दिल्ली का क़ुतुब मीनार देखों …सरस मेला में लोगों की भीड़ उमड़ी

By pnc Dec 17, 2022 #RAUSHAN KUMAR #SARASMELA 2022




सरस मेला में ग्रामीण शिल्प और  व्यंजनों के 489 स्टॉल

मक्के की रोटी, चने की साग से राजस्थानी व्यंजन

 “उद्धमिता से सशक्तिकरण” की थीम के साथ बिहार सरस मेला गांधी मैदान , पटना में प्रारंभ हो गया है . मेला में बिहार समेत 19 राज्यों के स्वयं सहायता समूह और स्वरोजगारी अपने-अपने क्षेत्र के ग्रामीण शिल्प, कलाकृतियाँ और व्यंजन को लेकर उपस्थित हैं . बिहार सरस मेला,  ग्रामीण विकास विभाग के तत्वाधान में जीविका द्वारा 15 से 29 दिसंबर तक आयोजित है .

पहले ही दिन 15 दिसंबर को 38 हजार से ज्यादा लोग आये और लगभग नौ लाख 18 हजार रुपये के उत्पादों की खरीद-बिक्री हुई .  ग्रामीण शिल्प को बाज़ार उपलब्ध करने के उदेश्य से आयोजित सरस मेला में ग्रामीण शिल्प और  व्यंजनों के 489 स्टॉलों पर आगंतुकों की भीड़ उमड़ पड़ी है. जिसमे 195 स्टॉल पर जीविका समूह की ग्रामीण उद्धमियों, 145 स्टॉल स्वरोजगारियों , 38  स्टॉल विभिन्न विभाग, बैंक,  संस्थान एवं अन्य राज्यों के आजीविका मिशन के 68 स्टॉल पर उत्पाद प्रदर्शनी, एवं बिक्री के साथ ही आगंतुकों को जागरूक करने के उद्देश्य से लगाये गए हैं.

स्टॉल और ओपन एरिया में आगंतुक ग्रामीण शिल्प और कलाकृतियों से रूबरू हो रहे हैं. दुसरे दिन शुक्रवार को लगभग 40 हजार मेला के कद्रदान आये. आम से लेकर खासतक खरीददारी तो कर ही रहे हैं फूड जोन मे मशरूम का पकौड़ा , मक्के की रोटी, चने की साग, खाजा, राजस्थानी कचौड़ी, बारा मिठाई , मशरूम के पकौड़े समेत कई तरह के व्यंजनों के स्वाद ले रहे हैं. जीविका दीदियों द्वारा संचालित दीदी की रसोई के व्यंजन के प्रति भी आगंतुकों का आकर्षण देखते ही बन रहा है .

कारपेट, टेरकोटा, ड्राई फ्लावर के साथ- साथ सजावट और शृंगार के सामानो की खरीद- बिक्री खूब हो  रही है . घर – कार्यालय  के लिए सजावट के सामान, फर्नीचर और खादी के परिधानों की खरीद- बिक्री भी शुरू हो गई है . देश भर की लोक कलाएं , गीत एवं नृत्य और विलुप्त हो रही कलाकृतियाँ एक बार फिर से सरस मेला परिसर में पुनर्जीवित हो गई हैं . दोपहर में सास्कृतिक मंच पर महिला विकास निगम के तत्वाधान में लोक कलाकारों ने बाल विवाह एवं दहेज़ प्रथा पर आधारित नाटकों और गीत की प्रस्तुति की .

संध्या काल में मुस्कान सांस्कृतिक मंच, पटना के शक्ति कुमार एवं ममता सरगम ने गजल गायन की प्रस्तुति दी . “साथ छुटेगा कैसे आपका मेरा गजल” ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया .  इसके बाद कला संस्कृति एवं युवा विभाग के तत्वाधान में लोक गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति हुई . सेमिनार हॉल में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा ऑन लाइन बैंकिग विषय पर लोगो को जागरूक करने के उद्देश्य से सेमिनार  का आयोजन किया गया .

सेमिनार में अनुराग उपाध्याय, प्रबंधक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दर्शकों को ऑन लाइन फ्रॉड को लेकर आर.बी.आई की भूमिका पर प्रकाश डाला और ऑन लाइन फ्रॉड से बचाव एवं फ्रॉड होने की स्थिति में अग्रतर कारवाई के बारे में बताया .  सांस्कृतिक कार्यक्रम, समसामयिक विषयों पर परिचर्चा एवं नुक्कड़ नाटकों की प्रस्तुति मेला परिसर में प्रतिदिन होगी . इस बार मेला में परंपरा और हुनर के साथ ही बचपन के खिलौने की भी बिक्री हो रही है . बाइस्कोप , फन जोन और पालना घर आकर्षण के खास केंद्र हैं . 

मेला सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक चलेगा . प्रवेश निःशुल्क है . बिहार सरस मेला इस बार “उद्धमिता से सशक्तीकरण” की थीम पर आधारित है .

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