शिक्षक संघ ने दी आन्दोलन तेज करने की चेतावनी

पटना।। राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों के अनियमित निरीक्षण एवं पदाधिकारियों द्वारा मानमाना आदेश दिये जाने पर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजनन्दन शर्मा, कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज कुमार, वरीय उपाध्यक्ष नूनूमणि सिंह, राम अवतार पाण्डेय, उपाध्यक्ष घनश्याम प्रसाद यादव एवं महासचिव नागेन्द्र नाथ शर्मा ने कहा कि राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा व्यापक पैमाने पर विद्यालयों का निरीक्षण करवाया जा रहा है जो प्रशंसनीय है, परन्तु निरीक्षण के क्रम में इस बात का ख्याल नहीं रखा जा रहा है कि निरीक्षणकर्ता किस स्तर के पदाधिकारी हैं. कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि काफी नीचे के स्तर के लोगों (यथा टोला सेवक, तालिमी मरकज, साधनसेवी, प्रधानमंत्री पोषण योजना, विकास मित्र, पंचायत सचिव आदि) द्वारा प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक तक के विद्यालयों का निरीक्षण कराया जा रहा है जो शिक्षकों को अपमानित करने वाला कदम है. किसी भी राज्य अथवा देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार शिक्षकों को अपमानित करके नहीं किया जा सकता है बल्कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु शिक्षकों को सम्मानित / प्रोत्साहित महादेव मिश्र किया जाना आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों द्वारा अनाप शनाप आदेश निर्गत हो रहा है जिसके कारण शिक्षा विभाग में अराजकता की स्थिति उत्पन्न होने से इन्कार नहीं किया जा सकता जैसे जब राज्य सरकार ने अपने महिला कर्मियों को माह में दो दिन विशेष अवकाश की सुविधा दे रखी है तो शिक्षा विभाग के माननीय अपर उपाध्यक्ष मुख्य सचिव के आदेश पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), वैशाली के द्वारा उक्त छुट्टी को रद्द कर एक दिन के वेतन काटने का आदेश दिया गया है जो राज्य सरकार के आदेश का उलंघन्न है. साथ ही विद्यालय अवधि के पश्चात (04:00 बजे अपराह्न से महासचिव 06:00 बजे अपराह्न तक) प्रारंभिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को संकुल / चिन्हित विद्यालय में बुलाकर विडियों कॉन्फ्रेसिंग में शामिल होने का आदेश दिया गया है जो उनके साथ घोर अन्याय है. सुदूर क्षेत्रों में कहीं-कहीं 10-10 किलोमीटर प्रधानाध्यापकों उपमहासचिव को विडियो कॉन्फ्रेसिंग में शामिल होने के लिए जाना पड़ रहा है जिसमें शिक्षकों को विशेष कर शिक्षिकाओं को काफी परेशानी हो रही है और उनकी सुरक्षा की भी समस्या उत्पन्न हो गयी है.




आन्दोलन तेज करने की चेतावनी

शिक्षक नेताओं ने कहा कि संगठन द्वारा मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और मुख्य सचिव, बिहार सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि अपने स्तर से पहल कर शिक्षा विभाग में उत्पन्न इस अराजकता की स्थिति कोषाध्यक्ष एवं नियम विरूद्ध कार्य पर रोक लगाते हुए शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में निर्धारित मानक के अनुरूप सक्षम पदाधिकारियों द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण करने का आदेश दिया जाय. एक तरफ जहाँ राज्य के शिक्षक स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा, पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की माँग को लेकर आंदोलित है सरकार उनसे वार्ता करने में टाल-मटोल की नीति अपना रही है वही दूसरी ओर तरह-तरह के तुगलकी फरमान जारी किया जा रहा है जिससे बाध्य होकर शिक्षक आन्दोलन को और तेज करने को विवश होंगे. आंदोलन के कारण उत्पन्न स्थिति के लिए सरकार खुद जिम्मेवार होगी.

By dnv md

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