क्यों नहीं सुधर रहा आरा सदर अस्पताल

आरा, विकास कुमार एवं धन्नू कुमार नाम के ये दोनों युवक अपने गांव तेनुआ (भोजपुर)से गैस सिलिंडर लेने आ रहे थे रास्ते में धमार हाई स्कूल के पास बारिश और फिसलन के चलते उनका एक्सीडेंट हो गया और वे बुरी तरह से घायल हो गए.

जल्दीबाज़ी में उन्हें आरा सदर अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में लाया गया जहाँ सिर में अंदरूनी चोट के कारण दोनों काफी देर तक बेहोश पड़े रहे. डॉक्टरों के द्वारा उन्हें बाहर से CT स्कैन करने की सलाह दी गई क्योंकि अस्पताल की CT स्कैन मशीन काफी दिनों से खराब पड़ी है. रोगी को लेकर उनके परिजन इधर उधर एक जांच घर से दूसरे जांच घर भटकते रहे. अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में बिस्तर-कम्बल तक की व्यवस्था नही है. अंतिम समाचार मिलने तक दोनों घायल युवकों की स्थिति काफी नाज़ुक बताई जा रही है.




जहां एक तरफ बिहार सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों के बेहतरी की बात बताई जाती है वही धरातल पर सभी बातें जुमला साबित हो रही हैं. सदर अस्पताल में कोरोना को लेकर बिल्कुल भी किसी प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है जबकि जिले में कोरोना के मामलों में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है. अस्पताल के डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मी बिना पी पी ई किट के ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

पटना नाउ ब्यूरो

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