पिछले दरवाजे से बना रहे हैं री यूनियन!

By pnc Oct 26, 2016

भाजपा के साथ बिहार में फिर से तलाश रहे है गठबंधन का रास्ता!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख, कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ फिर से गठबंधन का रास्ता खोल दिया है. जदयू एक बार फिर से बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के लिए विकल्प तलाशने के लिए अपने कदम बढ़ाने के संकेत दे दिए है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साथ नीतीश के कथित तौर पर बढ़ रही दूरी को दरार के रूप में देखा जा रहा है. रविवार गार्जियन की रिपोर्ट की माने तो वरिष्ठ जद (यू) के नेता जो एक डॉक्टर है, दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर इस “रीयूनियन” के लिए एक रास्ता खोजने में लगे है.




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जेल से राजद नेता और सीवान दिग्गज शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद हाल ही में खटास आ गई है. जेल से बाहर आने के बाद, सजायाफ्ता अपराधी से राजनीतिज्ञ बने शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री “परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं”. लालू ने शहाबुद्दीन का समर्थन किया और के पूर्व के बयान के खिलाफ एक स्टैंड लेने से इनकार कर दिया था. अब शहाबुद्दीन के जेल जाने के बाद उसके समर्थक नाराज हो गए हैं.जिससे बिहार में स्थिति अब बेहतर नहीं रह गई है. सूत्र बताते है कि इस गठबंधन से नीतीश को लाभ न मिल कर उनकी जग हसाई हो रही है.

बिहार विधानसभा चुनाव के भाजपा को हराने के लिए नीतीश कुमार ने महागठबंधन राजद और कांग्रेस के साथ (ग्रांड गठबंधन) का गठन किया था. जब नीतीश कुमार, जद (यू) के नेता शरद यादव और हरिवंश के साथ जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी मनाने के लिए गठित 149 सदस्यीय समिति में शामिल किया गया तभी से ये बात सामने आने लगी थी कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. फिलहाल बिहार में भाजपा और जद (यू) के विधायकों की संयुक्त ताकत जो आवश्यक बहुमत से एक अधिक है 123 है.जब नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे में वह भविष्य में बीजेपी के साथ आखिर कैसे आ सकते हैं इस पर कयास लगाये जा रहे हैं.लोगों कि माने तो नीतीश कुमार बिहार की सत्ता अपने हाथों से नहीं जाने देना चाहते है लिहाजा वो कोई भी कदम उठा सकते है.

रिपोर्ट्स 

 

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