राज्य के 70,000 विद्यालयों में खेल से मिलेगा आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण
वज्रपात से बचाव पर केंद्रित गेम का हुआ ट्रायल प्रदर्शन
पटना.बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सभागार में एक अभिनव पहल के तहत बच्चों के बीच ऑगमेंटेड रियलिटी पर आधारित इंटरएक्टिव गेम का प्रदर्शन किया गया. यह गेम विशेष रूप से वज्रपात (ठनका) सहित विभिन्न आपदाओं से बचाव हेतु बच्चों की क्षमता वृद्धि के उद्देश्य से प्राधिकरण द्वारा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के सहयोग से विकसित किया गया है.

इस कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 50 स्कूली बच्चों ने इस डिजिटली विकसित गेम को कंप्यूटर पर खेला और वर्चुअल वातावरण में ठनका जैसी आपदाओं से बचाव के तरीकों को रोचक और इंटरएक्टिव पद्धति से सीखा. यह एक ट्रायल डेमो था, जिसके माध्यम से छात्रों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर गेम को और अधिक उपयोगी और आकर्षक बनाने हेतु सुझाव एकत्र किए गए.

उपाध्यक्ष डॉ. उदय कांत मिश्रा ने स्वयं बच्चों के बीच रहकर उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित किया और कहा कि “बचपन से ही बच्चों में आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता पैदा कर हम एक जिम्मेदार और सुरक्षित समाज की नींव रख सकते हैं. यह गेम तकनीक आधारित शिक्षा की दिशा में एक प्रेरक कदम है जो बच्चों को न केवल आपदाओं से बचाव की जानकारी देगा, बल्कि उनमें संवेदनशीलता, जिम्मेदारी और सामाजिक सहभागिता की भावना भी विकसित करेगा.”इस अवसर पर प्राधिकरण के सदस्य पी.एन. राय,नरेंद्र कुमार सिंह, प्रकाश कुमार तथा अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहे. सभी ने बच्चों के अनुभव साझा किए और गेम को और अधिक प्रभावशाली बनाने हेतु दिशा-निर्देश भी दिए.

यह पहल मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत की जा रही उस दूरदर्शी योजना का हिस्सा है, जिसके माध्यम से राज्य के 70,000 विद्यालयों में इस गेम को लागू कर बच्चों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह गेम मोबाइल और कंप्यूटर दोनों माध्यमों पर उपलब्ध रहेगा, जिससे अधिक से अधिक बच्चे लाभान्वित हो सकें.कडक

प्राधिकरण लगातार नई तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, मल्टीमीडिया मॉडल्स, फिल्म, ऑडियो जिंगल्स, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहा है. CDAC और BSNL के सहयोग से SMS और ऑडियो संदेशों के द्वारा भी लोगों को आपदाओं से बचाव की जानकारी दी जा रही है.
यह आयोजन इस दिशा में एक सार्थक कदम है, जो यह संकेत देता है कि कैसे नवाचार, तकनीक और बच्चों की जिज्ञासा को मिलाकर हम आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं.
