सिने स्टार राजपाल यादव ने किया शाम के सत्र का उद्घाटन

रंग-यात्रा के बाद कलाकारों ने किया काकोरी के शहीदों को नमन
सिने स्टार राजपाल यादव ने किया शाम के सत्र का उद्घाटन




UP के शाहजहाँपुर में आयोजित रंग महोत्सव के अंतिम दिन देश के कोने कोने से आये कलाकारों द्वारा विशाल रंग-जुलूस निकाला गया. यह रंग यात्रा शहर के अग्रसेन भवन से होते हुए शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए नगर पालिका के पास स्थित गांधी भवन प्रेक्षागृह के पास समाप्त हुआ. इस विशाल रंग-जुलूस में देशभर से आयी 27 नाट्य दलों ने भाग लिया. समापन से पूर्व सभी नाट्य दलों के दल नायक ने नगर पालिका स्थित देश के वीर सपूतों, पंडित राम प्रसाद विस्मिल, असफाक उल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह के नगरपालिका स्थित मूर्तियों पर माल्यार्पण कर किया.

यह रंग-जुलूस हर वर्ष काकोरी कांड के लिए शहादत देने वाले इन वीर सपूतों को समर्पित होता है. बताते चलें के देश के लिए सूली पर चढ़ने वाले ये तीनो वीर शाहजहाँपुर के ही वासी थे. शाहजहाँपुर देश का इकलौता जगह है जहाँ देश के लिए तीन-तीन वीर सपूत शाहिद हो गए. इसी शहर में ही सरोद वाद्य यंत्र का अविष्कार हुआ था. तीसरे दिन यानि 18 दिसम्बर को 8 नाटकों का मंचन हुआ जिसमें अंधायुग, कंजूस, बिन दिप के बाती, रश्मि-रथी जैसे नाटक शामिल हुए. शाम में पुरस्कार वितरण से पूर्व कार्यक्रम का उदघाटन मशहूर सीने-स्टार राजपाल यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में किया.

सिने अभिनेता शाहजहाँपुर के ही रहने वाले हैं. शाम के सत्र का शुभारम्भ घूमर नृत्य से हुआ. जिसे शीतल त्यागी त्यागी और उनके साथी ने प्रस्तुत किया. सोनी टीवी पर आने वाले ‘सबसे बड़ा कलाकार’ का विनर वीरेंद्र त्यागी की माँ है शीतल त्यागी. माँ और बेटे दोनों को जब मंच पर बुला कर उनका परिचय दिया गया तो लोगों की तालियां आश्चर्य से थमने का नाम नही ले रही थीं. दोनों कलाकार शाहजहाँपुर के ही हैं. बताते चलें कि अभी वर्तमान में लगभग 100 कलाकार इस धरती के ऐसे हैं जो मुम्बई जैसे महानगर में विभिन्न क्षेत्रों में डटे हुए हैं.
यह वही घूमर नृत्य था जिसने कुछ दिनों पहले देश मे हंगामा मचा रखा था. समाचार लिखे जाने तक पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम चालू था.

शाहजहाँपुर से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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