‘बिजली दर में वृद्धि से आम उपभोक्ता के साथ उद्योगों का भी नुकसान’

By Amit Verma Feb 20, 2017

विनियामक आयोग के समक्ष विद्युत दर में भारी वृद्धि के प्रस्ताव से आमलोगों के साथ ही उद्योग जगत को भी भारी झटका लगेगा। उक्त बातें बिहार विधान सभा में विरोधी दल के मुख्य सचेतक अरूण कुमार सिन्हा ने कहा. अरुण सिन्हा ने कहा कि बिजली कंपनियों की नाकामी का भार सरकार द्वारा उपभोक्ताओं पर डालने की साजिष की जा रही है जिसका असर सबसे ज्यादा उद्योगों पर पड़ेगा.


अरुण सिन्हा ने कहा कि बिना मीटर वाले कुटीर ज्योति श्रेणी के उपभोक्ताओं पर मासिक शुल्क 60 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये करने जो 583 फीसद की वृद्धि होगी वहीं सभी श्रेणी के शहरी और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए वर्त्तमान युनिट दर पर 250 फीसद से 186 फीसद तक वृद्धि का प्रस्ताव है. अरुण सिन्हा ने कहा कि चार रुपये यूनिट बिजली खरीदकर कंपनियाँ सात रुपये बेचती है फिर भी घाटा कैसे लग रहा है जो प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से अब तक बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने संचरण एवं वितरण हानि को दो फीसदी प्रतिवर्ष घटाने के लिए विद्युत कंपनियों को लक्ष्य दिया था. यदि लक्ष्य हासिल हो जाता तो संचरण एवं वितरण हानि 40 फीसद से घटकर 18 फीसद हो जाती, साथ ही बिजली दर में भी 20 फीसद की कमी आ जाती, लेकिन अब 40 की जगह संचरण एवं वितरण हानि 46 फीसद हो गई जो विद्युत कंपनियों के कार्य करने में लापरवाही को दर्शाता है. बिजली चोरी रोकने के नाकामी के लिए इसका भार वास्तविक उपभोक्ताओं पर डालने की साजिश की जा रही है जो न्यायोचित नहीं है.




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