मानव श्रृंखला को हाईकोर्ट से झटका

By Nikhil Jan 16, 2018

नीतीश कुमार की मानव श्रृंखला को हाईकोर्ट से बड़ा झटका




पटना हाईकोर्ट में आज मंगलवार को नीतीश कुमार की योजना मानव श्रृंखला पर सुनवाई की है. पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान नीतीश सरकार को निर्देश दिया है कि बिना अभिभावक बच्चे मानव श्रृंखला में भाग नहीं लेंगे. इसके साथ ही बच्चों के शामिल होने के लिए उनके पैरेंट्स की इजाजत भी जरूरी होगी. वहीं हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर बच्चे इस मानव श्रृंखला में शामिल नहीं होते हैं तो सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी.


बता दें कि आज मंगलवार को चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन एवं जस्टिस डॉ.अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने इस मसले पर सुनवाई की. याचिका नागरिक अधिकार मंच की ओर से अधिवक्ता रीतिका रानी ने हाईकोर्ट में दायर की थी. कोर्ट ने यह भी कहा है कि अब इस मामले में अगली सुनवाई 4 हफ्तों के बाद होगी.

मालूम हो कि याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा है कि बाल विवाह अधिनियम 1973 और दहेज उन्मूलन एक्ट 1961 का है. इसमें नया क्या है. इसे राजनीतिक लाभ के लिए नाहक नयी बात बनायी जा रही है. पिछले साल भी शराबबंदी कानून के समर्थन में मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया था. यह सब राजनीति के सिवा कुछ भी नहीं है जिसमें हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए.

याचिकाकर्ता का कहना है कि 11 जनवरी को शिक्षा विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी ने दहेज उन्मूलन और बाल विवाह के विरोध में बननेवाली मानव श्रृंखला में पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को छोड़कर शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं को इस आयोजन में शामिल होने के निर्देश दिए. 21 जनवरी के इस आयोजन में बच्चों को लाने एवं उन्हें घर पहुंचाने की जिम्मेदारी शिक्षकों की होगी. इस कार्य के लिए शिक्षकों को वजीफा दिया जाएगा.

याचिकाकर्ता ने पूछा है कि इस कड़ाके की सर्दीे में बच्चों को घर से निकलने के लिए कैसे बाध्य किया जा सकता है. छात्र-छात्राओं को नये सत्र के लिए किताबें नहीं दी गई हैं. इन्हें गर्म कपड़े भी नहीं दिये गये हैं. शिक्षकों से पठन पाठन के अलावा अन्य कार्य लिया जाना भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है. इसी पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट से नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगा है.

(ब्यूरो रिपोर्ट)

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