‘गंगा की डॉल्फिन को बचाना है तो उठाने होंगे कड़े क़दम’ 

By Amit Verma Feb 20, 2017

सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार (CUSB) के सेमिनार में ‘करेंट ट्रेंड्स इन लाइफ साइंस’ पर चर्चा

डॉल्फिन संरक्षण के लिए बने कड़े कानून- पद्मश्री प्रो. आर के सिन्हा 




अगर गंगा नदी में डॉल्फिन की प्रजाति को विलुप्त होने से बचाना है तो सरकार को इसके लिए कड़े क़दम उठाने होंगे ताकि इन जीवों का गैरकानूनी रूप से शिकार न हो .  अगर कड़े कानून नहीं होंगे तो हो सकता है कि अन्य दुर्लभ प्रजातियों की तरह हमारे बीच से डॉल्फिन भी आने वाले समय में भारत से विलुप्त न हो जाएँ .  ये बातें पटना यूनिवर्सिटी के जंतु विज्ञान विभाग के प्राध्यापक पद्मश्री प्रोफेसर आर० के सिन्हा ने दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज के लाइफ साइंस प्रोग्राम द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में सोमवार को कही.

दो दिवसीय  राष्ट्रीय सेमिनार के पहले दिन  “डॉल्फिन मैन” के नाम से मशहूर प्रोफेसर सिन्हा ने कहा कि गंगा नदी में बढ़ता प्रदूषण डॉल्फिन के जीवन को काफी प्रभावित करता है और इसमें कई की जान भी चली जाती है .  लेकिन गंगा नदी के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों खासकर मछुवारों की अज्ञानता के कारण कई डॉल्फिनों की जान जाल में फँस कर हो जाती है .   वहीँ गंगा नदी में चलने वाली नावों से टकराकर या उनके शरीर के नाव के धारदार हिस्सों से टकराकर भी मौत हो जाती है . पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से प्रोफ़ेसर सिन्हा ने गंगा नदी में पाए जाने वाली डॉल्फिन प्रजाति के जीवन चक्र की चर्चा की और इस दुर्लभ प्रजाति के अस्तित्व की चुनौतियों पर प्रकाश डाला .   डॉल्फिन पर पिछले कई दशकों से शोध कर रहे प्रोफेसर सिन्हा ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक अनुमान के हिसाब से गंगा में अभी डॉल्फिन की संख्या 3607 हैं . प्रोफेसर सिन्हा के एक घंटे के व्याख्यान में सभागार में उपस्थित लोगों ने डॉल्फिन से जुड़े कई प्रश्न भी पूछे .

पटना के फुलवारीशरीफ में बामेती के सभागार में ‘करेंट ट्रेंड्स इन लाइफ साइंस’ शीर्षक पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में RMRIMS पटना के निदेशक डॉ० प्रदीप दास , विशिष्ठ अतिथि के रूप में पटना विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के पद्मश्री प्रोफेसर आर० के० सिन्हा एवं सीयूएसबी के प्रति कुलपति प्रोफेसर ओम प्रकाश राय, सीबीएस के विभागाध्य्क्ष एवं सेमिनार के संरक्षक डॉ० रिज़वानुल हक़, स्कूल ऑफ अर्थ, बायोलॉजिकल एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज के डीन प्रोफेसर रबिन्द्र सिंह राठौर एवं आयोजन सचिव लाइफ साइंस विभाग के सहायक प्राध्यापक एवं कोर्स समन्वयक डॉ० गौतम कुमार आदि मौजूद थे .

कार्यशाला में मंच संचाल सहायक प्राध्यापक एवं कार्यशाला की कोषाध्य्क्ष डॉ० अमृता श्रीवास्तव ने किया और उनका सहयोग सहायक प्राध्यापक तारा कशव ने दिया .  कार्यशाला के प्रथम दिन उद्घाटन सत्र के बाद जेएनयू (नई दिल्ली) के प्रोफेसर एस० गौरीनाथ, इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इन्सिटीट्यूट (नई दिल्ली) डॉ० सुबोध सिन्हा तथा डॉ० जी० अब्राहम एवं दिल्ली यूनिवर्सिटी डॉ० लैशराम सिंह आदि ने विभिन्न विषयों पर अपने व्याख्यान दिए .  वहीँ छात्र प्रतिभागियों ने पोस्टर प्रेजेंटेशन के माध्यम से समारोह स्थल में अपने शोधकार्यों की प्रदर्शित किया और अंत में इमर्जिंग साइंटिस्ट अवार्ड सत्र का आयोजन किया गया .

रिपोर्ट- फुलवारीशरीफ से अजीत

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