अनिल मुखर्जी नाट्योत्सव के पहले दिन मास्टर गनेसी राम का मंचन




16 से 20 तक आयोजित है अनिल कुमार मुखर्जी नाट्योत्सव

संवाद अदायगी से भी कलाकारों ने दर्शकों को किया रोमांचित

लोक कला और लोक रंगमंच को सुदृढ़ नाट्य साहित्य को समृद्ध करने का प्रयास

अनिल कुमार मुखर्जी शताब्दी समारोह नाट्योत्सव के पहले दिन रबिन्द्र भवन में कार्यक्रम  का उद्घाटन पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने किया. इस मौके पर  पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि अनिल कुमार मुखर्जी ने बिहार के नाट्य उद्भव के दौर में अपने नाटकों के जरिये एक आन्दोलन खड़ा करते हुएकठिन लगन के साथ काम किया. बिहार के रंगमंच के विकास में उनका नाम आदर के साथ लिया जाएगा आर के सिन्हा ने कहा कि चार दिवसीय आयोजन अनिल कुमार मुखर्जी के प्रति हम सबकी श्रद्धांजलि है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की संस्था रंग श्री अपने नाटकों, व्याख्यानों, परिसंवादों, प्रशिक्षण व कार्यशालाओं के माध्यम से जनमानस में साहित्यिक, सामाजिक, प्रशैक्षणिक, आर्थिक, स्वास्थ्य, आदि चेतना को जागृत करने का लगातार प्रयास करती रही है साथ ही अपनी प्रस्तुतियों से लोक कला और लोक रंगमंच को सुदृढ़ करने एवं लोक नाट्य साहित्य को समृद्ध करने का प्रयास करती रही है.

कार्यक्रम के पहले दिन मास्टर गनेशी राम नाटक का मंचन नई दिल्ली की संस्था ने किया. नाटक गनेसी राम में दिखाया गया है कि  ईमानदारी और सच्चाई में बहुत शक्ति होती है. पूरी भ्रष्ट व्यवस्था में अगर एक भी ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारी या अधिकारी हो तो वह बाकि दूसरों को सही रास्ते पर लाने के लिए बाध्य कर सकता है.नाटक के माध्यम से एक ईमानदार महिला शिक्षिका भ्रष्ट शिक्षकों के बीच स्कूल में जाती है और पूरी व्यवस्था को अकेले ही बदल कर रख देती है. लोग उसको अक्षम और चरित्रहीन घोषित करने का बहुत प्रयास करते हैं पर वे असफल हो जाते हैं. इस नाटक को देखने के बाद किसी भी ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारी, अधिकारी, लड़की या पुरुष का आत्मबल बढ़ेगा. चाहें व्यवस्था कितनी भी भ्रष्ट हो वह अकेले ही पुरी व्यवस्था हो ही नहीं, वरन पूरे समाज को बदल सकता है. वहीं नाटक गुरुदेव रबिन्द्र नाथ टैगोर के ‘एकला चलो रे‘ के मूल मंत्र को सिद्ध करता है.

 रंगश्री के प्रस्तुति भोजपुरी नाटक मास्टर गनेसी राम की भूमिका में महेंद्र प्रसाद सिंह ने अपने आंगिक और वाचिक अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. अखिलेश कुमार पाण्डेय- बुद्धिनाथ शिक्षक की भूमिका से लोगों में अमिट छाप छोड़ी. किरण अरोड़ा- शिक्षिका मिस लाली, कृति गनेसी राम के पत्नी के भूमिका में जबरदस्त अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कस्तम कुमार, कृति कुमारी गौरव प्रकाश और नेसी राम के पोते के रूप में  दिखे. प्रकाश एवं ध्वनि का संचालन गणेश श्याम ने किया.

नाटक में कलाकारों का प्रशिक्षित होना और उनके अभिनय को राजधानी के लोग लम्बे समय तक याद रखेंगे. प्रस्तुती के बाद भाजपा के पूर्व सांसद ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया.

PNCDESK

By pnc

Related Post