मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे शिक्षकों का हंगामा

By Amit Verma Apr 8, 2017

तीनों केंद्रों पर मूल्यांकन शुरू, बहिष्कार कर रहे शिक्षकों ने किया हंगामा
बिहार हो या राजस्थान सबको वेतन एक समान के लगाए नारे




एमवी कॉलेज गेट पर प्रदर्शन करते शिक्षक

बक्सर में सरकार के कड़े रुख के बाद शनिवार को वेतनभोगी शिक्षकों ने खुद को मूल्यांकन बहिष्कार से अलग कर लिया. बक्सर जिला मुख्यालय के तीन मूल्यांकन केंद्रों एमवी कॉलेज बक्सर, भूमिहार-ब्राह्मण महाविद्यालय बक्सर व एमपी हाई स्कूल में शनिवार को मूल्यांकन शुरू हो गया. हालांकि, मूल्यांकन शुरू कराने के लिए जिला प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. डीईओ श्रीकृष्ण सिंह, सदर एसडीओ गौतम कुमार व सदर डीएसपी शैशव यादव दल बल के साथ शिक्षकों से मूल्यांकन शुरू कराने में जुटे रहे. किसी तरह मान-मनौवल के बाद सबसे पहले बीबी हाई स्कूल में मूल्यांकन के लिए वेतनभोगी नियोजित शिक्षकों को सेंटर तक अंदर दाखिल करने में कामयाब रहे. शासन-प्रशासन के डर या दबाव से नियोजित शिक्षक मूल्यांकन के लिए सेंटर में प्रवेश तो कर गए. लेकिन, इस निर्णय से वित्त रहित शिक्षकों में आक्रोश पनप गया. आक्रोशित शिक्षक नारेबाजी करते हुए मूल्यांकन केंद्रों पर बवाल करना शुरु कर दिये. सेंटर के अंदर गए शिक्षकों के लिए उनका मूल्यांकन करने का निर्णय गले की फांस बन गया. अब वे अंदर संख्याबल कम होने के कारण ना तो मूल्यांकन कर पा रहे थे. और ना ही सेंटर से बाहर निकल पा रहे थे. बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के दबाव में मूल्यांकन कार्य शुरू किया गया. एमवी कॉलेज के सेंटर के बाहर इसको लेकर जमकर हंगामा हुआ.
हंगामा बढ़ा तो बुलानी पड़ी पुलिस

एमवी कॉलेज में हंगामे के बाद पहुंचे पुलिसकर्मी

बक्सर के एमवी कॉलेज मूल्यांकन केंद्र पर कॉपियों के मूल्यांकन के लिए कुल 28 शिक्षक अंदर दाखिल हुए थे. जिनमे 8 हेड एग्जामिनर व 20 परीक्षक शामिल थे. मूल्यांकन शुरू हो चुका था. इस बात की सूचना वित्त रहित शिक्षकों को होते ही सभी आंदोलनकारी शिक्षक एमवी कॉलेज पहुंच गए. यहां जमकर हंगामा हुआ. बढ़ते बवाल को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल बुला लिया. करीब आधा घंटे तक जमकर बवाल हुआ. प्रदर्शन कर रहे शिक्षक बिहार हो या राजस्थान सबको वेतन एक समान, चट्टानी एकता जिंदाबाद, शिक्षक संघ जिंदाबाद, हमारी मांगे पूरी करो, नीतीश कुमार होश में आओ, दमनात्मक कार्रवाई बंद करो आदि के नारे लगा रहे थे.

जारी रहेगा बहिष्कार
बता दें कि अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर वित्तरहित शिक्षाकर्मी आंदोलन कर रहे हैं, किन्तु राज्य सरकार किसी तरह का समझौता करने के बजाय आंदोलनकारियों पर दमनात्मक कारवाई करने के मूड में है. मौके पर प्रो महेश दत्त ने बताया कि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन के बाद अब मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने हड़ताली शिक्षकों उपद्रवी तत्व करार देते हुए उनपर  एफआईआर दर्ज कर सख्त कारवाई करने के निर्देश दिए हैं और मूल्यांकन सीबीएसई के शिक्षकों से कराने का निर्णय लिया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.  लेकिन शिक्षक भी सरकार की धमकी से घुटने टेकने को तैयार नहीं हैं. प्राथमिक से लेकर प्लस टू तक के कई शिक्षक संघ का भी इस आंदोलन में भरपूर सहयोग मिल रहा है. मूल्यांकन का बहिष्कार जारी रहेगा.

बक्सर से ऋतुराज

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