थम नहीं रहा. शुक्रवार को भी इंटर काउंसिल के बाहर ऐसे हजारों छात्र जुटे रहे जिनका रिजल्ट खराब हो गया. इस बीच बिहार प्रदेश जनता दल (U) के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने बयान जारी कर कहा है कि सुशील मोदी को बिहार के छात्र-छात्राओं की चिन्ता नहीं सिर्फ अपनी राजनीतिक भविष्य चमकाने की चिन्ता है. जबकि राज्य सरकार को छात्र-छात्राओं के भविष्य की चिन्ता है.




इंटर रिजल्ट को लेकर मचे बवाल के बाद सुशील मोदी ने कहा था कि परीक्षार्थियों को सड़क पर उतरना चाहिए. बीजेपी लगातार इंटर रिजल्ट को लेकर सरकार पर गड़बड़ी का आरोप लगा रही है. बीजेपी ने इसके लिए जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. इधर जेडीयू का कहना है कि इंटर परिणाम से बिहार की शिक्षा प्रणाली और परीक्षा में किये व्यापक फेरबदल व अनियमितता के रोकथाम का असर साफ दिख रहा है. परीक्षा में पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए बिहार सरकार की निशानदेही पर बड़े पैमाने पर बदलाव किये गये. ताकि परीक्षा में किसी भी स्तर पर कदाचार की संभावना नहीं रहे.

 जेडीयू की सफाई-

  • बिहार में कम्पार्टमेन्ट परीक्षा के लिए 1 के बदले 2 विषयों में परीक्षा देने की अनुमति दी गई है.
  • सुशील मोदी द्वारा उठाये गये सवाल कि फिजिक्स के 12 गलत सवालों के बदले 12 अंक देने की पूर्णतः गलत है. फिजिक्स में एक भी सवाल गलत नहीं था. छात्र-छात्राओं को भड़काने का काम कर रहे हैं सुशील मोदी.
  • जब शिक्षकों की हड़ताल हुई तक सरकार द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट किये हुये शिक्षकों को इण्टर का काॅपी जाॅंचने का निर्णय लिया गया.
  • पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षक जिस विषय के थे उसी विषय की काॅपी जाॅंचने को दी गई. साथ ही उन्हें उस विषय का माॅडल आॅन्सर पेपर भी उपलब्ध कराया गया. इस कारण जाॅंच में किसी तरह की गड़बड़ी का प्रश्न ही पैदा नहीं होता है.
  • देश के कई राज्यों में परीक्षा समिति द्वारा माॅडरेशन होता था जिसे केन्द्र की सरकार ने इसी वर्ष बन्द करा दिया. जिसके लिये दिल्ली राज्य के अभिभावकगण् ने माननीय उच्च न्यायालय, दिल्ली का दरवाजा खटखटाया.
  • बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में माॅडरेशन का प्रचलन कभी था ही नहीं.
  • बिहार राज्य परीक्षा समिति के अध्यक्ष का कार्य परीक्षा व्यवस्था में सुधार करना था, न कि पढ़ाई सुधारने का. इसमें समिति की कोई गलती नहीं है. सरकार का विशेषाधिकार है कि किसको कहाॅं रखे कहाॅं नहीं रखे. श्री आनन्द किशोर काबिल पदाधिकारी हैं.
  • स्क्रूटनी करने का कार्य पूरे देश में होता है न कि केवल बिहार में.
  • दिनांक 3 जून 2017 से काउन्टर खोलकर स्क्रूटनी करने का कार्य किया जायेगा.

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