कमाल है! यंत्र दिया नहीं और अपलोड कर दी बिक्री रसीद

By Amit Verma Mar 5, 2017

कृषि समन्वयक के जांच के बाद हुआ खुलासा

D.A.O. ने कहा-  पुराने यंत्र का सत्यापन नहीं किया तो खैर नहीं




एक दिवसीय बैठक में शामिल कृषि मशीनरी, आत्माकर्मी तथा डीलर

बक्सर जिले में किसानों को कृषि यंत्र दिए बगैर रसीद काटने और उसे सत्यापन कर पैसे भुगतान कराने के उद्देश्य से पोर्टल पर अपलोड करने का मामला प्रकाश में आया है. यह खुलासा नावानगर प्रखंड के कृषि समन्वयक द्वारा किये गए जांच के बाद हुआ. बताया जा रहा है कि नावानगर के कृषि यांत्रिकरण का डीलर कई किसानों के नाम से यंत्रों का रसीद काट दिया है. लेकिन, जब समन्वयक ने स्थलीय निरीक्षण किया तो पता चला कि संबंधित किसानों के यहां यंत्र ही नहीं हैं.

NIC द्वारा विकसित कृषि यांत्रिकीकरण पोर्टल के अनुश्रवण के दौरान इस मामले की जानकारी जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह को दी गयी. कृषि समन्वयक ने बताया कि किसानों को यंत्र दिये बिना सम्बंधित यंत्र का विपत्र अपलोड कर दिया गया है. कहा कि किसान के घर यंत्र का सत्यापन के क्रम से ज्ञात हुआ कि उन्हें यंत्र नहीं दिए गए हैं. जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि ऐसे बिक्रेताओं को चिन्हित कर कार्रवाई की जायेगी. अनुश्रवण की बैठक रविवार को ई किसान भवन में आयोजित की गयी थी. उन्होंने कहा कि विभाग किसी भी कीमत पर यंत्रों में किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी से समझौता नहीं करेगा तथा इस कृत्य में संलिप्त डीलरों को काली सूची में डाल दिया जायेगा. इस बाबत सभी डीलरों को आदेश दिया कि चालान, भंडारपंजी तथा विपत्र का क्रमांक का सत्यापन कर उसकी छायाप्रति कार्यालय में उपलब्ध करा दें.

क्या है यन्त्र लेने की प्रक्रिया

कृषि यंत्र लेने के लिए किसानों को विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. आवेदन पर कृषि समन्वयक, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, और जिला कृषि पदाधिकारी के सत्यापन और स्वीकृति के बाद विक्रेता के पास मैसेज चला जाता है. तब किसान यंत्र खरीदते हैं. यंत्र की रसीद विभाग कि वेबसाइट पर दुकानदार द्वारा अपलोड किये जाने के बाद विभाग से सब्सिडी की राशि भेजी जाती है.

भ्रष्टाचार रोकने को व्हाट्सएप्प से निगरानी

बैठक में समीक्षा के दौरान रविवार के प्रतिवेदन अनुसार ब्रह्मपुर-3, बक्सर-1, चक्की-1, चैगाई-2, चौसा -13, डुमराॅंव-19, इटाढ़ी-08, केसठ-2, नावानगर-14, राजपुर-08 तथा सिमरी में 02 यंत्रों के सत्यापन नहीं होने पर डीएओ ने कहा कि वित्तीय वर्ष समाप्ति पर है. इसलिए प्रतिदिन विभागीय वाट्सएप पर किसानों द्वारा यंत्रों हेतु आॅनलाइन आवेदन का प्रतिवेदन भेजा जा रहा है. जिसे त्वरित गति से सत्यापन कर अपलोड करने की जवाबदेही सम्बंधित BAO तथा कृषि समन्वयक की होगी. इसमें लापरवाही बरतने वाले सम्बंधित कर्मियों पर गाज गिरनी तय है. उन्होंने कहा कि पूर्व में निर्गत यांत्रिकरण के सभी स्वीकृति आदेश 31 मार्च तक स्वतः रद्द समझे जायेंगे.

 

रिपोर्ट- बक्सर से ऋतुराज

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