‘राष्ट्रीय विमर्श से निकलेगा समस्याओं का समाधान’

By Amit Verma Apr 10, 2017
चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह की शुरुआत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन
राष्ट्रीय विमर्श के साथ ही सम्राट अशोक कन्वेंशन सेन्टर का उद्घाटन
शराबबंदी के बाद दहेज प्रथा औऱ बाल विवाह पर भी करेंगे प्रहार

 




मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के अवसर पर पटना के ज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय विमर्श का उद्घाटन किया. इस अवसर पर गोपाल कृष्ण गांधी, मेधा पाटकर और रजी अहमद समेत कई गांधीवादी विचारक भी मौजूद थे.

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह का पूरे आजादी के इतिहास में विशिष्ट योगदान है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के माहौल में गांधी जी के विचारों के लोग एक जगह हों और सार्थक विचार करें तो इस विमर्श से जो निष्कर्ष निकलेगा, वह देश एवं दुनिया के लिये काफी लाभदायक होगा. उन्होंने कहा कि गांधी जी ने जो कुछ कहा है, मैं उस पर अमल करने की कोशिश करता हूं. मेरा मार्गदर्शक सिद्धांत गॉधी जी का सिद्धांत ही रहा है. हमने शुरू से न्याय के साथ विकास पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि समाज के सभी तबके के लोगों की भलाई के लिये कार्य किया गया है. नारी सशक्तिकरण की दिशा में भी काफी काम हुआ है. इसका लाभ भी दिखाई पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिहार में एक बहुत बड़ा कार्य हुआ है. समाज में एक बहुत बड़ी बुराई व्याप्त थी शराब के सेवन की. महिलाओं की मांग पर मैंने शराबबंदी लागू की लेकिन शराबबंदी सफलतापूर्वक लागू रखने के लिये जन चेतना जरूरी है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद लोगों की माली हालत में सुधार आया है. लोगों का जो पैसा बच रहा है, उसको वे खान-पान, कपड़ों पर खर्च कर रहे हैं. शराबबंदी से अपराध में भी कमी आयी है.

शराबबंदी के बाद अब दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ चलेगा अभियान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के बाद नशामुक्ति के साथ- साथ दहेज प्रथा एवं बाल विवाह पर भी अभियान चलाया जायेगा.  उन्होंने कहा कि बिहार में महात्मा गांधी जहां-जहां गये थे, उन जगहों पर स्मृति यात्रा का आयोजन होगा. 17 अप्रैल 2017 को पटना में देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों को हम सम्मानित करने जा रहे हैं. इस आयोजन में भाग लेने के लिये राष्ट्रपति एवं केन्द्रीय गृह मंत्री ने अपनी सहमति दे दी है. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि चत्पारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह में हमारा मुख्य उद्देश्य है गांधी जी के विचारों से सबको अवगत कराना.

राष्ट्रीय विमर्श के साथ हुआ कन्वेंशन सेन्टर का उद्घाटन

उन्होंने कहा कि आज जहां हम उपस्थित हैं, यह सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र है और उसी में विज्ञान भवन की तरह ज्ञान भवन बना है. उन्होंने कहा कि हमने शुरू में ही कहा था कि ज्ञान भवन का कोई उद्घाटन कार्यक्रम नहीं होगा. राष्ट्रीय विमर्श से ही इसका उद्घाटन होगा क्योंकि ज्ञान का मतलब है, विचारों को धरती पर उतारना.

राष्ट्रीय विमर्श से निकलेगा कई समस्याओं का समाधान

सीएम ने कहा कि आज के समय में राष्ट्रीय विमर्श का आयोजन बहुत महत्वपूर्ण है. इससे जो नतीजा निकलेगा, उन नतीजों को हमलोग पुस्तक की शक्ल में प्रकाशित करेंगे. नतीजों से लोगों को अवगत करायेंगे. आप एजेंडा सेट करें कि देश को कैसे आगे ले जाना है. उन्होंने कहा कि सिर्फ प्रतिक्रिया व्यक्त करने से समस्याओं का समाधान नहीं होगा बल्कि आप लोगों को यह बतायें कि आपको क्या विकल्प नजर आता है. लोगों के सामने सारी चीजें रख दें. उन्होंने कहा कि इस विमर्श का जो भी नतीजा निकलेगा, वह बहुत सार्थक होगा और देश के लिये उपयोगी होगा.

इस अवसर पर न्यायमूर्ति चन्द्रशेखर धर्माधिकारी, गोपाल कृष्ण गांधी, डॉ रजी अहमद, मेधा पाटेकर, सच्चिदानंद सिंह, न्यायमूर्ति राजेन्द्र सच्चर, प्रेरणा देसाई ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम में डॉ एसएन सुब्बाराव द्वारा एक गीत प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता, कला, संस्कृति मंत्री शिवचन्द्र राम, विधायकगण, विधान पार्षदगण, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव शिक्षा आरके महाजन, प्रधान सचिव भवन निर्माण अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

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