पटना में रक्षाबंधन का दिखा उल्लास

भाई और बहन का रिश्ता मीठा और मखमल की तरह मुलायम होता है। रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के इसी पावन रिश्ते को समर्पित होता है । इसी त्योहार पर इस रिश्ते की मोहक अनुभूति को सघनता से अभिव्यक्त किया जाता है।राजधानी पटना में भी रक्षाबंधन का उल्लास दिखा.छोटे-बड़े युवा सभी के कलाइयों में राखियाँ चमक रही थी तो ललाट पर तिलक.RAKHI 2

रक्षाबंधन के शुभ पर्व पर बहनें अपने भाई से यह वचन चाहती हैं कि आने वाले दिनों में किसी बहन के तन से वस्त्र न खींचा जाए फिर कोई बहन दहेज के लिए जलाई ना जाए, फिर किसी बहन का अपहरण ना हो, फिर किसी बहन के चेहरे पर तेजाब न फेंका जाए और … कोई बहन पेड़ पर न लटकाई जाए, कोई बहन सरे राह नग्न न फेंकी जाए… और फिर कोई बहन ‘खाप’ के फैसले से भाई के ही हाथों मारी ना जाए।RAKHI 1




यह त्योहार तभी सही मायनों में खूबसूरत होगा जब बहन का सम्मान और भाई का चरित्र दोनों कायम रहे। यह रेशमी धागा सिर्फ धागा नहीं है। राखी की इस महीन डोरी में विश्वास, सहारा और प्यार गुंथा हैं और कलाई पर बंंधकर यह डोरी प्रतिदान में भी यही तीन अनुभूतियां चाहती हैं। पैसा, उपहार, आभूषण, कपड़े तो कभी भी, किसी भी समय लिए-दिए जा सकते हैं लेकिन इन तीन मनोभावों के लेन-देन का तो यही एक पर्व है – रक्षाबंधन!