घोटालों की श्रृंखला में पेश है एक नया घोटाला: मिट्टी घोटाला

By Amit Verma Apr 4, 2017

बिहार में वैसे तो कई घोटाले हुए. अलकतरा घोटाला, चारा घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला,  बाढ़ राहत घोटाला इत्यादि इत्यादि.. लेकिन उन सभी घोटालों में ऐतिहासिक रहा चारा घोटाला. अब बिहार में एक और घोटाला चर्चा में है.. मिट्टी घोटाला.




चारा और मिट्टी में एक बात जो समान है… वो हैं लालू यादव. चारा घोटाले में तो उन्हें सजा हो ही चुकी है. अब बीजेपी नेता सुशील मोदी ने लालू पर 90 लाख के मिट्टी घोटाला का आरोप लगाया है. मोदी का आरोप है कि यह घोटाला लालू यादव के बेटे तेजप्रताप यादव के जरिए किया गया है. सुशील मोदी ने आज इस संबंध में मीडिया के सामने दस्तावेज भी पेश किए.

पटना के सगुना मोड़ के पास एक शॉपिंग मॉल का निर्माण हो रहा है. सुशील मोदी के मुताबिक, इस जमीन के मालिक जिस डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड से हैं, उसके तीन डायरेक्टर में लालू यादव के दोनों बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी के साथ बेटी चंदा यादव भी हैं. इस जमीन पर निर्माण का काम जिस कंपनी को दिया गया है उसके मालिक भी राष्ट्रीय जनता दल के एक विधायक अबू दोज़ना हैं. इसी मॉल में अंडरग्राउंड दो लेवल की पार्किंग है जिससे निकली मिट्टी को पटना जू में लगाया गया. पटना जू में मिट्टी का काम करीब 90 लाख का हुआ. हालांकि मोदी इस बात के सबूत नहीं दे पाए कि पटना जू में जो मिट्टी लाई गई, वह उसी निर्माणाधीन मॉल से निकली मिट्टी है. बता दें कि पटना जू वन एवं पर्यावरण विभाग के तहत आता है, जिसके मंत्री लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव हैं.

बीजेपी नेता सुशील मोदी ने दावा किया है कि पटना जू निदेशक ने बिना टेंडर के ये काम वीरेंदर यादव को दे दिया, जो लालू यादव के करीबी हैं. हालांकि पटना जू के निदेशक नंदकिशोर ने ये माना है कि उन्होंने यह काम बिना किसी टेंडर के दिया है, लेकिन उसके लिए उनका दावा है कि यह करने के लिए विभाग सक्षम है.

अब सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है और साथ-साथ तेजप्रताप यादव को बर्खास्त करने की भी मांग की है.

वन विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि मिट्टी का काम जिस तरीके से रातभर पटना जू में किया जा रहा है वह न केवल नियमों को ताक पर रखा कर किया जा रहा है बल्कि इस पूरे काम में कुछ भी पारदर्शी नहीं है.

इस मामले में लालू यादव ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इधर सुशील मोदी ने कई और सवाल खड़े किए हैं कि क्या कोई निदेशक 90 लाख का काम बिना टेंडर के करा सकता है. दूसरी तरफ लालू यादव के करीबियों को ही ठेके क्यों दिए गए. इन सबके बीच बिहार में मिट्टी घोटाले को लेकर सियासी पारा एक बार फिर गर्मा गया है. और सबकी निगाहें एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कृुमार पर हैं.

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