डेटा इन्ट्री ऑपरेटर का सांकेतिक विरोध जारी




काला बिल्ला लगाकर पूरी की ड्यूटी

विभागीय सेवा समायोजन की सरकार से कर रहे मांग

ग्यारह नवंबर तक पूरे बिहार में चलेगा विरोध

राज्य में 25 हजार डेटा इन्ट्री ऑपरेटर हैं कार्यरत

संजय मिश्र,दरभंगा

भविष्य को लेकर चिंतित राज्य भर के डेटा इन्ट्री ऑपरेटर कर्तव्य पथ पर निष्ठा के साथ लगे हैं. आस है कि दूसरे कर्मियों की पुकार सुनने वाली राज्य सरकार उनकी वेदना सुनेगी. दिन फिरेंगे. मंगलवार 07 नवम्बर 2023 को दरभंगा सहित 38 जिलों के डेटा इन्ट्री ऑपरेटर, आशुलिपिक, आई.टी बॉयज एंड गर्ल्स ने काला बिल्ला लगाकर अपने कार्यालयों में आम दिनों की तरह काम किया.

ये कर्मी बेल्ट्रॉन के जरिए सेवा में आए. इनकी संख्या 25 हजार से अधिक है. विभागीय सेवा समायोजन की एक सूत्री मांग पर जोर देने के वास्ते बिहार राज्य डेटा इन्ट्री ऑपरेटर संघ के आवाह्न पर अन्य जिलों की तरह दरभंगा जिले के ये कर्मी सोमवार से काला बिल्ला लगाकर काम कर रहे हैं. शनिवार तक वे विक्षोभ जताएंगे .. लेकिन ड्यूटी में कोई शिथिलता नहीं बरतने का भरोसा दे रहे. मकसद है शांतिपूर्ण तरीके से विभागीय सेवा समायोजन की मांग पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करना.असल में इनका राज्य स्तरीय विरोध बिहार राज्य डेटा इन्ट्री ऑपरेटर संघ के आवाह्न पर रविवार को शुरू हुआ जिस दिन राज्य के सभी 38 जिलों में इनने धरना दिया. दरभंगा के पोलो ग्राउंड में ये आयोजन हुआ जिसमें संघ नेताओं ने चरणबद्ध आंदोलन का संकल्प लिया.

जिला अध्यक्ष जयप्रकाश मेहता ने कहा है कि राज्य संघ के आवाह्न पर सभी डेटा इन्ट्री ऑपरेटर 11 नवम्बर तक काला बिल्ला लगाकर काम पर रहेंगे. सरकार कोई सकारात्मक बात चीत या पहल नहीं करती है, तो 28 एवं 29 नवम्बर को तमाम जिलों में सभी विभागों/संस्थाओं में कार्यरत डेटा एंट्री ऑपरेटर दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल करेंगे.

उन्होंने कहा कि हम भी सरकार के एक अंग हैं. सरकारी कार्यालय में कार्य करने के बावजूद इस तरह का भेदभाव संवेदनहीनता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार विभागीय सेवा समायोजन पर सकारात्मक रुख अपनाए ताकि इन कर्मियों का भविष्य उज्ज्वल हो सके. उन्होंने याद दिलाया कि विगत 25 वर्षो से बेल्ट्रान के माध्यम से सूबे में सचिवालय से लेकर जिला व प्रखण्ड स्तर पर डेटा इंट्री ऑपरेटर कार्य कर रहे हैं. सरकार के महत्वपूर्ण कार्य में वे दत्त चित हैं. सरकार को याद रखना चाहिए कि महंगाई की मार के बीच परिवार का भरणपोषण कितना कठिन है. काम अधिक है, लेकिन मानदेय बहुत कम.

जिला सचिव सुनील कुमार ने बताया कि बेल्ट्रॉन के माध्यम से बहाल ऐसे कर्मी लगातार संघर्ष करते हुए सरकार का ध्यान आकृष्ट करने में लगे हुए हैं, ताकि राज्य में लगभग 25 हजार से ज्यादा कार्यरत डेटा इन्ट्री ऑपरेटर का कल्याण हो सके. वहीं मीडिया प्रभारी मनीष कुमार आनन्द ने कहा कि 20 सालों से ऊपर काम करने के बावजूद डेटा इन्ट्री ऑपरेटर का कोई गुलाबी भविष्य दिखाई नहीं दे रहा.काला बिल्ला लगाकर कर काम करने वालों में जय प्रकाश महेता, सुनील कुमार, मनीष कुमार आनन्द, विभा कुमारी, आयुषी प्रियदर्शी, लोकेश कुमार झा, जटाशंकर आदि शामिल हैं.